हम में से अधिकांश लोग उन दर्द निवारकों का सेवन करने से पहले शायद ही सोचते हों। हम में से अधिकांश लोग नहीं जानते कि एंटीबायोटिक्स हमारे इम्यून सिस्टम के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं। लेकिन क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि वे आपकी योनि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं? दुर्भाग्य से, यह सच है। एक वैज्ञानिक अनुसंधान यह बताता है कि एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक मात्रा में सेवन करने से योनि में संक्रमण हो सकता है।
इसे विस्तार से समझना जरूरी है, क्योंकि जब आपकी प्रतिरक्षा हर समय कम होती है, तो आपकी योनि पर भी रोगजनकों के हमलों का खतरा होगा। इसके कारण, आप बार-बार योनि संक्रमण (recurring vaginal infections) का अनुभव कर सकती हैं, जो असुविधाजनक, बदबूदार और दही जैसे डिस्चार्ज का कारण बनता है।
इसलिए हमें उन गोलियों को लेने से पहले बहुत सतर्क रहना चाहिए।
गुरुग्राम के सीके बिड़ला अस्पताल के वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुणा कालरा के अनुसार, एंटीबायोटिक्स के एलर्जी और दस्त जैसे विभिन्न दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसमें मौजूद बैक्टीरिया की मात्रा और प्रकार आपकी आंत को प्रभावित कर सकता है। आंत में इन परिवर्तनों से मतली, उल्टी और अन्य जठरांत्र संबंधी दुष्प्रभाव होते हैं। वे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर सकते हैं।
डॉ कालरा बताती हैं, जब आपकी योनि की बात आती है, तो एंटीबायोटिक्स अच्छे और बुरे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकती हैं। यह आपको संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। एंटीबायोटिक्स खराब बैक्टीरिया को आंत में घुसने की अनुमति देते हैं। जिससे वे योनि में प्रवेश कर सकते हैं, इससे संक्रमण हो सकता है। एंटीबायोटिक्स योनि पीएच संतुलन को भी प्रभावित करती हैं।
एंटीबायोटिक दवाओं के ओवरडोज से योनि में फंगल संक्रमण हो सकता है। इन संक्रमणों को फंगल संक्रमण या वेजाइनल कैंडिडिआसिस (vaginal candidiasis) भी कहा जाता है। एंटीबायोटिक्स भी बैक्टीरियल वेजिनोसिस का कारण होते हैं।
तो, अगली बार जब आपको मांसपेशियों में दर्द, फ्लू, या कोई अन्य बीमारी हो, तो कुछ समग्र समाधानों की तलाश करें। एंटीबायोटिक का चयन सिर्फ तभी करें जब समस्या आपे से बाहर हो। खासकर तब, जब आपका डॉक्टर आपको ऐसा करने के लिए कहता है। इस तरह, आप न केवल अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बहाल करने में सक्षम होंगे, बल्कि आप अपने योनि स्वास्थ्य की भी रक्षा करेंगे।
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