आप तभी स्वस्थ कहलाएंगी जब आपके शरीर का हर अंग स्वस्थ हो। अक्सर हम अति व्यस्त जीवनशैली या लापरवाही की वजह से योनि स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। जबकि योनि स्वस्थ रहने पर हमारा मिजाज भी खुश रहता है। यानी वेजाइनल हेल्थ से जुड़ा है हमारा मेंटल हेल्थ। योनि संवेदनशील और नाजुक अंग है। इसलिए हमें इसे साफ़-सुथरा रखना चाहिए और इसकी विशेष देखभाल करनी चाहिए। योनि क्षेत्र में संक्रमण, सूखापन और जलन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इनसे दर्द और यहां तक कि गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी हो सकते हैं। शोध बताते हैं कि फेमिनिन हाइजीन के लिए विटामिन ए, विटामिन डी और विटामिन ई (how to create natural lubrication) जरूरी है।
विटामिन की कमी से सबसे पहले इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है। इससे बीमारी और संक्रमण के प्रति योनि अधिक संवेदनशील हो सकती है। योनि को स्वस्थ और संक्रमण से मुक्त रखने के लिए विटामिन ए, डी और ई जरूरी हैं।
ऑक्सफ़ोर्ड एकेडमी के करेंट डेवलपमेंट नुट्रीशन जर्नल के अनुसार, योनि सहित मयूकस मेम्ब्रेन के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए स्त्रियों के लिए विटामिन ए जरूरी है। एंटी बैकटीरियल और एंटीवायरल गुणों वाला विटामिन ए संक्रमण से बचाव करने में मदद कर सकते हैं। विटामिन ए पाने के लिए अपने भोजन में हरी पत्तीदार सब्जियों, ड्राई फ्रूट्स, सलाद को शामिल कर सकती हैं।प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए विटामिन सी भी जरूरी है।
योनि के सूखेपन से बचाव करता है विटामिन ई (vitamin E for vaginal dryness)
इंडियन डरमेटोलोजी ऑनलाइन जर्नल में प्रकाशित मोहम्मद आबिद कीन के शोध आलेख के अनुसार, विटामिन ई पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है, जो योनि क्षेत्र को नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है। यह योनि क्षेत्र को चिकना बनाये रखने में भी मदद कर सकता है, जिससे सूखापन और जलन को रोका जा सकता है।यह ब्लड फ्लो को भी सुचारू करता है। विटामिन ई के प्राकृतिक स्रोतों में जैतून का तेल, मेवे, बीज और एवोकाडो शामिल हैं। यह स्किन और मयूक्स मेम्ब्रेन के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। विटामिन ई प्लांट आयल, मेवों, बीजों और पत्तेदार हरी सब्जियों में पाया जाता है।
जर्नल ऑफ़ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर में वर्ष 2018 में अपराजिता दासगुप्ता और उनकी टीम के विटामिन डी की कमी से योनि स्वास्थ्य के प्रभावित होने पर शोध आलेख प्रकाशित हुए। इसके अनुसार विटामिन डी की कमी बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial vaginosis) के बढ़ते जोखिम से जुड़ी है।विटामिन डी कोशिकाओं के सामान्य कार्य को बनाए रखने में मदद करता है और योनि संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है।
विटामिन डी खाद्य स्रोतों जैसे अंडे, मछली और डेयरी उत्पादों से पाया जा सकता है।
इनके अलावा, मछली का तेल और प्रोबायोटिक्स भी संक्रमण दूर कर योनि को स्वस्थ रखता है।
मछली का तेल ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत है। हमारे शरीर में इसका उत्पादन नहीं हो सकता है। योनि सूखापन(vaginal dryness) और सेक्स के दौरान असुविधा(sex problem) को कम करने में यह मदद कर सकता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड संक्रमण के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है।
प्रोबायोटिक्स जीवित बैक्टीरिया (living bacteria) होते हैं, जो दही और अन्य फरमेंटेड खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। प्रोबायोटिक योनि में गुड और बैड बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह यीस्ट इन्फेक्शन(yeast infection), बैक्टीरियल वेजिनोसिस और अन्य समस्याओं को रोकने और इलाज में मदद कर सकता है।
प्रोबायोटिक्स यूटीआई(urinary tract infection) के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।
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