सेक्स कभी कभी कई स्वास्थ्य समस्याएं भी अपने साथ लाता है। यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। खासकर सेक्सुअली एक्टिव होने और सतर्कता नहीं बरतने पर समस्या और अधिक गंभीर हो जाती है। सेक्सुअली एक्टिव होने पर गोनोरिया (gonorrhoeae) होने की संभावना बढ़ सकती है। गोनोरिया एक यौन संचारित संक्रमण (Sexually Transmitted Disease) है, जो निसेरिया गोनोरिया बैक्टीरिया (Neisseria gonorrhoeae) के कारण होता है।
यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि गोनोरिया आमतौर पर जीवन के लिए खतरा नहीं है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन इसे साइलेंट किलर कहती (silent killer gonorrhea) है। जानते हैं इसकी वजह।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, गोनोरिया रिप्रोडक्टिव ऑर्गन के साथ-साथ एनस, गला और शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण पेशाब के दौरान दर्द, डिस्चार्ज और जननांग में खुजली या खराश शामिल हैं। गोनोरिया से पीड़ित कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़ सकते हैं। इसलिए इसे साइलेंट इन्फेक्शन (silent infection) भी कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि आपको बिना पता चले भी गोनोरिया हो सकता है।
गोनोरिया का निदान (gonorrhea diagnosis) एक साधारण मूत्र परीक्षण या स्वाब परीक्षण के माध्यम से किया जा सकता है। इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से संभव है। यह बैक्टीरिया को प्रभावी ढंग से मार सकता है और संक्रमण को आगे फैलने से रोक सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में हर साल 10 करोड़ से अधिक लोग गोनोरिया से पीड़ित हो जाते हैं। भारत जैसे देश में जानकारी और जागरूकता के अभाव में समस्या और अधिक विकराल हो जाती है। वे अपनी यौन समस्या को डॉक्टर तक ले नहीं जाते हैं। जबकि यौन रूप से सक्रिय होने पर एसटीआई (STI) का नियमित रूप से परीक्षण करवाना महत्वपूर्ण है। खासकर यदि आपके कई पार्टनर हैं या आप असुरक्षित यौन संबंध बनाती हैं। सुरक्षित यौन संबंध जैसे कि कंडोम का इस्तेमाल गोनोरिया और अन्य यौन संचारित संक्रमणों के प्रसार को रोकने में मदद कर सकता है।
यदि गोनोरिया का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है। यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। महिलाओं में इसके कारण पेल्विक सूजन रोग (pelvic inflammatory disease) हो सकता है। इससे इनफर्टिलिटी या असमय डेलिवरी हो सकती है। पुरुषों में यह एपिडीडिमाइटिस का कारण बन सकता है, जो शुक्राणु ले जाने वाली नलियों की सूजन है। गोनोरिया से एचआईवी होने और फैलने का खतरा भी बढ़ सकता है। यह जीवन-घातक संक्रमण का कारण भी बन सकता है। उपचार नहीं किये जाने पर यह ब्लड फ्लो में फैल सकता है। यह सेप्सिस (Sepsis) नामक जीवन-घातक स्थिति का कारण बन सकता है।
गोनोरिया से खुद को बचाने (gonorrhea prevention) का सबसे अच्छा तरीका सुरक्षित यौन संबंध है। हर बार यौन संबंध बनाते समय कंडोम का उपयोग करना, एसटीआई के लिए नियमित रूप से परीक्षण करवाना और सेक्सुअल पार्टनर की संख्या सीमित करना भी इसके बचाव का उपाय हो सकता है। गोनोरिया वाले व्यक्ति के साथ सेक्स करने पर जल्द से जल्द परीक्षण करवाना (gonorrhea test) और यदि जरूरी हो, तो उपचार (gonorrhea treatment) लेना महत्वपूर्ण है।
इनके अलावा सेक्स टॉयज़ शेयर करने से भी बचना (don’t share sex toys) चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण फैल सकता है। गोनोरिया से बचाव के लिए अपने सेक्सुअल हेल्थ (sexual health) और किसी भी संभावित जोखिम के बारे में सेक्सुअल पार्टनर (sexual partner) से खुलकर बातचीत करना सबसे अधिक जरूरी है।
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