शादी सिर्फ दो लोगों के साथ रहने का कॉन्ट्रेक्ट नही है, बल्कि ये भावनात्मक, मानसिक, आध्यात्मिक, शारीरिक और यौन इच्छाओं को पूरी करने की जिम्मेदारी भी है। कई लोग कुछ सालों में ही शादी में बोर होने लगते हैं। ऐसे लोगों में से कुछ की शिकायत होती है कि उनकी शादी में सेक्स खत्म हो चुका है। शादी में सेक्स एक भावनात्मक जुड़ाव का काम करता है। अगर आपका रिश्ता स्वस्थ है, तो यह एक बेहतर अनुभव साबित होता है। पर अगर आपके रिश्ते में थोड़ी सी भी दरार है, तो सेक्स एक टॉर्चर की तरह लग सकता है। पर क्याें (low sex desire after marriage) होता है ऐसा, एक्सपर्ट बता रहीं हैं इसके 6 कारण।
भारत में सेक्स एक टैबू है, खासकर महिलाओं के लिए। कई भारतीय महिलाओं ने अपराधबोध, शर्म और अज्ञानता के कारण शादी से पहले सेक्स या प्लेजर के बारे में कभी बात नहीं की।
शादी के बाद जब वे प्लेजर और सेक्स के विचार से अवगत होती हैं, तो सेक्स का आनंद लेने का यह निर्णय प्लेजर की जगह एक वैवाहिक कर्तव्य सा बन जाता है। यदि पार्टनर इस विषय पर बात करे, तो वे बिना शर्म और वर्जना के सेक्स में प्लेजर ढूंढ सकते हैं। दुर्भाग्य से, ज्यादातर शादियों में ऐसा नहीं होता है।
इस बारें में ज्यादा जानने के लिए हमने बाते की रूचि रूह से। रूचि मनोचिकित्सक और थेरेपिस्ट है। रूचि रूह इंस्टाग्राम पर (therapywithruchi) के नाम से मौजूद हैं और रिलेशनशिप और मेंटल हेल्थ पर कई जानकारी परक कंटेंट बनाती हैं। उन्होने इसके कई कारण बताएं है।
ये भी पढ़े- इन 3 स्थितियों में आपको देना चाहिए कोलेजन पर ध्यान, जानिए आप इसे कैसे बढ़ा सकती हैं
सेक्स से जुड़े मिथ, कलंक या टैबू के कारण वे यह नहीं समझ पाती हैं कि उन्हें क्या अच्छा लगता है या उनमें सेक्स करने की इच्छा कम होती जा रही है। वे बिस्तर पर अपने साथी के साथ प्लेजर वाला सेक्स करने में असहज महसूस करती हैं। उन्हें लगता है कि सेक्स में प्लेजर लेना सिर्फ पुरूषों का काम है।
कई महिलाओं को लगता है कि अगर वे सेक्स के लिए कहेंगी, बोलेंगी या एक्ट शुरू करेंगी, तो उन्हें जज किया जाएगा। इसलिए ज्यादातर महिलाएं इसे पसंद करने और चाहने पर भी इसे शुरू करने से बचती हैं। ताकि उनका पार्टनर उन्हें गलत न समझे।
ज्यादातर महिलाएं घर, बच्चों और करियर की जिम्मेदारियों में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि काम के कठिन दिनों के बाद सेक्स आमतौर पर उनके दिमाग की आखिरी चीज होती है। कई महिलाएं काम की थकान के कारण उस प्लेजर को महसूस नही कर पाती है जिसे पुरूषों को भी समझना चाहिए।
महिलाएं अपने जीवन के सभी चरणों में हार्मोनल परिवर्तन (गर्भावस्था, तनाव या जीवनशैली के कारण हार्मोनल असंतुलन) से गुजरती हैं। यह सेक्स में रुचि खोने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं भावनात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक चीजों का सामना करती हैं, जो उनके आत्मसम्मान और शरीर की छवि को बहुत प्रभावित करती हैं। उन्हें नए बच्चे, अपनी जरूरतों और घर का प्रबंधन करना मुश्किल लगता है, ऐसे समय में महिलाएं यौन गतिविधियों में शामिल होने के लिए तैयार महसूस नहीं करती हैं।
सेक्स में प्लेजर लेने के लिए महिलाओं को अधिक भावनात्मक संबंध, बातचीत और गहरे बंधन की आवश्यकता होती है। यदि कपल का रिश्ता अच्छा नहीं चल रहा है, तो महिलाओं को अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाने में कठिनाई होती है।
ये भी पढ़े- चेहरे पर उम्र से पहले दिखने लगी हैं फ्रोन लाइन्स, तो इस तरह से करें उनका उपचार