इन 5 कारणों के चलते ज्यादातर जोड़े रहने लगते हैं सेक्स से दूर, पर इनका समाधान है

इसमें कोई दोराय नहीं है कि सेक्स हमारे जीवन को हैप्पीनेस प्रदान करता है। जानते हैं कि वो कौन से कारण है, जिसके चलते कपल्स सेक्स करना छोड़ देते हैं।
sex mei anxiety kyun hone lagti hai
लंबे समय तक रहने वाला कोरोना वायरस के लक्षण वास्तव में महिलाओं के सेक्सुअल वेलनेस पर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाल सकते हैं। चित्र शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 21 Sep 2023, 20:30 pm IST
  • 141

सेक्स न करना किसी बीमारी का संकेत नहीं है बल्कि मन की वो अवस्था है, जिसमें व्यक्ति सेक्स को जिंदगी जीने के लिए ज़रूरी नहीं समझता है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि सेक्स हमारे जीवन को हैप्पीनेस प्रदान करता है। एनसीबीआई के अनुसार सेक्स करने से बॉडी में हैप्पी हार्मोन (happy hormones) रिलीज़ होने लगते हैं। उसी में से एक है डोपामाइन। जो हमारे तन और मन को शांत रखने में मददगार साबित होता है। इसके चलते अक्सर कपल्स में ज्यादा प्यार, अटैचमेंट और वैलबींग बढ़ने लगती है और तनाव कम हो जाता है। जानते हैं कि वो कौन से कारण है, जिसके चलते कपल्स सेक्स करना छोड़ देते हैं (reasons why couples stop having sex)

इस बारे में बातचीत करते हुए साइकैटरिस्ट डॉ सोनल आनंद ने बताया कि यौन संबध (sexual relations) बनाने के दौरान ऑक्सीटोसिन (oxytocin) रिलीज होता है। जो बॉडी में पॉजिटिविटी का संचार करता है। इससे रिश्तों में भी मज़बूती आने लगती है। वे कपल्स जिनकी सेक्सुअल लाइफ (sexual life) खत्म हो जाती है। उनके मध्य मनमुटाव बढ़ने लगता है। जो तनाव और अलगाव का मुख्य कारण साबित होता है। बॉडी को हेल्दी रखने के लिए सेक्सुअली एक्टिव रहना ज़रूरी है। जानते हैं वो कारण जिसके चलते सेक्सुअल लाइफ (sexual life) प्रभावित होने लगती है।

जानते हैं वो कारण जिससे कपल्स की सेक्स लाइफ पर विराम लग जाता है

1. योनि का सूखापन और दर्द

महिलाओं को उम्र के साथ योनि में सूखेपन (vaginal dryness) की समस्या बढ़ने लगती है। वे महिलाएं, जो नियमित तौर पर सेक्स करती हैं। उनमें लिबिडो (libido) और ल्यूब्रीकेंट की कमी नहीं होती है। इससे योनि का लचीलापन भी बना रहता है। ऐसे में दर्द और असुविधा से बचने के लिए नियमित यौन संबध बनाना ज़रूरी है।

yoni men sookhapn
योनि का सूखापन की समस्या अक्सर एस्ट्रोजन लेवल में कमी के कारण होती है। चित्र : शटरस्टॉक

2. कनेक्टिड महसूस न करना

शादी के सालों बाद अक्सर कपल्स में कई मुद्दों को लेकर छुटपुट मनमुटाव बढ़ने लगते है, जिसका सीधा असर सेक्सुअल लाइफ (sexual health) पर दिखता है। खुद को फिट और हेल्दी रखने के लिए सेक्स बहुत आवश्यक है। एक्सपर्ट के मुताबिक ये एक स्ट्रेसबस्टर (stress buster) का रोल प्ले करता है। सेक्स करने से शरीर में फील.गुड न्यूरोट्रांसमीटर एंडोर्फिन रिलीज़ होता है। इसके अलावा डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन आपको हेल्दी महसूस करवाते हैं। ऐसे में सेक्स आपकी ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद है।

3. सेक्सुअल डिज़ायर का कम होना

रेगुलर सेक्स एक्टिविटी सेक्स डिज़ायर (sex desire) को बढ़ाता है। मगर मां बनने के बाद महिलाएं अक्सर बच्चों में एगेज हो जाती है। इसके चलते वे पार्टनर के साथ वक्त नहीं बिता पाती हैं। इसके चलते लिबिडो में कमी आने लगती है। इससे कपल्स में गैप आने लगता है। इस गैप को फिल करने के लिए नियमित यौन संबध बनाना ज़रूरी है।

4. पार्टनर की सेटिसफेक्टरी परफार्मेंस न होना

सेक्स के दौरान अगर आपका साथी खुद को सेटिसफाइड महसूस नहीं करता है, तो इससे भी सेक्सुअल रिलेशनशिप कमज़ोर होने लगता है। जहां पुरूषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन, प्री मेच्योर इजैक्यूलेशन और लो हार्मोन इसका एक कारण बनता हैं। तो वहीं महिलाओं में टाइट हेमन, पैनिटरेशन फोबिया और डिज़ायर की कमी सेक्स डिज़ायर को कम कर देता है। इन सब कमियों के चलते आपका साथी खुद को सेटिसफाइड महसूस नहीं करता है, जिससे सेक्सुअल लाइफ पूरी तरह से खत्म हो जाती है।

sex ke dauran cramp ke karan
शरीर के अंदर होने वाले असंतुलन के चलते कई लोगों को सेक्स के दौरान क्रैंप झेलने पड़ते हैं। चित्र शटरस्टॉक

5. बॉडी शेमिंग का एहसास

उम्र के साथ बॉडी में कई प्रकार के बदलाव नज़र आने लगते हैं। ऐसे में बहुत सी महिलाएं बॉडी शेमिंग का शिकार हो जाती हैं। जो पूरी तरह से गलत है। दरअसल, मां बनने के बाद शरीर में आने वाले हार्मोनल बदलाव से लोअर बैली फैट बढ़ जाता है। जो सेक्स से कतराने का एक कारण साबित होता है।

सेक्स न करने से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभाव

कपल्स में आपसी तालमेल की कमी बढ़ना और हर वक्त तनाव में रहना

इम्यूनोग्लोबूलिन रिलीज न होने से शरीर का इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने लगता है।

एनर्जी की कमी महसूस होने लगती है। साथ ही शरीर में थकान का एहसास होता है।

सेक्स न करने से सेक्स डराइव में भी कमी आने लगती है, जिससे शरीर में अकेलापन बढ़ने लगता है।

यौन संबध न बनाने का असर आपके वर्क पर भी दिखने लगता है। इससे प्रोडक्टिविटी और क्रिएटीविटी कम होने लगती है।

ये भी पढ़ें – Premenstrual Dysphoric Disorder: पीरियड्स से पहले एंग्री वुमेन बन जाती हैं, तो ये हैं पीडीडी के लक्षण, जानिए इसके बारे में सब कुछ

  • 141
लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

पीरियड ट्रैकर

अपनी माहवारी को ट्रैक करें हेल्थशॉट्स, पीरियड ट्रैकर
के साथ।

ट्रैक करें
अगला लेख