स्किन पिगमेंटेशन के बारे में तो हम सभी जानते हैं, परंतु क्या आपने कभी बट स्किन पिगमेंटेशन के बारे में सुना है? ज्यादातर महिलाओं की नितंबों की त्वचा पिगमेंटेड होती है। महिलाएं अक्सर इसे लेकर चिंतित रहती हैं, पर इसके बारे में खुलकर बात नहीं करती। यह महिलाओं में एक बहुत कॉमन समस्या है, जिसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। यदि इन कारणों को समझ कर उनके उपचार पर ध्यान दिया जाए, तो बट स्किन पिगमेंटेशन (Butt hyperpigmentation) को कम किया जा सकता है।
बट स्किन पिगमेंटेशन के कारण और इसे कम करने के उपाय को समझने के लिए डॉक्टर रूपल स्किन क्लिनिक की डायरेक्टर वेनेरोलॉजी, लेप्रोसी डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ रूपल से सलाह ली। तो चलिए जानते हैं, आखिर महिलाओं की बट स्किन पिगमेंटेड क्यों हो जाती है, साथ ही जानेंगे पिगमेंटेशन को हल्का करने के टिप्स (Butt hyperpigmentation)।
बट स्किन पिगमेंटेशन की स्थिति में आपकी नितंबों की त्वचा पर सामान्य त्वचा की रंगत से गहरे रंग के पैचेज नजर आना शुरू हो जाते हैं। त्वचा के कुछ हिस्से साफ होते हैं, तो कुछ हिस्सों पर काले धब्बे नजर आते हैं। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिसकी जानकारी होना जरूरी है।
आपके नितंब में बैठते, उठते और कई अन्य गतिविधियों को करते हुए फ्रिक्शन होता है। त्वचा में कपड़ों और किसी अन्य चीजों के संपर्क में आने के कारण होने वाले फ्रिक्शन त्वचा को इरिटेट कर सकते हैं। जिसकी वजह से हाइपरपिगमेंटेशन हो सकता है।
आमतौर पर महिलाएं अपने समग्र शरीर पर ध्यान देती है, परंतु बट स्किन पर बहुत कम लोग ध्यान देते हैं। जिसकी वजह से उन पर डेड स्किन सेल्स जम आते हैं और त्वचा पिगमेंटेड और डार्क नजर आती है।
यदि आप बहुत ज्यादा टाइट कपड़े पहनती हैं, तो आपकी नितंबों की त्वचा बार-बार कपड़ों के साथ रगड़ खाती है। इसके साथ ही अधिक कसाब होने की वजह से ब्लड फ्लो सामान्य से कम होता है, जिसकी वजह से त्वचा धीरे-धीरे गहरे रंग की हो जाती है।
महिलाओं में हार्मोनल उतार-चढ़ाव सामान्य है। प्यूबर्टी से लेकर प्रेगनेंसी और तमाम अन्य हेल्थ कंडीशन ऐसे हैं, जब महिलाओं के हार्मोंस में बदलाव देखने को मिलता है। वहीं ऐसे में जब शरीर में मेलानिन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, तो हाइपरपिगमेंटेशन की समस्या हो सकती है।
बहुत सी महिलाओं में हाइपर पिगमेंटेशन उनके जेनेटिक से ट्रांसफर हुआ होता है। विशेष रूप से नितंबों की त्वचा पर। ऐसी महिलाओं में मेलानिन का प्रोडक्शन अधिक होता है, जिसकी वजह से उनके नितंब अधिक डार्क होते हैं।
त्वचा संबंधी समस्याओं में एलोवेरा को एक बेहद खास तत्वों के रूप में जाना जाता है। वहीं इसका इस्तेमाल त्वचा पर नजर आने वाले हाइपर पिगमेंटेशन को भी हल्का करने में मदद करता है। ताजे एलोवेरा जेल को अपनी स्किन पर अप्लाई करें और इन्हें कुछ देर तक लगा हुआ छोड़ दें। फिर इसे सामान्य पानी से साफ कर लें, बेहतर रिजल्ट के लिए रोजाना अप्लाई करें।
दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड त्वचा संबंधी समस्याओं में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करती है। लैक्टिक एसिड त्वचा पर नजर आने वाले हाइपरपिगमेंटेशन को हल्का कर देती है और त्वचा की रंगत को एक सामान्य बनाए रखती है। ठंडे दूध में कॉटन का टुकड़ा डुबोएं और इन्हें प्रभावित एरिया पर अप्लाई करें, कुछ देर तक लगा हुआ छोड़ दे। उसके बाद सामान्य पानी से त्वचा को साफ कर लें। बेहतर परिणाम के लिए इसे नियमित रूप से अप्लाई करना जरूरी है।
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नींबू के रस में मौजूद सिट्रिक एसिड हाइपरपिगमेंटेड एरिया को हल्का करने में मदद करती है। इसके नियमित इस्तेमाल से हाइपर पिगमेंटेशन कम होता है, और धीमे-धीमे सामान्य त्वचा की रंगत में मिल जाता है। नींबू के रस को प्रभावित एरिया पर अप्लाई करें और इन्हें 15 से 20 मिनट तक लगा रहने दें। आखिर में इसे सामान्य पानी से साफ कर लें।
ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज इसे त्वचा स्वास्थ्य के लिए बेहद खास बनाती हैं। इसके साथ ही ग्रीन टी में स्किन लाइटनिंग इफेक्ट पाई जाती है, जो त्वचा पर नजर आने वाली पिगमेंटेशन को हल्का करने में मदद करती है।
सामान्य रूप से ग्रीन टी तैयार करें और इन्हें ठंडा होने दें। जब ये ठंडा हो जाए तो कॉटन की मदद से इसे प्रभावित एरिया पर अप्लाई करें। उचित परिणाम के लिए इनका नियमित इस्तेमाल जरूरी है।
नोट: नितंबों की त्वचा पर किसी भी होम रिमेडी का इस्तेमाल करते वक्त एक बात का खास ध्यान रखें, की ये प्रोडक्ट्स आपकी इंटिमेट एरिया विशेष रूप से वेजाइनल पाथ और एनस में प्रवेश न करे।
1. नितंबों की त्वचा को हाइपर पिगमेंटेड होने से बचाना है, तो रोजाना सामान्य त्वचा की तरह इनपर भी मॉइश्चराइजर अप्लाई करें।
2. यदि शॉट्स या बिकनी पहन रही हैं, तो अपने समग्र शरीर पर सनस्क्रीन अप्लाई करें, विशेष रूप से नितंबों की त्वचा पर।
3. अधिक टाइट कपड़े न पहनें, क्योंकि इससे त्वचा में फ्रिक्शन बढ़ता है और स्किन पिगमेंटेड हो सकती है। ढीले-ढाले, हवा पास होने वाले कपड़े पहनें, ताकि त्वचा में हेल्दी ब्लड सर्कुलेशन बना रहे।
4. सोरायसिस, एक्जिमा, बट एक्ने, स्किन ड्राइनेस जैसे स्किन कंडीशन का ध्यान रखना जरूरी है। यदि आपकी त्वचा इनमें से किसी से भी परेशान है, तो फौरन एक्शन लें।
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