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क्या समलैंगिक जोड़ों को भी हो सकता है एसटीडी का जोखिम? हम देते हैं आपके सवाल का जवाब

इस विश्व एड्स जागरूकता दिवस आइये जानते हैं कि समलैंगिक जोड़ों को भी होता है एसटीडी का जोखिम।
Updated On: 1 Dec 2020, 11:43 am IST
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क्या समलैंगिक जोड़ों को भी हो सकता है एसटीडी का जोखिम? चित्र : शटरस्टॉक

जब भी एड्स या सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन की बात होती है, हमारे दिमाग में अनायास ही महिला और पुरुष के संबंध आ जाते हैं। लेकिन क्या समलैंगिक संबंधों में भी एसटीडी का जोखिम होता है? ये एक बेहतरीन प्रश्न है। सेक्स का अर्थ सिर्फ पेनेट्रेशन नहीं होता, ये तो आप जानती होंगी। अगर आप या आपकी परिचित कोई भी समलैंगिक है तो उनको भी एड्स समेत कई सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन हो सकते हैं।

दरअसल सेक्स के माध्यम से इन्फेक्शन फैलने का सबसे बड़ा कारण होता है बॉडी फ्लूइड यानी शारिरिक द्रव्य। समलैंगिक संबंधों में भी बॉडी फ्लूइड का सम्पर्क होता है। हां ये सच है कि लेस्बियन कपल्स में सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन होने का रिस्क अमूमन कम होता है, लेकिन फिर भी रिस्क तो होता है।

क्या समलैंगिक संबंधों में हो सकता है एड्स?

एड्स (AIDS) यानी अक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम HIV वायरस के कारण होता है। सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि HIV संक्रमण का एकमात्र स्रोत सेक्स या शारीरिक संबंध नहीं है। HIV किस करने या ओरल सेक्स से नहीं होता। संक्रमित सीमन या खून HIV संक्रमण का सबसे प्रमुख कारण है। इसलिए समलैंगिक कपल्स में सेक्स के माध्यम से एड्स होने की संभावना कम रहती है।

हालांकि संक्रमित खून, इंजेक्शन, मां से बच्चे में HIV का संक्रमण होने की संभावना उतनी ही होती।

समलैंगिक जोड़ों को भी होता है एसटीडी का जोखिम। चित्र : शटरस्टॉक

इसके अतिरिक्त समलैंगिक कपल्स में क्लैमाईडिया, गोनोरिया, सिफलिस और हर्पीस का जोखिम उतना ही होता है।

1. क्लैमाइडिया

क्लैमाइडिया एक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। इसके मामले में संभावित रूप से कोई लक्षण दिखाई नहीं देता। अचानक ब्लीडिंग, योनि में खुजली और जलन इस समस्या के लक्षण हो सकते है।

2. गोनोरिया

गोनोरिया भी बैक्टीरिया से फैलने वाला सेक्सुअल इन्फेक्शन है। इससे प्रभावित होने पर योनि से सफेद डिस्चार्ज, पेशाब करते समय जलन, दर्द या गले में खराश जैसे अनुभव हो सकते हैं। गोनोरिया के कारण बांझपन तक हो सकता है।

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3. सिफलिस

सिफलिस एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो शुरुआत में अक्सर दर्दहीन दाने के रूप में नजर आता है। आगे चलकर यह बहुत दर्दनाक हो सकता है। अगर शुरुआती स्टेज में इसका पता नहीं चला तो यह आपके दिमाग, नसों, आंखों, यहां तक कि दिल को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। महिलाओं में सिफलिस होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि महिलाओं के सेक्सुअल ऑर्गन का सरफेस एरिया अधिक होता है।

4.जेनाइटल हर्पीस

हर्पीस एक आम सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन है जिसके प्रमुख लक्षण जेनिटल हिस्सों में दर्द, छाले और खुजली हैं। लेकिन कई बार व्यक्ति को इंफेक्शन के लक्षण नजर नहीं आते। इसलिए इसकी नियमित जांच करवाने की सलाह दी जाती है।

तो लेडीज, आप ये जान लें कि समलैंगिक संबंधों में लापरवाही बरतना खतरे से खाली नहीं है। डेंटल डैम का प्रयोग करें ताकि आपके मुंह के कोई बैक्टीरिया वेजाइना तक ना पहुंचें। इसके साथ ही जेनिटल स्वास्थ्य का अत्यधिक ध्यान रखें।याद रखें, आपका स्वास्थ्य सर्वोपरि है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
विदुषी शुक्‍ला
विदुषी शुक्‍ला

पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते।

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