STI Awareness Month : समलैंगिकों को ज्यादा हो सकता है एसटीआई का खतरा, जानिए कैसे करना है अपना बचाव

सामाजिक डर, छिपाव और कम जागरुकता के कारण समलैंगिक लोगों में यौन संचरित संक्रमणों का जोखिम ज्यादा होता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने पार्टनर के बारे में सब कुछ जानें।
STI ke baare mei jaankari jaruri hai
जागरूकता के अभाव में कोई भी व्यक्ति या जोड़ा एसटीआई के जोखिम में आ सकता है। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 23 Oct 2023, 09:17 am IST
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किसी के साथ प्यार में होना बुरा नहीं है। न ही समलैंगिक संबंध अब अपराध हैं। पर सामाजिक दबाव, छुपने की भावना और सेक्सुअल संकोच के कारण समलैंगिक लोग खुद को एक तरह के डार्क स्पेस में छुपाए रखते हैं। उसका खामियाजा यह होता है कि वे अपनी समस्याओं के बारे में खुल कर बात नहीं कर पाते। जबकि किसी भी तरह की यौन समस्या से बचने के लिए अपने और अपने पार्टनर के बारे में सब कुछ पता होना जरूरी है। इसके अभाव में कोई भी व्यक्ति या जोड़ा एसटीआई के जोखिम में आ सकता है। अप्रैल एसटीआई जागरुकता माह है। इस माह में आइए जानें कि आप खुद को यौन संचरित संक्रमणों (How to avoid STI) से कैसे बचाए रख सकते हैं।

समलैंगिक विवाह का मुद्दा इन दिनों ज़ोर पकड़ रहा है। हांलाकि ऐसे बहुत से लोग है, जो समलैंगिकता को इलीट क्लास से जोड़कर देखते हैं। मगर ये समाज का केवल एक पक्ष है। जबकि ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है, जो समलैंगिक रिश्ते में हैं और इसका समर्थन करते हैं। पर सहमति और असहमति से अलग वास्तविकता यह है कि जागरुकता के अभाव में इस समुदाय के लोग यौन संचरित संक्रमणों के ज्यादा शिकार हो रहे हैं।

एसटीआई अवेयरनेस मंथ (STI Awareness Month )

अप्रैल महीने को एसटीआई अवेयरनेस माह के तौर पर मनाया जाता है। इसका मकसद यौन संचारित संक्रमणों यानि एस टी आई पर लोगों को जागरूक और एजुकेट करना है। एसटीआई एक आम मेडिकल समस्या है। दरअसल, हमारे आसपास ऐसे बहुत से लोग है, जो संक्रमित हैं और उनमें हल्के फुल्के लक्षण भी नज़र आते हैं।

बावजूद इसके उनकी अनदेखी उन्हें बड़े खतरे का सामना करने के लिए तैयार कर देती है। वे संक्रमित व्यक्ति जो इलाज नहीं करवा रहे है, वे अन्य लोगों के लिए खतरा बनकर उभर रहे हैं। यौन संचारित संक्रमण यूं तो सदियों से हमारे आसपास पांव पसार रहे हैं। जागरूकता की कमी के चलते उनकी तादाद में इज़ाफा हो रहा है। पहला मामला 1495 में सामने आया था। तभी से एस टी आई तेज़ी से यूरोप में फैलने लगा।

क्या है एसटीआई

एसटीआई एक यौन संचारित संक्रमण है। जो सेक्स के माध्यम से फैलता है। इसमें त्वचा से त्वचा का संपर्क भी शामिल है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र यानि सीडीसी के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका में सालाना लगभग 20 मिलियन नए एसटीआई मामलों को डायग्नोज़ किया जाता है। यौन स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति आपकी जागरूकता बहुत से लोगों को इन संक्रमणों से बचाने में मददगार साबित हो सकती है।

पहचानिए एसटीआई के लक्षण

पेट के निचले हिस्से में दर्द का आरंभ होना और ऐंठन
यूरिन पास करते वक्त जलन या दर्द का अनुभव
सेक्सुअल रिलेशन के दौरान दर्द महसूस होना
योनि में बार-बार इरिटेशन और इचिंग महसूस होना

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STI ke kya lakshan hain
योनि में बार.बार इरिटेशन और इचिंग महसूस होना एसटीआई का मुख्य लक्षण है। चित्र अडोबी स्टॉक

पुरूषों में सेम सेक्स पार्टनर यानि एमएसएम के लिए क्या हैं जोखिम

एमएसएम यानि पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुष, इसे राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन यानि नाको की ओर से एचआईवी के लिए सबसे बड़ा जोखिम बताया गया है। नाको का अनुमान है कि भारत में 2.5 मिलियन एमएसएम हैं, जिनमें से 100,000 मल्टीपार्टनर और कमर्शियल सेक्सुअल प्रैक्टिस के कारण एचआईवी से संक्रमित होने के सबसे ज्यादा जोखिम में हैं। उनके अनुसार पहले से ही इस समुदाय के 15 फीसदी लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं।

वहीं डब्ल्यूएसडब्ल्यू यानि जो महिलाएं महिलाओं के साथ यौन संबध बनाए हुए हैं। डब्ल्यूएसडब्ल्यू कैटेगरी में आने वाली महिलाओं को वर्तमान और पास्ट में रहे पार्टनर्स के कारण बैक्टीरियल, वायरल और एसटीआई की चपेट में आने का खतरा बना रहता है।

2002 के नेशनल सर्वे ऑफ फैमिली ग्रोथ एनएसएफजी के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका में परिवारों के राष्ट्रीय स्तर पर किए गए रिसर्च के मुताबिक 15 से लेकर 44 साल की उम्र की 44 फीसदी महिलाओं ने पिछले 12 महीनों में एक महिला सेक्स पार्टनर होने की सूचना दी और 13 फीसदी ने पिछले 12 महीनों में विशेष रूप से महिला सेक्स पार्टनर होने की सूचना दी। इससे ये पता लगाया गया कि यहां 1.3 से 1.9 फीसदी अमेरिकी महिलाएं लेस्बियन है और 3.1 से 4.8 फीसदी बाईसेक्सुअल हैं।

एसटीआई से बचने के लिए इन बातों का अवश्य ख्याल रखें

1. कन्डोम का सही तरह से करें प्रयोग

कन्डोम को इस्तेमाल से पहले उसकी एक्सपाइरी डेट को अवश्य जान लें। उसको पहनने का सही तरीका अपनाएं। थोड़ी सी लापरवाही परेशानी का कारण बन सकती है। इसके बाद कन्डोम को सही तरह से डिस्पोज़ करें।

female condom std se bhi bachaav karta hai
इंटिमेट हेल्थ को मजबूती देने वाले फीमेल कंडोम के इस्तेमाल के प्रति महिलाओं में जागरुकता कम है। भारत में तो इसका इस्तेमाल और भी कम होता है। चित्र : एडोबी स्टॉक

2.सेक्स के पहले बातचीत है ज़रूरी

अगर आप किसी के साथ यौन संबध बना रही हैं, तो पहले बातचीत अवश्य करें। उनके पुराने पार्टनर्स और उससे उनके रिश्तों के बारे में जसनकारी हासिल करें। इसके अलावा उनकी मेडिकल जांच भी आप करवा सकती हैं, ताकि आप किसी भी प्रकार के खतरे में न फंसे।

3. इंटिमेट हाइजीन का रखें ख्याल

सेक्स से पहले और बाद में वजाइना को क्लीन करना बेहद ज़रूरी है। सेक्स के दौरान लिक्विड डिसचार्ज कई बार इंफेक्शन का कारण बन सकता है। वज़ाइना की क्लीनिंग से संक्रमण पनपने का खतरा कम हो जाता है। अपने यौन अंगों को महिला और पुरूषों दोनों को ही स्वच्छ रखना चाहिए। इससे आप कई समस्याओं से मुक्त रह सकते है।

4. वैक्सीनेशन है ज़रूरी

अक्सर 11 से 12 साल की उम्र में बच्चों को इसकी वैक्सीनेशन दी जाती है। हेपेटाइटिस बी और एचपीवी की वैक्सीन आपको पूरी तरह से प्रोटेक्ट करने का काम करती है। ऐसे में कोताही बरतने से आप किसी बड़ी समस्या की चपेट में आ सकते हैं।

5. ज्यादा लोगों से यौन संबध बनाने से बचें

अलग अलग लोगों के संपर्क में आने से पहले साधानी ज़रूर बरतें। बहुत से लोग महिलाओं और पुरूषों दोनो से संबधों में रहते हैं। ऐसे में अपनी यौन सुरक्षा के लिए कोण्डोम का उचित प्रकार से प्रयोग करें और डिस्पोज़ करने के लिए भी सही तरीके को फॉलो करें।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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