शरीर के अन्य अंगों की तरह योनि की साफ़-सफाई भी जरूरी है। इसके लिये सबसे जरूरी है इसे बैक्टीरिया मुक्त रखना। बैक्टीरिया कई तरह के रोगों को बुलावा देते हैं। दरअसल ये बैक्टीरिया ही हैं, जो सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) या सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड इन्फेक्शन (STI) को भी न्योता दे सकते हैं। एसटीडी (STD) से बचाव और जोखिम को कम करने के लिए बैक्टीरियल इन्फेक्शन या बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) से मुक्त होना जरूरी है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के अनुसार, बैक्टीरियल इन्फेक्शन (bacterial infection) एसटीडी या एसटीआई के कारण बन सकते (bacterial infection may cause STI) हैं। इसलिए इससे बचाव करना जरूरी है।
वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के अनुसार, योनि(Vaginal Sex), गुदा (Anal Sex) और मुख मैथुन (Oral Sex) से 30 से अधिक विभिन्न बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी प्रसारित हो सकते हैं। एसटीडी या एसटीआई आमतौर पर यौन संपर्क से होते हैं। बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी यौन संचारित रोगों का कारण बनते हैं। ये ब्लड, स्पर्म या योनि फ्लूइड के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाते हैं। कुछ एसटीआई गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में भी फैल सकते हैं। आठ रोगजनकों को सबसे अधिक जोखिम वाला एसटीआई माना गया है। इनमें से 4 का इलाज किया जा सकता है। सिफलिस, गोनोरिया, क्लैमाइडिया और ट्राइकोमोनिएसिस का इलाज किया जा सकता है। अन्य 4 वायरल इन्फेक्शन का इलाज संभव नहीं है। हेपेटाइटिस बी, हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV), एचआईवी (HIV) और हयूमन पेपिलोमावायरस (HPV) का उपचार नहीं किया जा सकता है।
इनके अलावा, मंकीपॉक्स(Monkeypox), शिगेला सोननेई, निसेरिया मेनिंगिटिडिस, इबोला(Ibola) और ज़िका(Zika) भी एसटीआई का कारण बन सकते हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन के अनुसार, एसटीआई का दुनिया भर में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। प्रतिदिन 1 मिलियन से अधिक एसटीआई से प्रभावित होते हैं। 2020 में इस संस्था ने ने 4 में से 1 STI के साथ 374 मिलियन नए संक्रमणों का अनुमान लगाया था। इसमें क्लैमाइडिया, गोनोरिया, सिफलिस और ट्राइकोमोनिएसिस से पीड़ित होने की संभावना का अनुमान लगाया गया था। अनुमानित 300 मिलियन महिलाओं को एचपीवी संक्रमण है। पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर और गुदा कैंसर का प्राथमिक कारण बना।
बैक्टीरियल इन्फेक्शन हर्पीस, गोनोरिया और सिफलिस जैसे एसटीआई के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। मां से बच्चे में एसटीआई के संचरण से बच्चे के जन्म के समय कम वजन, समय से पहले जन्म, सेप्सिस, नवजात की आंखों में परेशानी, जन्मजात विकृति भी हो सकती है।
साथ ही मरे हुए बच्चे होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। एचपीवी संक्रमण सर्वाइकल और अन्य कैंसर का कारण बनता है।
कंडोम एचआईवी समेत एसटीआई के खिलाफ सबसे प्रभावी तरीके से सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि कुछ कंडोम एसटीआई के लिए सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते हैं। वायरल एसटीआई के लिए सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी टीके उपलब्ध हैं: हेपेटाइटिस बी और एचपीवी। इन टीकों ने एसटीआई रोकथाम में प्रमुख भूमिका निभाई है।
वर्तमान में कई एसटीआई के लिए प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं। तीन बैक्टीरियल (क्लैमाइडिया, गोनोरिया और सिफलिस) और एक परजीवी एसटीआई (ट्राइकोमोनिएसिस) आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
हर्पीज और एचआईवी के लिए उपलब्ध सबसे प्रभावी दवाएं एंटीवायरल हैं, जो रोग के प्रभाव को कम कर सकती है।
रोग का इलाज नहीं कर सकती हैं। हेपेटाइटिस बी के लिए एंटीवायरल वायरस से लड़ने और लीवर को होने वाली क्षति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।
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