पीरियड्स में बहुत कम होती है ब्लीडिंग, तो आपको जानने चाहिए इसके लिए जिम्मेदार 9 कारण

लाइट पीरियड 2 दिनों में खत्म हो जाते हैं। पीरियड्स से जल्दी फ्री हो जाना आपको सुकून भरा लग सकता है, पर यह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत हो सकता है।
Spotting ki samasya ka kya kaaran hai
प्रेगनेंसी, ब्रेस्ट फीडिंग और वज़न का बढ़ना व घटना पीरियड में ब्लीडिंग को प्रभावित करता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 23 Aug 2023, 09:30 am IST
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हैवी पीरियड्स के बारे में सभी बात करते हैं, परंतु कई महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें बेहद हल्के यानी की लाइट पीरियड होते हैं। जिस प्रकार हैवी पीरियड्स में जरूरत से ज्यादा ब्लीडिंग होती है, ठीक उसी प्रकार लाइट पीरियड में बेहद हल्की और कम ब्लीडिंग होती है। लाइट पीरियड 2 दिनों में खत्म हो जाते हैं। पीरियड्स से जल्दी फ्री हो जाना आपको सुकून भरा लग सकता है, पर यह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत हो सकता है। यहां एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बता रहीं हैं लाइट ब्लीडिंग (cause of light period flow) के लिए जिम्मेदार कारण।

पीचट्री क्लीनिक की फाउंडर, न्यूट्रीशनिस्ट वेट लॉस और हार्मोन मैनेजमेंट एक्सपर्ट डॉ स्मिता पाटिल ने लाइट पीरियड्स के कुछ कारण और इसके लक्षण बताये हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर क्यों होते हैं लाइट पीरियड्स।

यहां जानें लाइट पीरियड्स में नजर आने वाले लक्षण

दो दिन या उससे कम समय तक ब्लीडिंग होना
बहुत हल्की ब्लीडिंग होना (दाग की तरह)
पीरियड्स का अनियमित फ्लो
एक साइकल में एक से अधिक बार पीरियड्स का हल्का फ्लो शुरू होना

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पीरियड्स जल्दी खत्म हो जा रहे हैं तो ध्यान दें. चित्र : एडॉबीस्टॉक

अब जानें लाइट पीरियड होने के कारण (Causes of light period flow)

1. ऐज (Age)

यदि आप किशोरावस्था में हैं तो आपकी पीरियड फ्लो भिन्न हो सकती है। यदि आप मेनोपॉज में हैं, तो आपको अनियमित पीरियड्स का अनुभव हो सकता है, वहीं इस दौरान आपका पीरियड फ्लो हल्का होता है। यह हार्मोनल असंतुलन का परिणाम हो सकता है।

2. वेट और डाइट (Weight and Diet)

शरीर का वजन और शरीर में फैट का प्रतिशत आपकी पीरियड्स के अवधि और फ्लो को प्रभावित कर सकता है। कम वजन होने के कारण आपका मासिक धर्म अनियमित हो सकता है क्योंकि इस दौरान आपके हार्मोन सामान्य रूप से काम नहीं कर रहे होते। इसके अतिरिक्त, अत्यधिक मात्रा में वजन घटने या बढ़ने से आपके पीरियड्स में अनियमितताएं हो सकती हैं।

3. प्रेगनेंसी (Pregnancy)

एक्सपर्ट के अनुसार गर्भावस्था में आमतौर पर पीरियड्स नहीं आते परंतु इस दौरान आप कुछ स्पॉटिंग देख सकती हैं। यह वास्तव में इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हो सकती है। इंप्लांटेशन ब्लीडिंग आमतौर पर दो दिन या उससे कम समय तक रहती है।

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4. ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding)

यदि आप स्तनपान करा रही हैं, तो हो सकता है कि बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद आपके मासिक धर्म वापस न आएं। दूध उत्पादक हार्मोन ओव्यूलेशन को रोकता है जिससे कि मासिक धर्म को वापस आने में देरी होती है। यदि आप स्तनपान करा रही हैं, तो आपको बच्चों के जन्म के कुछ महीने बाद तक हल्की स्पॉटिंग और लाइट पीरियड हो सकता है।

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ब्रेस्टफीड करवाने से भी हो सकता है लाइट पीरियड। चित्र : अडोबी स्टॉक

5. तनाव (Stress)

यदि आप तनावग्रस्त हैं, तो आपका ब्रेन पीरियड साईकल के हॉर्मोन्स को बदल सकता है इसके कारण पीरियड्स आने में देरी हो सकती है या पीरियड्स बहुत हल्का हो सकता है। तनाव के दौरान ब्रेन कई सारे हार्मोन रिलीज करता है खासकर स्ट्रेस हॉर्मोन जिससे कि अनियमित और लाइट पीरियड का सामना करना पड़ सकता है।

6. अत्यधिक व्यायाम (Excessive Exercise)

नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने वाली महिलाएं या अधिक एक्सरसाइज करने से महिलाओं के पीरियड साईकल में बदलाव हो सकता है। अक्सर इस स्थिति में महिलाएं इंटेंस वर्कआउट करने के लिए जरूर से ज्यादा ऊर्जा रिलीज कर देती हैं, इसके परिणामस्वरूप पीरियड्स के दौरान हल्की ब्लीडिंग देखने को मिल सकती है।

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7. ईटिंग डिसऑर्डर (Eating Disorder)

एनोरेक्सिया नर्वोसा और बुलिमिया खाने के विकार के प्रकार हैं जो अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकते हैं। ईटिंग डिसऑर्डर से शरीर का वजन कम हो सकता है, जो आपके पीरियड्स को नियंत्रित करने वाले हार्मोन में बदलाव का कारण बनता है।’

8. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)

यदि आपको अनियमित मासिक धर्म का अनुभव हो रहा है या मासिक धर्म बंद हो गया है, तो यह पीसीओएस का परिणाम हो सकता है। इससे आपके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होता है जहां आपके एग पूरी तरह से मेच्योर नहीं हो पाते। इस स्थिति में पीरियड्स में काफी हल्की और पतली ब्लीडिंग होती है, वहीं यह काफी कम दिनों के लिए रहती है।

इसके साथ ही इस स्थिति में आपको वेट लॉस या मोटापे का सामना करना पड़ सकता है। वहीं इससे मुहांसे होते हैं, चेहरे पर अनचाहे बाल उगना शुरू हो जाता है, साथ ही इस स्थिति में इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।

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आपको फैरण डॉक्टर से मिल सलाह लेने की आवश्यकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

9. अतिसक्रिय थायराइड (Overactive Thyroid)

अतिसक्रिय थायराइड जिसे हाइपरथायरायडिज्म भी कहा जाता है। इस स्थिति में थायराइड हार्मोन का उत्पादन तेजी से बढ़ता है, जो आपके हृदय, ब्लड प्रेशर और मांसपेशियों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। असामान्य रूप से कम पीरियड्स और पीरियड्स का गायब होना भी हाइपरथायरायडिज्म का एक लक्षण है। यदि आप अतिसक्रिय थायराइड के कुछ अन्य लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको फैरण डॉक्टर से मिल सलाह लेने की आवश्यकता है।

नोट : यदि आपको हल्के और अनियमित पीरियड्स आ रहे हैं तो इसे नजरअंदाज न करें। बताये गए इन कारणों में से कोई भी एक कारण इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए फ़ौरन डॉक्टर से मिल सलाह लें साथ ही अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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