कम ब्लीडिंग में भी खतरनाक हो सकता है एक ही पैड का लंबे समय तक इस्तेमाल, जानिए इसके 5 स्वास्थ्य जोखिम

कई बार महिलाएं ऑफिस तो लड़कियां स्कूल, कॉलेज में, एक ही पैड में 7 से 8 घंटे काट लेती हैं। जो की वेजाइनल हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। क्या होता है जब हम लंबे समय तक एक ही पैड को लगाए रखते हैं?
sanitary pad ke side effects
4 से 5 घंटे में पैड बदलना जरुरी है। चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 15 Oct 2023, 20:00 pm IST
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पीरियड्स में हाइजीन का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दौरान वेजाइनल संक्रमण का खतरा अधिक होने से सभी को इसके प्रति सचेत रहना चाहिए। हालांकि, ज्यादातर महिलाएं सेनेटरी पैड बदलने के लिए इसके गीले होने का इंतजार करती हैं। ऐसा करना बिल्कुल भी उचित नहीं है। कई बार महिलाएं ऑफिस तो लड़कियां स्कूल, कॉलेज में, एक ही पैड में 7 से 8 घंटे काट लेती हैं। जो की वेजाइनल हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। क्या होता है जब हम लंबे समय तक एक ही पैड को लगाए रखते हैं?

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर नीरज शर्मा से बात की। डॉक्टर ने लंबे समय तक एक ही सेनेटरी पैड के इस्तेमाल से होने वाले कुछ गंभीर साइड इफेक्ट्स के बारे में बताया है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से (side effect of using sanitary pad for long)।

पहले समझें क्या होता है जब आप लंबे समय तक एक ही पैड लगाए रखती हैं (side effect of using sanitary pad for long)

1. इचिंग हो सकती है

वेजाइनल इचिंग स्किन इन्फेक्शन का एक लक्षण है। जब आप लंबे समय तक पैड लगाए होती हैं, तो परिणामस्वरुप आपको रैशेज और इर्रिटेशन का सामना करना पड़ सकता है। वहीं खुजली होने के कारण आपको बर्निंग सेंसेशन महसूस हो सकता है।

vaginal hygiene
पैड बदलना न भूलें । चित्र : शटरस्टॉक

2. स्किन रैशेज

वेजाइना के आसपास में रैशेज होने का सबसे बड़ा कारण गंदगी है। केवल पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि यदि आप आम दिनों में भी वेजाइनल हाइजीन मेंटेन नहीं करती हैं, तो रैशेज होना बिल्कुल आम हो जाता है। लंबे समय तक एक ही पैड को लगाए रहने से फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इनकी वजह से रैशेज और इचिंग की समस्या हो सकती है।

3. बढ़ जाता है यूटीआई का खतरा

एक ही पैड को लंबे समय तक लगाए रखने से फंगस और बैक्टीरियल ग्रोथ का खतरा बढ़ जाता है। वहीं इस स्थिति में यूटीआई आपको परेशान कर सकती है। यूटीआई यूरिन इंफेक्शन है और यदि यह बढ़ जाए तो किडनी, यूट्रस, ब्लैडर और यूरेथ्रा को भी प्रभावित कर सकती है। इस दौरान पेशाब करते हुए जलन और पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव होता है। साथ ही साथ वेजाइना से अधिक गंध आना शुरू हो जाता है।

4. तेज गंध आ सकता है

लंबे समय तक एक ही पैड को लगाए रखने से गंध आने लगता है। इस दौरान वेजाइनल पीएच असामान्य रहता है, वहीं बैक्टीरियल ग्रोथ भी अधिक तेजी से होता है, और ये बैक्टीरिया मेंस्ट्रूअल ब्लड के साथ मिलकर अधिक गंध पैदा करते हैं। परंतु जब आप समय पर पैड चेंज नहीं करती हैं, तो यह अधिक बढ़ सकता है और आसपास बैठे लोग भी इसे महसूस कर सकते हैं।

vaginal care hai jaruri
योनि की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए नहाने के दौरान योनि को गुनगुने पानी से अवश्य साफ करें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. स्किन पीलिंग की समस्या

यदि आप पैड को लंबे समय तक लगाए रहती हैं, तो वेजाइना भी लंबे समय तक गीली होती है। इस दौरान चलने या किसी भी प्रकार के कार्य करते हुए अधिक फ्रिक्शन होने के कारण वेजाइनल स्किन छिल सकती है। जिसकी वजह से जलन, संक्रमण और खुजली का खतरा बढ़ जाता है।

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परेशानी से बचने के लिए हमें दिन में कितनी बार पैड बदलना चाहिए-

पीरियड्स में पैड बदलने की फ्रीक्वेंसी आपके फ्लो पर निर्भर करती है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ ऑब्स्ट्रीशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट के अनुसार पीरियड्स के दौरान 4 से 8 घंटे के भीतर पैड बदलना बेहद महत्वपूर्ण है। यह एक सामान्य समय सीमा है जिसके तहत हमें पैड बदल लेना चाहिए। हर बार बाथरूम जाते वक्त यह देखें कि आपको पैड बदलने की आवश्यकता है या नहीं।

एक्सरसाइज : एक्सरसाइज करते हुए अधिक पसीना आता है और इस दौरान आपका पैड जल्दी और अधिक गीला हो सकता है। वहीं शारीरिक गतिविधियों को करते हुए मेंस्ट्रूअल फ्लो भी अधिक होता है, जिससे कि पैड जल्दी गीला हो जाता है। यदि आप एक्सरसाइज करती हैं, तो ऐसे में आपके लिए यह सुनिश्चित करना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, कि आपका पैड कितना गीला है। एक्सरसाइज के बाद पैड बदल लें, क्योंकि पसीना और मेंस्ट्रूअल ब्लड एक साथ मिलकर आपकी वेजाइना को आसानी से संक्रमित कर सकते हैं।

गर्म मौसम : यदि आपके आसपास का वातावरण अधिक गर्म है, तो इस दौरान अधिक पसीना आने से पैड जल्दी गीला हो जाता है। वहीं मॉइश्चर के लंबे समय तक बने रहने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए प्रत्येक 3 से 4 घंटे पर पैड बदलती रहें।

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प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया हैं जो योनि के लिए फायदेमंद है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

हैवी फ्लो डेज : कुछ लोगों को पहले दिन, तो कुछ लोगों को पीरियड्स के दूसरे दिन अधिक ब्लीडिंग होती है। इस स्थिति में आपके लिए यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है, कि आपका हैवी फ्लो डे कौन सा है। वहीं आपको उस दिन पैड बदलने की फ्रीक्वेंसी को बढ़ा देना है।

रात को रखें ध्यान : यह जरूरी नहीं की पीरियड्स के पांचो रात आपको जाग कर पैड बदलने की आवश्यकता है, परंतु जिस दिन हैवी फ्लो होता है उस दिन पैड जरूर बदलें।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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