scorecardresearch

डियर गर्ल्स, अनियमित पीरियड्स कहीं फैटी लिवर का संकेत तो नहीं, जानिए क्या है पीसीओएस और लिवर डिजीज का कनैक्शन

अनियमित पीरियड्स यानी एक तरह से पीसीओएस (PCOS) भी फैटी लिवर का कारण बन सकता है। एक्सपर्ट बता रहे हैं पीसीओस और लिवर हेल्थ का कनैक्शन।
Updated On: 29 Oct 2023, 08:15 pm IST
  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
pcos aur liver disease ka hai sambandh
पीसीओएस की वजह है हार्मोनल डिसबैलेंस चित्र : शटरस्टॉक

आजकल पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) के बारे में जागरूकता काफी बढ़ गई है। यह एक तरह का लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। इसकी गंभीरता इसी बात से आंकी जा सकती है कि हर 4 में से 1 स्त्री पीसीओएस से ग्रस्त है। इस में लो या इररेगुलर पीरियड्स के साथ-साथ हाइपरएंड्रोजेनिज्म के लक्षण जैसे मुंहासे, चेहरे के बालों का बढ़ना,गंजापन आदि शामिल हैं।

मगर क्या आप जानती हैं कि यह सिंड्रोम केवल महिलाओं में प्रजनन प्रणाली तक ही सीमित नहीं है। यह हमारे शरीर के हर अंग को प्रभावित कर सकता है – जैसे कि आपका लिवर।

लिवर संबंधी बीमारियों और अनियमित पीरियड्स पर क्या कहता है शोध

दक्षिणी कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं के एक समूह के नए शोध के अनुसार, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से पीड़ित महिलाओं में लिवर रोग खासतौर से Nonalcoholic fatty liver disease (NAFLD) विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। पीसीओएस एक हार्मोन असंतुलन है, जो इंसुलिन प्रतिरोध द्वारा प्रकट होता है। यह ओव्यूलेशन और प्रजनन क्षमता में हस्तक्षेप करता है।

जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (NALD) वाली चार महिलाओं में से एक को नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस हो सकता है। यह नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) का सबसे गंभीर रूप है। इम के स्तर का मापन इस तरह के लीवर की क्षति का पता लगाने में विफल हो सकता है।

क्या वाकई पीसीओएस या अनियमित पीरियड्स आपके लिवर स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं? इस बारे में और जानने के लिए हमने मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं प्रसूति सलाहकार, डॉ. अनघा छत्रपति से बात की। डॉ अनघा से जानते हैं पीसीओएस और लिवर हेल्थ का कनैक्शन।

pcos ek jatil stithi hai
पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Polycystic Ovarian Syndrome) एक जटिल स्थिति है। चित्र : शटरस्टॉक

डॉ. अनघा के अनुसार – ” नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डीजीज (NAFLD) लिवर की बीमारी का सबसे आम कारण है, जो अंतिम चरण के लिवर की विफलता के गंभीर परिणामों में बढ़ सकता है।”

आखिर क्यों है पीसीओएस, नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डीजीज का कारण?

डॉ. अनघा बताती हैं कि – ”इंसुलिन प्रतिरोध के विकृति के कारण पीसीओएस के रोगियों में एनएएफएलडी देखा गया है। मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध और एण्ड्रोजन की अधिकता से मेटाबॉलिक सिंड्रोम होता है जो लिवर में वसा के संचय का सबसे आम कारण है जिससे लिवर खराब हो जाता है।”

Pollपोल
पुरुषों में महिलाओं को सबसे ज्यादा क्या आकर्षित करता है?

”इंसुलिन प्रतिरोध त्वरित लाइपोलिसिस का कारण बनता है जिससे लिवर में फैटी एसिड के मुक्त प्रवाह में वृद्धि होती है, जिससे वसा जमा होती है। इससे होने वाली क्षति शराब के कारण होने वाले डैमेज के समान है। अन्य योगदानकर्ताओं में पोषण संबंधी विकार, कुछ दवाएं और अन्य स्थितियां शामिल हैं जो हेपेटाइटिस समूह के वायरस (हेप बी. या हेप सी.) के संक्रमण के रूप में लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।”

यदि आपको है PCOS तो कैसे पता चलेगा कि आप भी हैं लिवर डिजीज की चपेट में

पीसीओएस से जूझ रही महिलाओं में फैटी लिवर रोग में योगदान करने वाले कारकों में शामिल हैं:

पेट का अतिरिक्त वजन
उच्च ट्राइग्लिसराइड्स
हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल स्तर
कम एचडीएल कोलेस्ट्रॉल स्तर
वसा, चीनी और परिष्कृत खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन
गतिहीन जीवन शैली

तो कैसे किया जाए पीसीओएस और नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डीजीज से अपना बचाव

यदि आप इससे बचना चाहती हैं, तो अपना वज़न कम करें, संतुलित आहार लें और एक्सरसाइज़ करना न भूलें। डॉ. छत्रपति के अनुसार ”उपचार में आहार, वजन घटाने और व्यायाम सहित जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं जो सबसे उपयुक्त हैं। चिकित्सा प्रबंधन में मेटफोर्मिन शामिल है जो इंसुलिन प्रतिरोध वाले मधुमेह रोगियों को दी जाने वाली दवा है।”

यह भी पढ़ें : गैस बनने का कारण हो सकता है पेट में मौजूद इन 5 तरह की वायु का असंतुलन, इन योगासनों से करें उन्हें संतुलित

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

अगला लेख