जब से कोविड-19 ने हमारे जीवन में प्रवेश किया है, तब से सब कुछ बदल गया है। हमारे शरीर में जो कुछ भी होता है वह किसी भी तरह से वायरस से संबंधित हो भी सकता है और नहीं भी। तो हमने सोचा कि अगर यह महामारी हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रही है, तो शायद यह माहवारी में होने वाली ब्लीडिंग को भी प्रभावित कर रही होगी। हालांकि, कोविड-19 और पीरियड्स को लेकर काफी सिद्धांत हैं, लेकिन हम एक ठोस जवाब की तलाश कर रहे हैं।
इसलिए हमने इसके आधार को समझने के लिए, मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल की श्रेष्ठ स्त्री एवं प्रसूति विशेषज्ञ (ob-gyn) से परामर्श किया। तो चलिए आपको बताते हैं, कि डॉ. ज्योति का इस बारे में क्या कहना है।
डा. कुलकर्णी अपने रोगियों में मासिक धर्म पर कोविड-19 के प्रभावों को देखती रही हैं। वे बताती हैं, 46 वर्षीय स्मिता अचानक मेरे कैबिन में आईं और मुझसे कहने लगी कि डॉक्टर मुझे खून के थक्कों के साथ बहुत ब्लीडिंग हो रही है।
डा. कुलकर्णी कहती हैं कि शुरुआत से ही उनका मासिक धर्म चक्र काफी नियमित रहा है। मैंने उसे नियमित रूप से गैर-हार्मोनल एंटीफिब्रिनोलिटिक्स और प्लेटलेट फ़ंक्शन दवाओं का सुझाव दिया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। हमने हार्मोनल दवाओं को भी ट्राय किया, लेकिन वे भी सफल नहीं हुईं।
कई तरह की जांच के बाद, यह पाया गया कि उनके रक्त की मात्रा सामान्य थी, सिवाय उनकी प्लेटलेट काउंट के, जो कि 1.6 लाख थी। अन्य हार्मोनल कारण और सोनोग्राफी भी सामान्य थी। उसके बाद हमने एंडोमेट्रियल बायोप्सी की योजना बनाई।
लेकिन इससे पहले उनका कोवि़ड -19 टेस्ट किया गया जो पॉजिटिव था। हम इस प्रक्रिया में से तुरंत आगे नहीं बढ़ सकते थे, लेकिन इसने मेरे मन में एक सवाल जरूर उठाया, “क्या कोविड -19 संक्रमण से, गर्भाशय से भारी रक्तस्राव हो सकता है?”
डा. कुलकर्णी कहती हैं कि कोविड -19 रोगी आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षणों और श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित होते हैं। हालांकि, हमने कुछ विचित्र घटनाओं को भी देखा है। जो रेटिना के रक्त प्रवाह के समावेश के कारण गैस्ट्रोएंटेराइटिस (gastroenteritis), गहरी शिरा घनास्त्रता (deep vein thrombosis), फुफ्फुसीय शल्यता (pulmonary embolism), स्ट्रोक और दृश्यता संबंधी गड़बड़ी (stroke and visual disturbances) को ट्रिगर करती हैं।
मासिक धर्म वास्तव में मानव शरीर के हार्मोनल ऑर्केस्ट्रा की प्रतिक्रिया है। यह एक प्रजनन प्रणाली की भलाई और स्वास्थ्य को भी इंगित करता है। प्रकृति ने हमें श्रोणि क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में संपार्श्विक रक्त की आपूर्ति देकर गर्भाशय और अंडाशय की बहुत देखभाल की है। इसलिए हम आमतौर पर थ्रोम्बोम्बोलिक घटनाओं के किसी भी दीर्घकालिक प्रभाव में नहीं आते हैं, जो मासिक धर्म की गड़बड़ी का कारण बनते हैं।
डां कुलकर्णी कहती हैं कि मेरी राय में, संदर्भों और सामान्य अवलोकनों द्वारा समर्थित, एक कोविड-19 संक्रमण मासिक धर्म चक्र में गड़बड़ी का कारण नहीं होगा।
लेकिन मनोवैज्ञानिक तनाव और पीरिड्स के बीच एक कड़ी का पता लगता है।
उनके अनुसार, जब आप तनावग्रस्त होती हैं या बहुत चिंतित होती हैं, तो आपके हार्मोनल स्तर में बदलाव होता है। इस हार्मोनल असंतुलन का मासिक धर्म चक्र पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके कारण या तो आपके पीरियड्स रूक सकते हैं या अनियमित हो सकते हैं।
वास्तव में तनाव के कारण आपको महीने में दो बार भी पीरियड्स हो सकते हैं।
मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. बिल्सी मित्तल कहती हैं, यह आजकल की युवतियों के साथ होता है। अपने व्यस्त रूटीन के कारण, उनके हार्मोन में बदलाव होते हैं। इसके अलावा, अस्वास्थ्यकर आदतें उनके मामलों को एक महीने में दो बार पीरियड्स की स्थिति में पहुंचा सकते हैं।
यह सिर्फ तब तक सामान्य है जब यह एक या दो बार होता है। यदि ऐसा अक्सर होता है, तो उन्हें अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
अगर ऐसे में यह महामारी आपको हर समय तनावग्रस्त बना रही है, तो आपके पीरियड्स के जल्द होने की संभावना है।
अंत में हम यह कह सकते हैं कि अगर महामारी के बीच आपके मासिक धर्म चक्र में कोई गड़बड़ी होती है, तो इसका तनाव एकमात्र कारण है, साथ ही वायरस का इससे कोई लेना देना नहीं है।
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