मेंसट्रूअल डिसऑर्डर में कई सारी समस्याएं होती हैं। ये किसी भी महिला के पीरियड या मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकती हैं। इनमें अनियमित पीरियड, हेवी फ्लो, पेनफुल पीरियड, इररेगुलर या पीरियड नहीं होना जैसी कई समस्याएं शामिल हैं। इन विकारों के कई कारण हो सकते हैं। हार्मोनल असंतुलन, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), थायरॉयड डिसऑर्डर, यूट्रस फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस, स्ट्रेस और अन्य कई कारण हो सकते हैं। होमियोपैथी में इनका उपचार (menstrual disorder in homeopathy) किया जा सकता है।
पेनफुल पीरियड (Dysmenorrhea) : पेनफुल पीरियड दो तरह से हो सकता है। किसी ख़ास मेडिकल कंडीशन के अभाव में यह हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉएड या पेल्विक इन्फ्लेमेशन डिजीज के कारण भी पेनफुल पीरियड हो सकता है।
एमेनोरिया(Amenorrhea) : रिप्रोडक्टिव एज में भी महिलाओं में पीरियड नहीं हो सकता है। प्राइमरी एमेनोरिया के कारण किसी लड़की को 16 साल की उम्र तक मासिक धर्म शुरू नहीं होता है। सेकेंडरी एमेनोरिया रिप्रोडक्टिव एज में किसी महिला को अनियमित या कम से कम तीन महीने तक पीरियड नहीं होना हो सकता है।
मेनोरेजिया(Menorrhagia: मेनोरेजिया में असामान्य रूप से हेवी ब्लड फ्लो होता है। इसके अलावा, अनियमित पीरियड (Oligomenorrhea), अनियमित ब्लड फ्लो (Metrorrhagia) भी हो सकता है।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS): पीएमएस शारीरिक और भावनात्मक अस्वस्थता को बताता है, जो पीरियड से पहले के दिनों में होते हैं।
प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD): पीएमएस के गंभीर लक्ष्ण पीएमडीडी में हो सकते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) :यह एक ऐसी स्थिति है, जहां गर्भाशय को घेरने वाले ऊतक इसके बाहर बढ़ने लगते हैं। इससे दर्द और प्रजनन संबंधी समस्याएं होती हैं।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS): पीसीओएस एक हार्मोनल विकार है, जहां अंडाशय में सिस्ट विकसित हो सकते हैं। ओव्यूलेशन अनियमित या नहीं हो सकता है।
फाइब्रॉएड: यूटेरिन फाइब्रॉएड नॉन-कैंसर वृद्धि है, जो पेनफुल पीरियड का कारण बन सकती है।
पेरिमेनोपॉज़ के दौरान मासिक धर्म संबंधी अनियमितताएं (Menstrual Irregularities during Perimenopause) : जैसे-जैसे महिलाएं मेनोपॉज के करीब होती हैं, उनका पीरियड अनियमित हो जाता है।
होम्योपैथी में व्यक्ति के लक्षणों, समग्र स्वास्थ्य और भावनात्मक स्थिति की विस्तृत जांच की जाती है। इसके आधार पर इलाज किया जाता है। पीरियड संबंधी विकारों के लिए उपयोग किए जाने वाले सामान्य होम्योपैथिक उपचार इनसे किया जा सकता है।
1 बेलाडोना (Belladonna) : पेनफुल पीरियड के कारण चेहरा लाल हो जाता है। पेल्विक रीजन में एंठन महसूस होती है, तो यह दवा ली जाती है।
2 नेट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum muriaticum): अनियमित पीरियड होने पर यह दवा ली जाती है। स्ट्रेस या इमोशनल हेल्थ प्रभावित होने पर यह दवा अधिक कारगर (menstrual disorder in homeopathy) है।
3 कौलोफिलम (Caulophyllum) : लेबर पेन या गर्भाशय में किसी प्रकार की दिक्कत होने पर यह दवा ली जाती है। अनियमित और पीरियड क्रैम्प होने पर भी इसका उपयोग किया जाता है ।
4 पल्सेटिला (Pulsatilla): अनियमित या बहुत दिनों तक रुका हुआ पीरियड के कारण मूड में बदलाव और अन्य समस्याएं हो रही हैं, तो यह दवा कारगर (menstrual disorder in homeopathy) होगी।
5 सीपिया(Sepia): पेल्विक रीजन में दर्द, पेनफुल पीरियड में यह दवा ली जाती है। मेनोपॉज के लक्षणों स निपटने के लिए भी सीपिया का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से किसी का भी उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब डॉक्टर लेने की सलाह देते हैं।
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