क्या बिना दर्द के भी दिया जा सकता है बच्चे को जन्म? जवाब है हां, एक्सपर्ट बता रहे हैं चाइल्डबर्थ के बारे में कुछ जरूरी तथ्य

प्रसव के दौरान हर महिला असहनीय दर्द से गुजरे यह ज़रूरी नहीं है। इसलिए, यदि आप बेबी प्लान कर रही हैं, तो प्रेगनेंसी और चाइल्डबर्थ से जुड़े कई मिथ्स दूर करना बहुत ज़रूरी है।
pregnancy me urine control karna mushkil ho jata hai
डिलीवरी के कुछ हफ्ते बाद तक यूरिनरी इनकांटीनेंस होना पूरी तरह से सामान्य है। चित्र शटरस्टॉक।

यदि आप प्रेगनेंट हैं तो आजकल कई लोग आपको सलाह देने आते होंगे। हर कोई आपके साथ अपने – अपने एक्सपीरिएंस साझा करता होगा। ऐसे समय में क्या सही है और क्या गलत आपको बताने की कोशिश करता होगा। मगर ज़रूरी नहीं हैं कि ये बातें और उनके अनुभव आपकी प्रेजेंट सिचुएशन पर भी फिट बैठें। कभी – कभी ये सुझाव आपको इतना डरा सकते हैं कि आप सोच कर परेशान हो जाएंगी कि परिणाम क्या होगा। ऐसा ही एक अनुभव है जो कई महिलाओं नें आपको बताया होगा और वो है प्रसव के दौरान होने वाले दर्द (labour pain) और तकलीफ का।

जी हां… यह एक ऐसी चीज़ है जो हर महिला ने कभी – न – कभी तो सुनी होगी कि ” बच्चे को जन्म देना बहुत कठिन होता है” या ”लेबर पेन में बहुत तकलीफ होती है”।

हालांकि, ये बातें भी अपनी जगह सही हैं, लेकिन आपके साथ भी ऐसा ही होगा यह ज़रूरी नहीं है। इसलिए यदि आप बेबी प्लान कर रही हैं तो प्रेगनेंसी (pregnancy) और चाइल्डबर्थ (childbirth) से जुड़े कई मिथ्स (myths) दूर करना बहुत ज़रूरी है।

प्रेगनेंसी और चाइल्डबर्थ से जुड़े कुछ मिथ्स को दूर करने के लिए सेलेब्रिटी पोषण विशेषज्ञ और फूड डार्जी के फाउंडर डॉ. सिद्धांत भार्गव नें अपने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी एक पोस्ट साझा की है, जिसमें वे इन मिथ को दूर कर रहे हैं।

यहां देखें उनका वीडियो

 

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इस वीडियो में डॉ. सिद्धांत बता रहे हैं प्रेगनेंसी और चाइल्ड बर्थ से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें

डॉ. सिद्धांत के अनुसार चाइल्डबर्थ को 4 कैटेगरी में डिवाइड किया जा सकता है

1. सी सेक्शन यानी वे महिलाएं जो नैचुरल डिलीवरी नहीं कर सकती हैं

डॉ. सिद्धांत बताते हैं कि जो महिलाएं नेचुरल तरीके से डिलिवर नहीं कर पाती हैं, उन्हें सी सेक्शन की जरूरत पड़ती है। यह एक तरह की सर्जरी होती है, जिसमें स्पाइनल अनस्थीसिया दिया जाता है, जिससे किसी भी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है। साथ ही, पेट का हिस्सा सुन्न पड़ जाता है। आम भाषा में यह एक तरह का ऑपरेशन होता है।

2. नेचुरल डिलीवरी

इस तरह की डिलीवरी में लेबर पेन हो यह ज़रूरी नहीं है। साथ ही, महिला को बहुत ज़्यादा या असहनीय दर्द हो यह भी ज़रूरी नहीं है। आपको हल्का दर्द भी हो सकता है। डॉ. सिद्धांत के अनुसार इस मामले में हर महिला का अलग – अलग अनुभव होता है।

3. पेनफुल डिलीवरी

इस प्रकार की डिलीवरी में बहुत ज़्यादा दर्द होता है। साथ ही, यह भी नेचुरल लेबर पेन की तरह ही होता है। मगर कुछ महिलाएं इसे कम करना नहीं चाहती हैं और यह उनकी इच्छा पर निर्भर करता है।

childbirth aur pain
महिला को बहुत ज़्यादा या असहनीय दर्द हो यह भी ज़रूरी नहीं है। चित्र ; शटरस्टॉक

4. एपिड्यूरल डिलीवरी

इस तरह की डिलीवरी ज़्यादा कॉमन होती है जिसमें महिलाओं को काफी दर्द होता है, लेकिन इसे दवा या एपिड्यूरल की मदद से कम कर दिया जाता है। यह तरीका बिल्कुल सेफ है और कई महिलाएं दर्द से राहत पाने के लिए इसका प्रयोग करती हैं।

यह तरीका नेचुरल डिलीवरी की मिमिकरी करता है। इसमें दर्द भी कम हो जाता है और मसल कंट्रोल की मदद से बच्चे को बाहर की ओर धकेलने में भी मदद मिलती है। लेबर पेन से राहत पाने के लिए एपिड्यूरल से जुड़े जोखिम हैं, लेकिन ये आपकी सी सेक्शन की संभावना को नहीं बढ़ाते हैं।

5. सी – सेक्शन के बाद संभव है नेचुरल डिलीवरी

यदि आपकी पहली प्रेगनेंसी में आपका सी सेक्शन होता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप अभी कभी भी नेचुरल तरीके से बेबी डिलीवर नहीं कर पाएंगी। यह मिथ है, जिससे आपको अपना दूसरा बेबी प्लान करते समय दूर रहना चाहिए।

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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