पीरियड्स हर महीने आते हैं, पर ये जरूरी नहीं की हर महीने आपके पीरियड्स का समय, ब्लीडिंग की मात्रा और दर्द एक सामान्य हो। इनमें उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है। वहीं कभी कभार के बदलाव सामान्य होते हैं तो कई बार ये गंभीर हो सकते हैं। अक्सर महिलाएं पीरियड्स में होने वाले बदलाव को नजरअंदाज कर देती हैं, जो आगे चलकर कई गंभीर परेशानियों का कारण बन सकता है। आपके पीरियड्स के लक्षणों में बदलाव आना सर्वाइकल कैंसर, इनफर्टिलिटी, एंडोमेट्रियोसिस, संक्रमण जैसी समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। इसलिए इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ दिव्या वोरा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए पीरियड्स से जुड़े 6 ऐसे संकेत बताएं हैं, जो परेशानी से भरे हो सकते हैं। डॉ दिव्या के अनुसार ये 6 संकेत कई गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। इसलिए इन्हें भूल कर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए (unhealthy period symptoms)।
यदि लगातार 2 महीने तक आपको पीरियड्स नहीं आया है या पीरियड्स मिस हो गया है, तो आपको डॉक्टर से मिलकर सलाह लेने की आवश्यकता है। यदि पीरियड 1 महीने नहीं आ रहे हैं, तो ये नॉर्मल हो सकता है। कई बार खानपान में बदलाव, वातावरण में बदलाव और हार्मोनल असंतुलन के कारण पीरियड्स डिले हो सकता है, लेकिन एक महीने से अधिक इंतजार नहीं करें। यह किसी गंभीर चिंता का संकेत हो सकता है।
पीरियड्स के बीच, मेनोपॉज के बाद या सेक्स के बाद यदि ब्लीडिंग और स्पॉटिंग हो रही है, तो इसे नजरंदाज न करें। पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग होना खतरनाक हो सकता है। ये संकेत कई गंभीर समस्याएं जैसे कि सर्वाइकल कैंसर, फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं, इन्फेक्शन आदि को दर्शाते हैं।
आपके पीरियड्स आमतौर पर हर 28 दिन में होते हैं, लेकिन सामान्य मासिक धर्म चक्र 21 दिन से 35 दिन तक हो सकता है। इससे अधिक बार पीरियड आना सामान्य बात नहीं है। यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो ये आपकी फर्टिलिटी के लिए बड़ी चिंता की बात है। अपने पीरियड्स को ट्रैक करना बहुत जरूरी है।
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यदि आपका पीरियड फ्लो (रक्तस्राव) सामान्य से बहुत अधिक या हल्का है, तो इसकी जांच करवाएं। यदि आपको पीरियड्स का फ्लो ज्यादा होता है या बहुत लाइट पीरियड्स होता है तो यह चिंता का कारण बन सकता है। ये संकेत उचित नहीं हैं, इसपर ध्यान दें और समय रहते डॉक्टर से मिलकर इस विषय पर सलाह लें।
यदि आपकी पीरियड्स की अवधि 7 दिनों से अधिक समय तक चलती है, तो यह एक खतरे का संकेत है। सामान्य पीरियड्स चक्र 5-7 दिनों के बीच होता है। ये सामान्य नहीं है, और दर्शाता है की आपके रिप्रोडक्टिव हेल्थ को ट्रीटमेंट की आवश्यकता है। इसे कभी भी हल्के में न लें। यदि एक बार ऐसा होता है, तो ये हार्मोनल बदलाव आदि के कारण हो सकता है। परंतु यदि आपके साथ बार-बार ऐसा हो रहा है, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
पीरियड्स में समान दर्द होना नॉर्मल है और ऐसा सभी महिलाओं में होता है। परंतु यदि आपको बहुत तेज दर्द हो रहा है, या आप इसे सहन नहीं कर पा रही हैं, तो यह किसी परेशानी का संकेत हो सकता है। डॉक्टर के अनुसार आपको इस स्थिति में अपने अनुसार किसी भी दवाई और होम रेमेडीज पर डिपेंडेंट नहीं रहना चाहिए। ऐसा किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से हो सकता है, जिसके प्रति ध्यान देना और जिसका ट्रीटमेंट जरूरी है। इसलिए अपनी नजदीकी गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलें और सलाह लें।
नोट: पीरियड्स में नजर आने वाले बदलाव के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि अत्यधिक तनाव, शारीरिक स्थिरता, मेडिकल कंडीशन जैसे की एंडोमेट्रोसिस, पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज, सर्वाइकल कैंसर आदि। इसके अलावा बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना भी मेंस्ट्रुएशन को प्रभावित करता है। साथ-साथ कई ऐसी अन्य अंडरलाइन मेडिकल कंडीशंस हैं, जिनके लक्षण के तौर पर पीरियड्स में बदलाव नजर आ सकते हैं। यदि आपको भी ऐसा कोई लक्षण नजर आ रहा है, तो इसे नजर अंदाज किए बिना डॉक्टर से मिलकर इस पर सलाह लें।
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