क्या इमरजेंसी पिल्स का ज्यादा इस्तेमाल बच्चेदानी को कमजोर कर देता है? एक्सपर्ट दे रहीं हैं इस सवाल का जवाब

अन प्रोटेक्टिड सेक्स के बाद ज्यादातर महिलाएं इमरजेंसी कॉनट्रासेप्टिव के रूप में कुछ गोलियों का सेवन करती हैं। हालांकि इनके पैकेट पर चेतावनी लिखी होती है, इसके बावजूद इनका इस्तेमाल जारी है।
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इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स के ज्यादा सेवन से गर्भाशय में कोई दिक्कत नहीं होती है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Published On: 8 May 2023, 09:00 pm IST

कपल्स द्वारा पूछे जाने वाले सबसे आम सवालों में से एक यह है कि क्या आई-पिल या अनवांटेड प्रेगनेंसी पिल्स का ज्यादा इस्तेमाल उनकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है? अधिकांश जोड़े इस सवाल का जवाब न मिल पाने के कारण दुविधा में रहते हैं।

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स हॉर्मोन आधारित गोलियां हैं, जो महिलाओं के शरीर में हार्मोन लेवोनोर्गेस्ट्रेल या यूलिप्रिस्टल एसीटेट में से किसी एक को रिलीज करके काम करती है। यह अंडे के रिलीज में देरी करके ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में देरी करता है। ये गोलियां असुरक्षित सेक्स करने के 72 घंटे के अंदर महिलाएं मौखिम रूप से लेती हैं।

गर्भनिरोधक गोली कैसे काम करती है?

ओव्यूलेशन

गोली के काम करने का मुख्य तरीका मासिक चक्र के दौरान ओव्यूलेशन को रोकना है। इसलिए, यदि अंडाशय अंडा जारी नहीं करता है, तो शुक्राणु गर्भधारण का कारण बनने के लिए अंडे को फर्टाइल नहीं कर सकता है। गोली फैलोपियन ट्यूब से अंडे को गर्भाशय की ओर ले जाने की संभावना भी कम कर सकती है।

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सर्वाइकल म्यूकस

अगला तरीका है कि गोली गर्भावस्था को रोकती है, गर्भाशय ग्रीवा के म्यूकस को मोटा कर देती है, जो गर्भाशय के आसपास पाया जाने वाला एक चिपचिपा तरल पदार्थ है। गोली गर्भाशय ग्रीवा के म्यूकस को सामान्य से अधिक चिपचिपा बनाती है, जिससे शुक्राणु की गर्भाशय ग्रीवा से गुजरने और अंडे तक पहुंचने की क्षमता कम हो जाती है।

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इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स (EC) गोली, जिसे कभी-कभी मॉर्निंग-आफ्टर पिल कहा जाता है चित्र : शटरस्टॉक

सामान्य परिस्थितियों में, ओव्यूलेशन होने पर म्यूकस पतला हो जाता है, जो शुक्राणु के मार्ग को आसान बनाता है और उन्हें अच्छा वातावरण प्रदान करता है।

एंडोमेट्रियम

गर्भावस्था को रोकने के लिए गोली जिस अंतिम तरीके से काम करती है, उसमें एंडोमेट्रियम शामिल है, जो गर्भाशय की परत है। हार्मोनल गर्भनिरोधक एंडोमेट्रियम को पतला करते हैं और फर्टाइल अंडे को प्रत्यारोपित करने के लिए इसे और अधिक कठिन बनाते हैं। आरोपण के बिना, एक फर्टाइल अंडा जीवित रहने और बढ़ने के लिए आवश्यक पोषक तत्व और रक्त प्राप्त नहीं कर सकता है।

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सामान्य परिस्थितियों में, ओव्यूलेशन के दौरान एंडोमेट्रियम गाढ़ा हो जाता है ताकि एक ऐसी जगह बनाई जा सके जहां एक फर्टाइल अंडा प्रत्यारोपित और विकसित हो सके।

क्या ये दवाएं गर्भाशय को कमजोर करती हैं?

क्या इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स के सेवन से आपकी प्रोगनेंसी में कोई दिक्कत होती है या नहीं ये जानने के लिए हमने बात की अपोलो दिल्ली और आर्केडी विमेन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी की डायरेक्टर, स्त्री रोग विशेषज्ञ और टेस्ट ट्यूब बेबी स्पेशलिस्ट डॉ. पूजा दिवान से।

पूजा दिवान कहती है कि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स के ज्यादा सेवन से गर्भाशय में कोई दिक्कत नहीं होती है। ये बिल्कुल एक मिथ है कि आई पिल के ज्यादा सेवन से प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की कोई दिक्कत हो सकती है।

पूजा दिवान कहती हैं कि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स के सेवन से आपके पीरियड का समय प्रभावित हो सकता है। जैसे अपके पीरियड निर्धारित समय से 3 से 4 दिन पहले आ सकते हैं या इससे लेट भी हो सकते हैं। लेकिन इससे आपके बच्चेदानी पर कोई असर नहीं पड़ता।

इनके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव्स (EC) गोली, जिसे कभी-कभी मॉर्निंग-आफ्टर पिल कहा जाता है, का कोई दीर्घकालिक या गंभीर दुष्प्रभाव नहीं पाया गया है। ज्यादातर मामलों में, EC लेने वाली महिलाओं को कोई जटिलता नहीं देखी गई है। हालांकि, EC गोली के कुछ रूपों के मामूली दुष्प्रभाव हो सकते है। सबसे आम दुष्प्रभावों में शामिल है-

जी मिचलाना
उल्टी करना
सिर दर्द
थकान
बेचैनी
चक्कर आना

क्या है इन गोलियों के इस्तेमाल का सही तरीका

इसे असुरक्षित असुकक्षित सेक्स करने के 24 से 72 घंटों के भीतर खा लेना चाहिए क्योंकि जितनी जल्दी गोली ली जाती है उसका प्रभाव उतना ही अधिक होता है। इसलिए, यह सबसे प्रभावी होता है जब सेक्स के तुरंत बाद 24 घंटे तक लिया जाता है यदि इसे 72 घंटों के बाद लिया जाता है, तो यह बिल्कुल काम नहीं कर सकता है। अगर आप इसे 48 घंटे बाद भी लेती है तो इसकी संभावनी 40 से 45 प्रतिशत घट जाती है।

आपको सेक्स के दौरान सबसे पहले प्रोटेक्शन का ध्यान रखना है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

सेफ सेक्स है बेस्ट

डॉ. पूजा दिवान बताती है कि आपको सेक्स के दौरान सबसे पहले प्रोटेक्शन का ध्यान रखना है क्योंकि सेफ सेक्स आपको कई तरह की बिमारियों और परेशानियों से बचा सकता है। अगर आप अन सेफ सेक्स करते है तो आपको यौन संक्रमण का खतरा हो सकता है। अगर आप सेफ सेक्स नही करते है तो आप STD जैसे एचआईवी या एड्स के शिकार भी हो सकते है।

सेफ सेक्स के लिए हर बार कंडोम का इस्तेमाल करें। इससे आपके कुछ एसटीडी होने की संभावना कम हो जाएगी। आप ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) का शिकार हो सकते हैं, भले ही आप कंडोम का उपयोग करें। लेकिन यदि आप 100% सुनिश्चित हैं कि आपका साथी केवल आपके साथ सेक्स करता है और उसे कोई एसटीडी नहीं है, तो कंडोम आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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