बहुत सारी जागरुकता के बावजूद अब भी ज्यादातर लोग मां बन पाने के लिए अकसर महिलाओं में ही कारण ढूंढते हैं। जबकि कई बार इसके लिए कोई भी स्वास्थ्य स्थिति जिम्मेदार नहीं होती। खराब लाइफस्टाइल के कारण स्त्री और पुरुष किसी को भी इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। अगर आप भी बेबी प्लान करना चाहते हैं, तो जानिए कैसे लाइफस्टाइल आपकी फर्टिलिटी (lifestyle habits and fertility) को प्रभावित करता है। साथ ही जानिए वे उपाय जो आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार (how to increase fertility) कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल कैसे आपकी फर्टिलिटी को प्रभावित करता है और कैसे प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है, यह जानने के लिए हमने बात की आर्केडी वीमेन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी की डायरेक्टर डॉ पूजा दिवान से।
डॉ पूजा कहती हैं, “ज्यादातर लोगाें का लाइफस्टाइल ऐसा हो चुका है जिसमें कुछ भी तय नहीं है। भागदौड़ और समय न होने के कारण हम कुछ भी खा रहे हैं। थकान को दूर करने के लिए स्मोकिंग, एल्कोहल का सेवन कर रहे हैं। रात भर सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। ये सभी कारण फर्टिलिटी को प्रभावित करते हैं।
वास्तव में ये सभी चीजें हॉर्मोन पर निर्भर करती हैं और हार्मोन तभी सही ढंग से रिलीज हो पाते हैं, जब आपकी दिनचर्या सही हो। इसलिए अगर आप बेबी प्लान कर रहे हैं, तो आपको सबसे पहले अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान देना होगा।”
लाइफस्टाइल की खराब आदतें महिलाओं और पुरूषों दोनों में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती हैं। इनके अलावा उम्र (उम्र के साथ प्रजनन क्षमता में कमी आती है, विशेष रूप से महिलाओं में), कुछ चिकित्सा स्थितियां (जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या एंडोमेट्रियोसिस),STI यानी यौन संक्रमण, आनुवंशिक विकार, जीवन शैली कारक (जैसे) धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, या मोटापा), और कुछ दवाएं या उपचार (जैसे कीमोथेरेपी)।
डॉ. पूजा दिवान बताती हैं कि कई बार पुरूषों को ये पता ही नहीं होता है कि पेनिट्रेशन की सही जगह क्या है। कई बार गलत जगह से इंटरकोर्स करने की वजह से भी महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती हैं। तो सबसे पहले इसके बारे में अपने डॉक्टर से जानकारी लें और फिर ट्राई करें।
डॉ. पूजा दिवान कहती है कि तनाव के कारण भी इनफर्टिलिटी हो सकती है। इसलिए सबसे पहले आपको तनाव को कम करने के लिए योगा, एक्सरसाइज और मेडिटेशन करना चाहिए। उच्च स्तर का तनाव प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
कई बार इंटरकोर्स के सामय हम कुछ ल्यूब्स का इस्तेमाल करते हैं। बाजार में कई लुब्रिकेंट मौजूद हैं। कुछ सादा हैं, तो कुछ में खुशबू मौजूद होती है। कई लुब्रिकेंट ऐसे होते हैं जो स्पर्म को मार देते हैं। जिससे स्पर्म का प्रभाव खत्म हो जाता है। इसलिए विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही लुब्रिकेंट चुनें। वे ऐसे हों, जो स्पर्म को जीवित रखें।
हार्मोनल संतुलन और समग्र कल्याण का समर्थन करने के लिए एक अच्छी नींद का लेना बहुत जरूरी है। प्रति रात 7-9 घंटे की नींद लें। कई बार नींद ठीक न होने के कारण महिलाओं के पीरियड अनियमित हो जाते है इससे भी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
किसी भी तरह का नशा करने से महिलाओं के अंडों की क्वालिटी पर फर्क पड़ता है। साथ ही पुरूषों में स्पर्म काउंट और मूवमेंट पर भी फर्क पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि अपने लाइफस्टाइल से शराब और स्मोकिंग को बिल्कुल कम कर दें। कम से कम तब तक के लिए इसका सख्ती से पालन करें, जब तक आप बेबी प्लान नहीं कर लेते।
अगर पुरूष ज्यादा टाइट कपड़े या अंडरगारमेंट पहनते हैं, तो इससे उनके टेस्टिकल्स शरीर से चिपक जाते है। शरीर का तापमान ज्यादा गर्म होता है टेस्टिकल्स की तुलना में। जिससे उनमें ठीक से स्पर्म नहीं बन पाता है। टेस्टिकल्स का शरीर से बाहर होने का मतलब है कि उन्हे ठंडा रखा जा सके। इसलिए पुरुषों के लिए ढीले अंडरवियर पहनने की सलाह दी जाती है।
एक संपूर्ण आहार का सेवन करें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा शामिल हों। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे जामुन, पत्तेदार साग और नट्स शामिल करें। इससे भी फर्टिलिटी अच्छी होती है।
मोटापा और कम वजन दोनों ही प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। संतुलित आहार का पालन करके और नियमित शारीरिक गतिविधि में संलग्न होकर स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
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