जब महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Menopause) के लक्षण शुरू होते हैं, तो वे अपने-अपने तरीके से मैनेज करती हैं। हालांकि अब कुछ मामलों में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की भी मदद ली जाती है, लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि अपने आहार को समायोजित करके मेनोपॉज को प्रबंधित किया जा सकता है। न केवल आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन का प्रकार हॉट फ्लेशेज के लक्षणों की तीव्रता को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह मेनोपॉज फेज को देरी करने में मदद भी कर (Food for menopause phase) सकता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, जब पुराना एस्ट्रोजेन शरीर में फ्लो होने के बाद आंत में पहुंचता है, तो इसे या तो मल में निष्कासित कर दिया जाता है या गट बैक्टीरिया का एक समूह, जो बीटा-ग्लुकुरोनिडेज़ एंजाइम का उत्पादन करता है, इसे पुनः सक्रिय करता है। एस्ट्रोजन दोबारा नया होकर वापस ब्लड में धकेल दिया जाता है, जहां यह फिर से काम करने लगता है।
जैसे-जैसे महिलाएं अपने 40 के दशक में प्रवेश करती हैं, उनमें एस्ट्रोजेन का उत्पादन कम होने लगता है। अगर उनके पास एस्ट्रोजेन को रिवाइव करने वाले आंतों के बैक्टीरिया का अच्छा समुदाय नहीं है, तो मेनोपॉज फेज अधिक प्रभावित होता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के शोध के मुताबिक, एक बार जब आपका पीरियड बंद हो जाता है, तो गट बैक्टीरिया भी प्रभावित हो जाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि रजोनिवृत्ति से संबंधित योनि सूखापन और ऊतक के पतले होने का कारण योनि में बैक्टीरिया ग्रुप लैक्टोबैसिली की कमी के कारण हो सकता है। यह हमारे शरीर में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं। सॉकरक्राट, किमची और दही जैसे फर्मेंटेड खाद्य पदार्थों के खाने से इनकी संख्या में वृद्धि होती है। इसके लिए प्रोसेस्ड फ़ूड के सेवन को सीमित किया जा सकता है, जो सूक्ष्म जीव समुदाय को नुकसान पहुंचा सकता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ के शोध बताते हैं कि एक दिन में 90 ग्राम ऑयली फिश जैसे मैकेरल, सैल्मन, ट्राउट खाने वाली महिलाओं को रजोनिवृत्ति आने में देरी हुई। वे औसत आयु से (51 वर्ष) 2 साल बाद उन्हें मेनोपॉज फेज आया। जर्नल ऑफ हेल्थ के अनुसार, स्टडी में शामिल जो महिलाएं फलियां जैसे दाल, छोले और राजमा नियमित रूप से खाती हैं, उनके रजोनिवृत्ति में लगभग एक साल की देरी होती है। इस बीच, बहुत अधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जैसे पास्ता और चावल खाने वाली महिलाएं औसतन डेढ़ साल पहले रजोनिवृत्ति से गुजरीं।
ये दोनों ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो गट बैक्टीरिया को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ एस्ट्रोजेन को रीसायकल भी करते हैं। यह रजोनिवृत्ति के कई लक्षणों को कम करती है। एस्ट्रोजेन मुख्य रूप से अंडाशय में बनता है और ब्लड के चारों ओर पंप किया जाता है। हार्ट, ब्लड वेसल्स, माइंड, हड्डियों, स्किन को स्वस्थ रखने में यह मदद करता है।
तैलीय मछली के साथ-साथ ओमेगा 3 फैटी एसिड के स्रोत बादाम, अखरोट, जामुन, पालक, चाय, डार्क चॉकलेट लें। चिया सीड्स, पम्पकिन सीड्स भी मददगार हैं। इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने के साथ-साथ अपने ब्लड शुगर लेवल पर भी नज़र रखें। हेल्दी फैट (जैसे एवोकैडो) के लेने पर यह शुगर रिलीज को धीमा कर देगा। इससे हॉट फ्लेशेज भी कम हो सकते हैं।
वसा का सेवन कम करने, फल और सब्जियां (एक दिन में पांच पोर्शन) और साबुत अनाज (एक दिन में छह पोर्शन) से गर्म फ्लश को खत्म करने में मदद मिली। एस्ट्रोजेन एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों वाला होता है और एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है। यह ऑक्सीडेटिव क्षति से निपटता है। एक अध्ययन में पाया गया कि महिलाओं के रक्त में जितने अधिक ऑक्सीडेटिव मार्कर होते हैं, उनके गर्म फ्लश उतने ही गंभीर होते हैं।
नींद पूरी न होने पर लोग प्रति दिन अतिरिक्त 385 कैलोरी खाने लगते हैं। इसलिए अच्छी नींद की बढिया आदत से खुद को जोड़े रहें।
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