वेजाइनल हेल्थ पर सभी ध्यान देते हैं, पर कहीं न कहीं अपने बट हेल्थ को नजरंदाज कर देते हैं। बट अधिक समय तक बैक्टीरिया के संपर्क में होता है, और इसके संक्रमित होने की संभावना भी अधिक होती है। वहीं हम सभी को बट हेल्थ से जुड़े फैक्ट्स के बारे में भी कम पता होता है। ऐसे में हम सभी को बट हेल्थ से जुड़ी जरूरी जानकारी होनी चाहिए। एनस हाइजीन से लेकर बट केयर के बारे में सभी को मालूम होना बहुत जरूरी है,अन्यथा संक्रमण के साथ ही तरह तरह की बीमारियां आपको परेशान कर सकती हैं। इस बारे में अधिक जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रश्मि बालियान से बात की। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, बट हेल्थ से जुड़ी जरूरी जानकारी।
बट एक बेहद संवेदनशील अंग है, खासकर एनस काफी ज्यादा सेंसिटिव होता है। ऐसे में रब या स्क्रब करने से बेहतर है, इसे गुनगुने पानी से साफ करना। वहीं इसके लिए आपको किसी प्रकार के एंटी बैक्टीरियल सोप की आवश्यकता नहीं होती, आप माइल्ड साबुन का इस्तेमाल कर इसे अच्छे से क्लीन कर सकती हैं। आप चाहे तो साबुन के इस्तेमाल को स्किप भी कर सकती हैं, परंतु गुनगुने पानी का इस्तेमाल जरूर करें। इसके लिए आपको अधिक मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है, नियमित रूप से शॉवर लेते हुए इसे गुनगुने पानी से अच्छी तरह क्लीन कर लें।
आजकल लोग टॉयलेट में बैठकर फोन चलाते रहते हैं। जिसकी वजह से काफी ज्यादा टाइम वेस्ट होता है। वहीं ये केवल समय की बर्बादी नहीं है, बल्कि आपके बटॉक्स के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकती है। इससे आपका बट अधिक समय तक बैक्टीरिया के संपर्क में रहते हैं, और संक्रमण तथा अन्य तरह की परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में टॉयलेट टाइम को कम कर आप होने वाली परेशानियों के खतरे को कम कर सकती हैं।
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बिकनी वैक्सिंग के दौरान महिलाएं अपने बटॉक्स को भी वैक्स करवा लेती हैं। आपको ये पता होना चाहिए कि आपका एनस काफी सेंसिटिव होता है, और वैक्सिंग के दौरान इसके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। वैक्स करने के बाद अगर इन ग्रोइंग हेयर्स आते हैं, और किसी प्रकार का कट लग जाता है या जल जाता है, तो आपको काफी परेशानी होती है। एनस हेयर का अपना एक फंक्शन है, ऐसे में इसे प्राकृतिक रूप से छोड़ देना ज्यादा उचित रहेगा।
आंतो की सेहत को बरकरार रखने में फाइबर आपकी मदद कर सकता है। कॉन्स्टीपेशन, इंफ्लेमेशन, पाइल्स आदि जैसी समस्याएं आपके बटॉक्स को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में फाइबर युक्त फल, सब्जी, बींस, नट्स और अनाज के सेवन से पाचन तंत्र को पर्याप्त फाइबर मिलता है जिससे की पाचन संबंधी समस्याएं आपको परेशान नहीं करती हैं, और आपकी आंतों की सेहत बरकरार रहती है।
ज्यादातर महिलाएं सेक्स के बाद वेजाइना को तो क्लीन करती हैं, पर वे अपने बटॉक्स क्लीनिंग को स्किप कर देती हैं। ऐसे में एनस के आसपास संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वहीं बट पर भी रैशेज और रेडनेस नजर आ सकता है। ऐसे में परेशानी से बचाव के लिए सभी को सेक्स के पहले और सेक्स के बाद एनस और बट को अच्छी तरह से क्लीन करना चाहिए। क्लीनिंग से बैक्टीरिया और जर्म का प्रभाव कम हो जाता है और संक्रमण का खतरा भी सीमित हो जाता है। इस प्रैक्टिस को अपनी नियमित आदतों में शामिल करें, इससे बहुत फायदा मिलेगा।
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