टैम्पोन या मेन्सट्रुअल कप सुविधाजनक पीरियड प्रोडक्ट हैं। इसके बावजूद इनके प्रयोग को लेकर अकसर महिलाओं के मन में संशय बना रहता है। खासतौर से टीनएज लड़कियों के बारे में। तो इस बारे में सब कुछ जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की। ताकि वे बता सकें कि कब और कैसे करें इनका इस्तेमाल।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इनका प्रयोग पीरियड शुरू होने के तुरंत बाद भी किया जा सकता है। यदि आपकी बहन या कोई रिश्तेदार के मन में किस उम्र में शुरू करें इस्तेमाल को लेकर कुछ आशंकाएं हैं, तो यहां इनके प्रयोग के उम्र के बारे में जानकारी दी गई है।
25 या उससे अधिक उम्र की महिलाओं के लिए टैम्पोन या मेन्सट्रुअल कप का प्रयोग करना तो आसान होता है, लेकिन जिन लड़कियों या बच्चियों में पीरियड की अभी शुरुआत हुई है, वे इनके प्रयोग को लेकर झिझकती हैं। उन्हें इस बात का डर लगता है कि कहीं टेम्पोन अंदर योनि में लगाने पर शरीर में खो न जाएं।
टेम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप को लेकर कुछ मिथ भी हैं। उन्हें इस बात का डर लगता है कि कहीं यह उनका हाइमन ब्रेक न कर दे। एक्सपर्ट के अनुसार, जैसे ही बच्चियों में पीरियड स्टार्ट हो जाता है, तो वे प्यूबर्टी गेन कर लेती हैं और किसी भी प्रकार के टेम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप के प्रयोग के लिए पूरी तरह तैयार होती हैं। इन सभी से संबंधित कोई भी मिथ सच नहीं है।
पर टेम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप का प्रयोग कब से शुरू करना चाहिए, इसके बारे में हमने विस्तार से बात की गाइनेकोलॉजिस्ट एंड ऑब्सटेट्रिक्स डॉ. कृति अरोड़ा से।
डॉ. कृति के अनुसार, लड़कियां किसी भी उम्र में मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल शुरू कर सकती हैं। यहां यह ध्यान देना होगा कि वे इसका प्रयोग करने में सहज हों। कई बार लड़कियां टेम्पोन के धागे से डर जाती हैं। इन दिनों 11 वर्ष मे भी लड़कियों की पीरियड स्टार्ट हो जाता है। वे भी इसका प्रयोग करने लगती हैं।
इसलिए टेम्पोन के उपयोग के लिए कोई न्यूनतम आयु नहीं है। वे सैनिटरी पैड, टेम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप में किसका चुनाव करें, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय होगा। इसके इस्तेमाल से पहले उनके द्वारा योनि में लगाना सीखना महत्वपूर्ण है।
पहली बार में टेम्पोन का उपयोग करना सीखना कठिन लग सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से सामान्य प्रक्रिया है। एक बार जब वह इन्हें ठीक से लगाना सीख जाएंगी, तो उन्हें किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसे लगाने में दर्द भी नहीं होता है। घूमते या खेलते समय इसे वह महसूस भी नहीं कर सकती हैं।
इन दिनों बाजार में कई सारे विकल्प मौजूद हैं। यदि किसी लड़की का हाल में पीरियड शुरू हुआ है, तो वह लाइट फ्लो वाले पतले टेम्पोन का उपयोग कर सकती है। क्योंकि वे छोटे और डालने में आसान होते हैं। कुछ दिनों बाद जब उसे अपने ब्लड फ्लो के बारे में सही जानकारी मिल जाएगी कि उसे कितना ब्लड फ्लो होता है, तो फिर वह उस तरह के टेम्पोन पर स्विच कर सकती है।
मेंस्ट्रुएशनल फ्लो के अनुसार लाइट, रेगुलर और सुपर एब्जॉर्बशन वाले टेम्पोन भी उपलब्ध हैं। कॉटन और रेयॉन से बने टेम्पोन के टिप को पकड़कर योनि के स्किन के फोल्ड को खोला जाता है। फिर धागे को अंदर की ओर स्लाइड कराया जाता है।
डॉ. कृति के अनुसार, पीरियड स्टार्ट होते ही मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल शुरू किया जा सकता है। साफ-सफाई के दृष्टिकोण से सेनिटरी पैड के मुकाबले बढ़िया होने के साथ-साथ यह किफायती भी है। इन दिनों टीनएजर लड़कियों को ध्यान में रखकर कई आकार के मेंस्ट्रुअल कप मौजूद हैं। सिलिकॉन या लेटेक्स से बने मेंस्ट्रुअल कप को बिना एप्लीकेटर की सहायता के टेम्पोन की तरह ही योनि के अंदर डाला जाता है। यह ब्लड को इकट्ठा करता है।
इन दिनों अलग-अलग आकार के मेंस्ट्रुअल कप मौजूद हैं। टींस को यह ध्यान देना होगा कि कौन सी साइज का कप उनके लिए स्यूटेबल है। यदि वह बड़ी साइज की मेस्ट्रुअल कप खरीद लेती हैं, तो न सिर्फ उसे फिट करने में उन्हें परेशानी होगी, बल्कि लीकेज का डर भी लगा रहेगा।
इसलिए हमेशा अपनी साइज के अनुसार इसकी खरीदारी करें। पीरियड के दौरान योनि सामान्य से अधिक लचीली हो जाती है। ब्लड भी ल्यूब्रिकेंट की तरह काम करता है। इसलिए वह आराम से इसे योनि के अंदर डाल सकती है।
टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप के उपयोग करने के बारे में कुछ मिथक हैं। कुछ मांओं को यह चिंता हो सकती है कि टेम्पोनन या मेंस्ट्रुअल कप के उपयोग करने से उनकी बेटी अपनी वर्जिनिटी खो सकती है। यह पूरी तरह निराधार है। टेम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप धीरे से हाइमन को फैलाता है। दूसरी ओर वर्जिनिटी एक सामाजिक अवधारणा है, जो सेक्स से संबंधित है न कि सेनिटरी प्रोडक्ट्स से।
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