ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) एक यौन संचारित वायरस है। हालांकि, कई अन्य कारण हैं जो वायरस के संक्रमण में योगदान कर सकते हैं। मगर इस वायरस से खुद को प्रतिरक्षित करने के लिए, यह सलाह दी जाती है कि महिलाओं को एचपीवी का टीका कम उम्र में, नौ साल की उम्र के बाद से ही लेना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि महिलाओं के यौन सक्रिय होने से पहले दिया जाना सबसे अच्छा है।
सीडीसी के अनुसार, यह टीका ह्यूमन पैपिलोमावायरस प्रकारों को रोकने के लिए उपलब्ध है। यह अधिकांश गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के साथ-साथ गुदा, योनी जैसी कुछ कैंसर का कारण बनते हैं। टीका एचपीवी प्रकारों को भी रोकता है जो ज़्यादातर जेनिटल मस्सों का कारण बनते हैं।
जब कई प्रकार के एचपीवी से खुद को बचाने की बात आती है तो एचपीवी वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है। मगर इस बात की संभावना है कि टीका लगने से पहले आप संभोग के माध्यम से वायरस (एचपीवी) के संपर्क में आए हों। इसीलिए इस बात को लेकर भ्रम है कि यौन सक्रिय होने के बाद किसी को एचपीवी का टीका लगवाना चाहिए या नहीं।
इसे डॉ निवेदिता मनोकरण ने संबोधित किया है, जिन्हें इंस्टाग्राम पर dr_nive_untaboos के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के एक त्वचा विशेषज्ञ और वेनेरोलॉजिस्ट हैं और जो सिडनी में यौन और प्रजनन चिकित्सा और एचआईवी दवा में एक चिकित्सक के रूप में भी काम कर रही हैं।
डॉ मनोकरण के अनुसार, इसका उत्तर हां है। वह कहती हैं, “जो लोग पहले से ही यौन रूप से सक्रिय हैं, उन्हें भी एचपीवी का टीका लग सकता है।”
“यौन सक्रिय होने से पहले टीका लगवाने की सिफारिश के पीछे तर्क यह है कि यह एक सामान्य एसटीआई है। इसलिए, यदि आपने अपना यौन जीवन शुरू कर दिया है, तो संभावना है कि आप शायद इसके संपर्क में हैं और आपको टीके से 100 प्रतिशत लाभ नहीं होगा क्योंकि आप पहले से ही वायरस के संपर्क में आने वाले हैं।
वह आगे कहती हैं कि यदि आप एक यौन रूप से सक्रिय हैं, तो यह बताना कठिन है कि क्या आप उस विशेष टीके में सभी उपभेदों के संपर्क में हैं क्योंकि गार्डासिल नाइन वैक्सीन में लगभग 9 उपभेद हैं।
इसलिए, हमें एचपीवी वैक्सीन की आवश्यकता है या नहीं यह एक व्यक्तिगत पसंद है और यह एक चर्चा है जो आपको अपने चिकित्सक या अपने डॉक्टर से करनी चाहिए।
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