योनि में बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, तो बढ़ सकता है सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का जोखिम

इंटिमेट हेल्थ के लिए योनि को बैक्टीरियल इन्फेक्शन से मुक्त रखना जरूरी है। शोध बताते हैं ये सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज को बुलावा दे सकते हैं।
bar bar peshab aana bhi iska ek samanye lakshan ho sakta hai
जानते हैं कि महिलाओं का प्रीडायबिटीज होना उनकी वेजाइनल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है (Signs of prediabetes in female)। चित्र: शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Oct 2023, 10:04 am IST
  • 127

शरीर के अन्य अंगों की तरह योनि की साफ़-सफाई भी जरूरी है। इसके लिये सबसे जरूरी है इसे बैक्टीरिया मुक्त रखना। बैक्टीरिया कई तरह के रोगों को बुलावा देते हैं। दरअसल ये बैक्टीरिया ही हैं, जो सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) या सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड इन्फेक्शन (STI) को भी न्योता दे सकते हैं। एसटीडी (STD) से बचाव और जोखिम को कम करने के लिए बैक्टीरियल इन्फेक्शन या बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) से मुक्त होना जरूरी है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के अनुसार, बैक्टीरियल इन्फेक्शन (bacterial infection) एसटीडी या एसटीआई के कारण बन सकते (bacterial infection may cause STI) हैं। इसलिए इससे बचाव करना जरूरी है।

बैक्टीरियल इन्फेक्शन से किस तरह एसटीडी (STD) का जोखिम बढ़ जाता है

वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के अनुसार, योनि(Vaginal Sex), गुदा (Anal Sex) और मुख मैथुन (Oral Sex) से 30 से अधिक विभिन्न बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी प्रसारित हो सकते हैं। एसटीडी या एसटीआई आमतौर पर यौन संपर्क से होते हैं। बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी यौन संचारित रोगों का कारण बनते हैं। ये ब्लड, स्पर्म या योनि फ्लूइड के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाते हैं। कुछ एसटीआई गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में भी फैल सकते हैं। आठ रोगजनकों को सबसे अधिक जोखिम वाला एसटीआई माना गया है। इनमें से 4 का इलाज किया जा सकता है। सिफलिस, गोनोरिया, क्लैमाइडिया और ट्राइकोमोनिएसिस का इलाज किया जा सकता है। अन्य 4 वायरल इन्फेक्शन का इलाज संभव नहीं है। हेपेटाइटिस बी, हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV), एचआईवी (HIV) और हयूमन पेपिलोमावायरस (HPV) का उपचार नहीं किया जा सकता है।
इनके अलावा, मंकीपॉक्स(Monkeypox), शिगेला सोननेई, निसेरिया मेनिंगिटिडिस, इबोला(Ibola) और ज़िका(Zika) भी एसटीआई का कारण बन सकते हैं।

क्या कहते हैं वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन (WHO) के आंकड़े

वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के अनुसार, एसटीआई का दुनिया भर में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। प्रतिदिन 1 मिलियन से अधिक एसटीआई से प्रभावित होते हैं। 2020 में इस संस्था ने ने 4 में से 1 STI के साथ 374 मिलियन नए संक्रमणों का अनुमान लगाया था। इसमें क्लैमाइडिया, गोनोरिया, सिफलिस और ट्राइकोमोनिएसिस से पीड़ित होने की संभावना का अनुमान लगाया गया था। अनुमानित 300 मिलियन महिलाओं को एचपीवी संक्रमण है। पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर और गुदा कैंसर का प्राथमिक कारण बना।

सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड डिजीज बढाता है अन्य रोगों का जोखिम

बैक्टीरियल इन्फेक्शन हर्पीस, गोनोरिया और सिफलिस जैसे एसटीआई के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। मां से बच्चे में एसटीआई के संचरण से बच्चे के जन्म के समय कम वजन, समय से पहले जन्म, सेप्सिस, नवजात की आंखों में परेशानी, जन्मजात विकृति भी हो सकती है।

तंग योनि
तंग योनि अंतरंग क्षेत्र में कुछ संक्रमणों के कारण हो सकती है। चित्र : शटरस्टॉक

साथ ही मरे हुए बच्चे होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। एचपीवी संक्रमण सर्वाइकल और अन्य कैंसर का कारण बनता है।

एसटीआई की रोकथाम

कंडोम एचआईवी समेत एसटीआई के खिलाफ सबसे प्रभावी तरीके से सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि कुछ कंडोम एसटीआई के लिए सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते हैं। वायरल एसटीआई के लिए सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी टीके उपलब्ध हैं: हेपेटाइटिस बी और एचपीवी। इन टीकों ने एसटीआई रोकथाम में प्रमुख भूमिका निभाई है।

कैसे किया जा सकता है उपचार

वर्तमान में कई एसटीआई के लिए प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं। तीन बैक्टीरियल (क्लैमाइडिया, गोनोरिया और सिफलिस) और एक परजीवी एसटीआई (ट्राइकोमोनिएसिस) आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
हर्पीज और एचआईवी के लिए उपलब्ध सबसे प्रभावी दवाएं एंटीवायरल हैं, जो रोग के प्रभाव को कम कर सकती है।

savdhani
ट्राइकोमोनिएसिस आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

रोग का इलाज नहीं कर सकती हैं। हेपेटाइटिस बी के लिए एंटीवायरल वायरस से लड़ने और लीवर को होने वाली क्षति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें :-ठंडा मौसम आपकी योनि को भी बना सकता है ड्राई और बदबूदार, जानिए कैसे करना है बचाव

  • 127
लेखक के बारे में

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

पीरियड ट्रैकर

अपनी माहवारी को ट्रैक करें हेल्थशॉट्स, पीरियड ट्रैकर
के साथ।

ट्रैक करें
अगला लेख