इंटिमेट एरिया का रंग प्राकृतिक रूप से डार्क होता है। इसका टोन नॉर्मल स्किन टोन से गहरा होता है। यह पूरी तरह से नॉर्मल है। बहुत सी महिलाएं इसको लेकर संकोच करती हैं, पर ऐसा नहीं होना चाहिए। वेजाइना की डार्क स्किन के पीछे कई चीजें जिम्मेदार हो सकती हैं। ऐसा अत्यधिक मेलेनिन, शेविंग, सूरज के संपर्क और आनुवंशिक कारकों के कारण भी हो सकता है। कुछ महिलाएं वेजाइना के टोन को बढ़ाने के लिए व्हाइटनिंग क्रीम का इस्तेमाल करना शुरू कर देती हैं। वहीं तरह-तरह के ब्रैंड वेजाइनल व्हाइटनिंग क्रीम लॉन्च कर चुके हैं, बाजार में भी ये आसानी से मिल जाता है। पर क्या आपने इसके इस्तेमाल से पहले ये जानने की कोशिश की है यह कितना सुरक्षित है? यदि नहीं तो आपको इसके बारे में पता होना चाहिए (Genital whitening cream side effects)।
अगर आप इसका इस्तेमाल करती हैं या इसे इस्तेमाल करने के बारे में सोच रही हैं, तो आपको ये लेख जरूर पढ़ना चाहिए। सेक्सोलोजिस्ट और गायनेकोलोजिस्ट डॉ अंजलि कुमार ने वेजाइनल व्हाइटनिंग क्रीम से संबंधी कुछ जरूरी जानकारी दी है। तो चलिए जानते हैं, ये कितना सुरक्षित है।
वेजाइना की स्किन बेहद संवेदनशील होती है, परंतु फिर भी लोग इसके स्किन टोन को लाइट करने के लिए तरह-तरह के प्रोडक्ट्स जैसे कि वेजाइनल व्हाइटनिंग क्रीम, वेजाइनल ब्लीचिंग आदि का इस्तेमाल करते हैं। जिसके कई दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
ब्लीच हो या फिर वेजाइनल व्हाइटनिंग क्रीम इन दोनों में तरह-तरह के केमिकल्स मौजूद होते हैं। जैसा कि आप जानती है, वेजाइना की त्वचा कितनी संवेदनशील होती है और इन पर किसी भी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल बेहद हानिकारक हो सकता है। इस स्थिति में स्किन रेडनेस, इचिंग, बर्निंग सेंसेशन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं वेजाइना में सूजन भी आ जाती है।
ज्यादातर महिलाओं को ब्लीचिंग और वेजाइनल व्हाइटनिंग प्रोडोडक्ट्स में मौजूद तत्वों से एलर्जी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप चकत्ते, पित्ती या इससे भी अधिक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।
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इंटिमेट एरिया पहले से ही संवेदनशील होती है, ऐसे में स्किन व्हाइटनिंग, ब्लीचिंग के कुछ तरीके संवेदनशीलता को और बढ़ा सकते हैं। इससे महिलाओं को सेक्सुअल एक्टिविटी या अन्य शारीरिक संवेदनाओं के दौरान असुविधा का अनुभव हो सकता है।
व्हाइटनिंग और ब्लीचिंग एजेंट का उपयोग इंटिमेट एरिया में प्राकृतिक pH बैलेंस और लाभकारी बैक्टीरिया को असंतुलित कर सकता है, जिससे संभावित रूप से संक्रमण या अन्य असंतुलन का खतरा बढ़ सकता है।
स्किन व्हाइटनिंग प्रोडक्ट्स के गलत या अत्यधिक उपयोग से त्वचा को नुकसान पहुंचता है। इससे त्वचा की रंगत में कोई बदलाव नहीं आता, परंतु इनके साइड इफेक्ट्स के तौर पर त्वचा पर और ज्यादा दाग धब्बे जरूर हो सकते हैं। जिसे दूर करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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