वेजाइना (Vagina) यानी की योनि आपके शरीर का एक संवेदनशील अंग है। इस वजह से फंगस, बैक्टीरिया इत्यादि वेजाइनल हेल्थ को आसानी से प्रभावित कर सकते हैं। जिस वजह से वेजाइनल एरिया में खुजली, गीलापन और जलन महसूस होता है। यह लक्षण किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं। इसीलिए इन्हें भूलकर भी नजरअंदाज न करें।
वेजाइनल इचिंग एक ऐसी समस्या है किसी भी वक्त कहीं भी हो सकती है। ऐसे में इस समस्या के कारण कई बार आप अनकंफरटेबल महसूस करती हैं। ऑफिस और पब्लिक प्लेस में एंबेरेसमेंट से बचने के लिए इस समस्या से जुड़ी जानकारी होना बहुत जरूरी है। तो चलिए आज एक्सपर्ट से जानते हैं, आखिर किन कारणों से होती है वेजाइनल इचिंग (Vaginal itching)। साथ ही जानेंगे इससे बचाव के कुछ जरूरी उपाय।
मैत्री वुमन की संस्थापक, सीनियर कंसलटेंट गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर अंजलि कुमार ने वेजाइनल इचिंग के कारण और उपाय को लेकर कई प्रभावी जानकारी दी है तो चलिए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ।
अपनी नियमित दिनचर्या को पूरा करते हुए हम कई तरह के केमिकल्स के संपर्क में आते हैं। जैसे कि सेंटेड साबुन, बबल बात, स्प्रे परफ्यूम, सेंटेड और रंगीन टॉयलेट पेपर और वेजाइनल वॉश। यह सभी वेजाइनल इचिंग और रैशेज का कारण बन सकते हैं।
एंटीसेप्टिक से अंडरगारमेंट्स को धुलना आपके वेजाइनल एरिया में रैशेज और इन्फेक्शन को जन्म दे सकता है। इस वजह से भी वेजाइना में खुजली की समस्या होती है।
यदि आपको डायबिटीज है तो इस स्थिति में योनि में खुजली होना बिल्कुल आम है। इसलिए अपने खान-पान को सही रखें और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने की कोशिश करें।
वेजाइनल हाइजीन पर ध्यान नहीं देने के कारण यीस्ट इंफेक्शन की समस्या होती हैं। इस स्थिति में योनि में खुजली और जलन होना बिल्कुल आम है। इसी के साथ इस दौरान वेजाइनल डिसचार्ज की रंगत और कंसिस्टेंसी दोनों ही बदली हुई नजर आती है।
प्रीमेनोपॉज और मेनोपॉज की स्थिति में एस्ट्रोजन हार्मोन गिरने लगता है, जिस वजह से योनि में काफी ज्यादा खुजली होती है।
वेजाइनल इचिंग वेजाइना में होने वाले पीएच के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण भी देखने को मिलता है। यदि वजाइना का पीएच लेवल असंतुलित हो जाए तो ऐसे में यह फंगस के ग्रोथ को बढ़ा देता है। जिस वजह से योनि में खुजली और रैशेज की समस्या होती है।
पर्याप्त मात्रा में दही का सेवन करें। दही में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं, जो यीस्ट इंफेक्शन की समस्या में काफी फायदेमंद होते हैं। साथ ही फंगस और बैक्टीरिया को पनपने से रोकते हैं। यदि इन समस्याओं को नियंत्रित रखा जाए तो योनि में खुजली की समस्या नहीं होती।
ट्री ट्री से लेकर वर्जिन कोकोनट ऑयल तक एंटीफंगल प्रॉपर्टी से युक्त होते हैं। ऐसे में इनका इस्तेमाल वेजाइनल इचिंग से निजात पाने में आपकी मदद करता है।
यदि आप अक्सर यीस्ट और फंगल इंफेक्शन से परेशान रहती हैं, तो ऐसे में अपनी डाइट में बोरिक एसिड, विटामिन सी, विटामिन ई जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को शामिल करें। यह फंगल ग्रोथ को बढ़ने से रोकता है। इसके साथ लहसुन की कलियों में एंटीफंगल प्रॉपर्टी मौजूद होती हैं। यह सभी पोषक तत्व आपके वेजाइनल इचिंग को कम करने में मदद करेंगे।
वेजाइनल इचिंग का कारण आपकी लापरवाही भी हो सकती है। जैसे कि एक अंडरगारमेंट्स को लंबे समय तक पहने रहना, गीला अंडरगारमेंट पहन लेना, समय से पैड को न बदलना, लंबे समय तक वजाइना को साफ न करना इत्यादि। इसलिए यदि आप योनि की खुजली से निजात पाना चाहती हैं, तो सबसे पहले एक प्रॉपर हाइजीन मेंटेन करना जरूरी है। जिसमें दिन में कम से कम 2 बार वजाइना को पानी से साफ करके इसे टॉवल से टैप करके सुखाए। सफाई करते हुए वक़्त केमिकल युक्त साबुन और अन्य इंटिमेट वॉश के प्रयोग से बचें।
लोक सेक्स करने के दौरान फ्लेवर्ड कंडोम और कई तरह के लुब्रीकेंट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में यह वेजाइनल इंफेक्शन का कारण बन सकता है। जिस वजह से इचिंग की समस्या होती है। इसलिए वेजाइनल सेक्स करते वक्त फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल न करें और लुब्रिकेशन के लिए भी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करना उचित रहेगा। साथ ही सेक्स के बाद वजाइना को अच्छी तरह साफ करना जरूरी है।
1. इंटिमेट वॉश और वेजाइनल स्प्रे का इस्तेमाल न करें।
2. बॉवेल मूवमेंट के बाद वजाइना को आगे से पीछे की ओर साफ करें न की पीछे से आगे की ओर।
3. वेजाइनल इचिंग से बचने के लिए कॉटन अंडरगारमेंट्स पहनना जरूरी है।
4. यदि आपका वेजाइना ट्राई है, तो नेचुरल मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
5. प्यास को कभी भी रोक कर न रखें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिए और जितना हो सके उतना यूरिन पास करें।
6. एक्सरसाइज करने के बाद अंडरगारमेंट्स को बदलना न भूलें। क्योंकि एक्सरसाइज के दौरान अधिक पसीना आता है, जिस वजह से बैक्टीरिया और फंगस आकर्षित होते हैं।
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