एजिंग यानी उम्र बढ़ने के साथ ही आपके शरीर मे तरह-तरह के बदलाव आते हैं। आपके बालों का रंग बदलता है, मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, लेकिन शायद ही आपको उम्मीद हो कि आपकी वेजाइना में भी बहुत से बदलाव आते हैं।
अगर आपको लगता है कि वेजाइना कैसी दिखती है, यही बदलाव होने वाला है, तो यहां आप गलत हैं। उम्र के साथ आपके प्राइवेट पार्ट कैसे महसूस होते हैं, यह भी पूरी तरह बदल जाता है। अगर आप इस परिवर्तन के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप शॉक भी हो सकती हैं।
इन 7 बदलावों की जानकारी होने पर आप न केवल इनके लिये तैयार हो सकती हैं, बल्कि इनमें विलंब भी कर सकती हैं।
मांसपेशियां कमजोर होना ढलती उम्र की निशानी है और यह बिल्कुल सामान्य है। यह आपकी पेल्विक फ्लोर मसल्स के साथ भी होता है। जब यह मांसपेशियां कमजोर होती हैं, तो आपके ब्लैडर और यूटेरस का सपोर्ट भी कम हो जाता है। यही कारण है कि ब्लैडर पर नियंत्रण नहीं रहता और यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस जैसी समस्या होती हैं।
बढ़े हुए वजन के कारण भी पेल्विक मसल्स कमजोर हो सकती हैं। इसलिए सही बॉडी वेट होना भी जरूरी है। पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत करने के लिए आप कीगल एक्सरसाइज कर सकती हैं।
आपके सर के बालों की तरह ही आपके प्यूबिक हेयर में बहुत से बदलाव आते हैं। सफेद बालों से लेकर बालों का झड़ना जैसी कई समस्याएं बढ़ती उम्र के साथ आ सकती हैं।
जैसे आप की उम्र बढ़ती जाती है, शरीर मे एस्ट्रोजेन का स्तर कम होता जाता है। एस्ट्रोजेन की कमी के कारण वल्वा के टिश्यू कमजोर और पतले हो जाते हैं। यह बदलाव बिल्कुल सामान्य है, बस प्यूबिक एरिया की सफाई के वक्त आपको कोमल रहना चाहिए।
एस्ट्रोजेन स्तर कम होने से शरीर में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और UTI जैसे इंफेक्शन बहुत आम हो जाते हैं। इसके पीछे कारण यह है कि वल्वा का टिश्यू आपकी यूरेथ्रा को भी सुरक्षित रखता था। जब वल्वा के टिश्यू ढीले पड़ जाते हैं तो आपकी यूरेथ्रा को कोई सुरक्षा नहीं मिलती और इन्फेक्शन आसानी से पकड़ सकता है।
UTI की ही तरह, वेजाइनल वाल्स कमजोर होने पर वेजाइना में इंफेक्शन होना ज्यादा आसान हो जाता है। बैक्टीरियल वैजाइनोसिस और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। यही नहीं, हॉर्मोन्स में बदलाव का अर्थ है वेजाइना के ph स्तर में बदलाव जिससे आपके गुड बैक्टीरिया खत्म होने लगते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ ही वेजाइना के लचीलेपन और इलास्टिसिटी में भी कमी आती है। इससे सेक्स आपके लिए कम आनन्ददायी हो सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर आप सेक्सुअली एक्टिव रहती हैं तो इस समस्या को रोका जा सकता है।
यहां भी कारण आपके शरीर मे एस्ट्रोजेन के स्तर में कमी ही है। एस्ट्रोजेन की कमी के कारण लुब्रिकेशन नहीं होती जिसके कारण वेजाइना में सूखापन होता है। इस सूखेपन के कारण खुजली की समस्या भी हो सकती है।
यही नहीं यह सूखापन आपके सेक्स के अनुभव को भी खराब कर सकता है, इसलिए ल्यूब का प्रयोग करना चाहिए।