बहुत सी महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान मिसकैरेज का शिकार हो जाती हैं। इसके पीछे महिलाओं द्वारा सेहत के प्रति बरती गई लापरवाही जिम्मेदार हो सकती है, वहीं कई प्राकृतिक समस्याएं भी हैं, जिनकी वजह से तमाम देखभाल के बाद भी महिलाओं में मिसकैरेज हो सकता है। गर्भपात के दौरान ब्लड लॉस हो सकता है, जिसकी वजह से शरीर सामान्य नहीं रहता और कई तरह की परेशानी हो सकती है। ऐसे में सेहत की देखभाल करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है (care after miscarriage)।
गर्भपात केवल शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी महिलाओं को डिस्टर्ब कर देता है। ज्यादातर महिला मानसिक तौर पर बेहद परेशान हो जाती हैं, और अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतना शुरू कर देती हैं। इसमें बहुत ही महत्वपूर्ण है कि आप अपनी सेहत का ख्याल रखें। डॉ. प्रिया गुप्ता,सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, कोकून हॉस्पिटल, जयपुर ने गर्भपात के बाद रिकवरी के लिए महिलाओं को कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं। ताकि उन्हें अधिक परेशानी न हों, और गर्भपात के बाद वे जितनी जल्दी हो सके रिकवर हो जाएं (care after miscarriage)।
डॉ. प्रिया गुप्ता के अनुसार “मिसकैरेज के बाद शरीर को आराम देना बहुत जरूरी है। कम से कम 2-3 दिनों तक आराम करें। भरपूर मात्रा में पानी पिएं क्योंकि इससे आपके शरीर को हाइड्रेटेड रहने में सहायता मिलेगी। इसके साथ ही गर्भपात के बाद अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स शामिल करें। हल्का व्यायाम करना भी जरूरी है। आप योग और वॉक कर सकती हैं, जिससे आपके शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्राप्त होगी। ऐसे समय में मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें।”
“गर्भपात के बाद आपको कई प्रकार की भावनाएं महसूस हो सकती हैं, जैसे कि आप बहुत ज्यादा दुखी रह सकती हैं। छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आ सकता है और आपके अंदर अपराधबोध की भावना उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में आप खुद को समय दें और मानसिक तौर पर मजबूत रहने का प्रयास करें। अपने परिवार एवं दोस्तों के साथ समय बिताएं और अपनी भावना को धीरे-धीरे नियंत्रित करें।
ध्यान और योग आपको शांति और स्थिरता प्रदान करने में मदद कर सकते हैं, इसलिए नियमित तौर पर ध्यान और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इसके अलावा नियमित तौर पर अपनी जांच कराएं और डॉक्टर के संपर्क में रहें।”
यदि आपको 1st ट्राइमेस्टर में मिसकैरेज हुआ है, तो आपको कम से कम एक हफ़्ते तक आराम करने की ज़रूरत होती है। ब्लीडिंग को नियंत्रित करने के लिए हमेशा घर पर रहना जरूरी है।
6 हफ़्ते में गर्भपात हुआ है, तो डेढ़ महीने तक पूरी तरह बिस्तर पर आराम करें। जल्दी ठीक होने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। साथ ही मल्टी विटामिन लेने की सलाह दी जाती है।
मिसकैरेज के बाद चीजें उठाने या घर के भारी काम करने से असुविधाएं हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके घर का काम करने से बचे।
गर्भपात के बाद गर्भाशय बहुत संवेदनशील हो जाता है, इसलिए ब्लीडिंग बंद होने तक संभोग से पूरी तरह परहेज रखने की सलाह दी जाती है। गर्भपात के बाद इंटरकोर्स से बचना सबसे ज़रूरी है।
डॉक्टर आपको 4 से 6 सप्ताह प्रतीक्षा करने, या जब तक आपकी ब्लीडिंग बंद न हो जाए, तब तक सेक्स करने, टैम्पोन का उपयोग करने, या डूश से परहेज करने की सलाह दे सकते हैं।
पहले 5 दिनों के लिए शाम को अपना तापमान मापें। यदि आपका तापमान 100.4°F से ऊपर चला जाता है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। बुखार शरीर में संक्रमण का संकेत हो सकता है।
संक्रमण से बचाव के लिए, पहले हफ्ते के दौरान दिन में कम से कम एक बार जरूर नहाएं। गर्भपात के 3 से 6 सप्ताह तक ब्लीडिंग जारी रह सकता है, ऐसे में पैड का उपयोग करें, टैम्पोन का नहीं। पहले सप्ताह के बाद, ब्लीडिंग हल्का हो जाता है। अपने पैड को समय समय पर बदलना और इस क्षेत्र को साफ करते रहना महत्वपूर्ण है।
बाथरूम इस्तेमाल करने के बाद हल्के गुनगुने पानी से अपने इंटिमेट एरिया को क्लीन करें। संक्रमण को रोकने के लिए हमेशा आगे से पीछे की ओर पोंछें, और अच्छी तरह से ड्राई करें।
मिसकैरेज के बाद अक्सर महिलाएं भावनात्मक रूप से बेहद परेशान हो जाती हैं, ऐसे में परेशानी को कम करने के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सीखें। ऐसे लोगों के आसपास रहे, जिनसे आप खुलकर बातचीत कर सके। इसके अलावा उन चीजों में भाग लें, जिससे आपको खुशी मिलती है। परंतु आराम करना बहुत जरूरी है, इसलिए कुछ भी ऐसा न करें जिससे शरीर को नुकसान हो।
सेChat करें