जब आधुनिक जीवन शैली की बात आती है, तो तनाव अनिवार्य है। दुर्भाग्य से, इस अपरिहार्य तनाव में हमारे स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं-खासकर यदि यह लगातार बना रहता है और हम इसे मैनेज नहीं कर पाते। मुंहासे और हार्मोनल असंतुलन और हृदय संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं तनाव के बढ़ने के संकेत हैं – तनाव के कारण कोर्टिसोल हार्मोन का बढ़ता स्तर हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है।
फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग में वरिष्ठ सलाहकार, जीनेकोलॉजी और प्रसूति, डॉ उमा वैद्यनाथन, कहती हैं, “तनाव का आपकी वेजाइनल हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।”
डॉ वैद्यनाथन समझाती हैं, “ लैक्टोबैसिलि जैसे योनि में सुरक्षात्मक बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखने के लिए एस्ट्रोजन हार्मोन का एक स्वस्थ स्तर बने रहना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, योनि स्राव (पीएच संतुलन) की अम्लता योनि में संक्रामक जीवों के विकास को रोकने के लिए भी आवश्यक है, जो फिर से एस्ट्रोजन द्वारा ही बनाई जाती है।”
“ तनाव कोर्टिसोल और नॉरपिनेफ्राइन (norepinephrine) जैसे हार्मोन के स्तर में वृद्धि करता है। ये हार्मोन योनि अस्तर और ग्लाइकोजन संचय के एस्ट्रोजन से संबंधित रखरखाव को रोकते हैं।”
खैर, तनाव के कारण आपके योनि पारिस्थितिकी तंत्र में भारी गड़बड़ी उत्पन्न हो जाती है। जिससे कई अंतर-स्वास्थ्य और जीनाइकोलॉजिकल मसले बन जाते हैं।
डॉ वैद्यानाथन के अनुसार, तनाव हार्मोन योनि के मुक्त ग्लाइकोजन और लैक्टोबैसिलि बैक्टीरिया के स्तर को कम कर सकता है, जिससे लैक्टिक एसिड और हाइड्रोजन पेरोक्साइड (एच 2 ओ 2) संश्लेषण में कमी आती है।
वह आगे बताती है कि जिससे योनि के पीएच लेवल में कमी आती है। परिणामस्वरूप, बैक्टीरियल वेजोनिसिस (bacterial vaginosis) के लिए माहौल बनता है। जिससे जेनिटल ट्रेक्ट इंफेक्शन भी हो सकता है।
तनाव गोनोरिया, क्लैमाइडिया, ट्रेकोमेटिस, ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी), और फंगल इंफेक्शन के रूप में यौन संचारित संक्रमणों का कारण बनता है। इससे महिलाओं को कैंडिडिआसिस जैसा गंभीर संक्रमण भी हो सकता है।
डॉ वैद्यनाथन विस्तार से बताती हैं, “असल में, तनाव का समग्र प्रभाव एक असंतुलित वेजाइनल सिस्टम के लिए जिम्मेदार होता है। जिससे उसका नेचुरल सुरक्षात्मक तंत्र प्रभावित होता है। इसके परिणामस्वरूप अपर जेनिटल ट्रेक्ट इंफेक्शन के साथ ही अन्य स्त्री रोग संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।”
डॉ. वैद्यनाथन के अनुसार गर्भवती महिलाओं को होने वाला तनाव उनकी वेजाइनल हेल्थ को प्रभावित करता है। इससे गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं जिसमें गर्भाशय संक्रमण से लेकर प्री मेच्योर डिलीवरी भी हो सकती है।
4 तनाव से आपकी योनि बदबूदार हो सकती है
तनाव हार्मोन योनि स्राव की मात्रा में भी वृद्धि कर सकते हैं। अगर तनाव के कारण किसी महिला को इंफेक्शन हुआ है तो उसकी योनि से बदबू आनी शुरू हो जाती है।
5 वास्तव में, यह आपके यौन जीवन को भी प्रभावित कर सकता है
डॉ वैद्यनाथन ने चेतावनी देती हैं, “जैसा कि आपको पता चल ही गया है कि तनाव के कारण कोर्टिसोल का प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जिसकी वजह से कामेच्छा के लिए जरूरी हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन में कमी आने लगती है। इससे यौन संभोग के दौरान योनि सूखापन और असुविधा हो सकती है। यह अंततः आपके साथी के साथ तनाव को और अधिक जटिल बना देगा, जिससे आपके यौन संबंध भी प्रभावित कर सकता है।”
अब आपको तनाव का प्रबंधन सीखना चाहिए, जिससे वेजानइल हेल्थ प्रभावित न हो
आपको यह सीखना चाहिए कि तनाव का प्रबंधन कैसे करना है। वरना यह आपकी वेजाइनल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
1 एक्सरसाइज और मेडिटेशन के लिए समय निकालें
2 नकारात्मक चीजों से अपना ध्यान हटाकर जीवन के सकारात्मक पक्षों की ओर केंद्रित करें। यह आपके हार्मोन के स्तर को संतुलित रखने में मदद करेगा।
3 पर्याप्त नींद लें।
4 हेल्दी फूड लें
5 कैफीन और हाई शुगर डाइट से परहेज करें। यह आपको एनर्जी देती हैं, पर उतना ही ज्यादा नुकसान भी करती हैं।
6 तनाव को गलत तरीके से मैनेज न करें। जैसे शराब, ड्रग्स, स्मोकिंग या जरूरत से ज्यादा पार्टी में खुद को मसरूफ रखना। ये तरीके आपके तनाव के स्तर को बढ़ाकर आपको लंबे समय तक उसी में घिरे रहने देते हैं। इसकी बजाए अपनी जीवनशैली को सुधार कर इसे प्राकृतिक रूप से कम करने की कोशिश करें। भरपूर नींद लें और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं।
7 वेजाइना में कभी भी डोचिंग न करें। न ही डॉक्टर के परामर्श के बिना ऐसे किसी उत्पाद का इस्तेमाल करें जो आपकी वेजाइनल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है। इन प्रोडक्ट का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपके वेजाइना के गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाता है।
8 खुद को व्यवस्थित करें और वर्क और लाइफ के बीच बेहतर संतुलन स्थापित करने की कोशिश करें।
तो अब आपको यह तय करना है कि आप अपनी वेजाइनल हेल्थ को बेहतर बनाना चाहती हैं, या तनाव में डूबी रहना चाहती हैं।