बहुत से लोगों को एनस क्षेत्र (anus itching) में यानी कि मलाशय में खुजली का अनुभव होता है। कुछ लोगों को अधिक जल्दी-जल्दी तो कुछ को कभी कभार ऐसा होता है। यदि गलत तरीके या तेज खुजला दिया जाए तो त्वचा छिल जाती है, जिसकी वजह से मल त्याग में दर्द महसूस होता है। बहुत से लोगों को राह चलते तेज खुजली होने पर अनकंफर्टेबल महसूस करते हैं। ऐसे में इसका कारण समझान बहुत जरूरी है, ताकि इसपर नियंत्रण पाया जा सके। विद्या नर्सिंग होम की ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ नीरज शर्मा ने ऐनल इचिंग के कारण और इसपर नियंत्रण पाने के उपाय भी बताए हैं। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।
बैक्टीरियल, फंगल और पैरासिटिकल संक्रमण और सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन (एसटीआई), जिसमें गोनोरिया और एनल हर्पीज शामिल हैं, ये सभी स्थितियां ऐनल (anus itching) में खुजली का कारण बन सकते हैं। एचपीवी की स्थिति में ऐनल वार्ट और एसटीआई भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
व्यक्तिगत आदतें, जैसे खाने की आदत, पहनावा, हाईजीन प्रैक्टिस और सेल्फ केयर प्रोडक्ट्स एनस के आसपास की त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं। एनस को अधिक बार साफ करना, पानी से साफ करने के बाद गिला छोड़ देना, पसीने या तंग कपड़े पहनने से नमी के संपर्क में लंबे समय तक रहने से एनस में खुजली की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
अगर आप स्टूल पास करने के बाद एनस को अधिक रगड़ कर क्लीन करती हैं, या दिन में एक बार भी पानी से अच्छे से साफ नहीं करती हैं, तो आपके ऐनल एरिया (anus itching) की त्वचा में जलन पैदा हो सकता है। अगर आपको एनस में खुजली हो रही है, तो डाई-फ्री, बिना गंध वाले टॉयलेट पेपर या गीले वाइप्स के टुकड़े से हल्के हाथों से क्लीन करें।
बवासीर की स्थिति एनस में खुजली का एक आम कारण है, जिससे आपके एनस के आस-पास जलन और दर्द पैदा हो सकता है। बवासीर की स्थिति में एनस और निचले मलाशय की रक्त वाहिकाएं सूज जाती हैं। यह समस्या चार में से तीन वयस्कों को समय-समय पर होती रहती है। इसका कारण समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
जो लोग सोरायसिस से पीड़ित हैं, उनके एनस (anus itching) के आस-पास सोरायसिस हो सकता है। एनस के आस-पास सोरायसिस के कारण बहुत खुजली होती है, और मल त्याग के दौरान दर्द का अनुभव हो सकता है। सेबोरिया और एक्जिमा जैसी अन्य त्वचा संबंधी स्थितियां भी एनस में खुजली का कारण बन सकती हैं।
खुजलाने से त्वचा में जलन हो सकती है, और ऐसा करने पर स्थिति और भी बदतर हो सकती है। राहत के लिए खुजली वाले एरिया को कपड़े से सेके। अपने नाखूनों को छोटा रखें और नाखून से बचने के लिए सोते समय सूती दस्ताने पहनें।
यदि आप ऐनल एरिया को टिशू से साफ करती हैं, तो ध्यान रखें, क्योंकि मल की थोड़ी सी भी मात्रा पीछे रह जाने पर खुजली और जलन हो सकता है। इसलिए, मल त्याग के बाद ठीक से साफ करें। आवश्यकता होने पर ऐनल एरिया को पानी से क्लीन करें, और फिर टिशू पेपर से साफ करें और त्वचा को अच्छी तरह से ड्राई होने दें।आप चाहें तो ऐनल एरिया को पोंछते समय, गीले वाइप्स या पानी से भीगे हुए टॉयलेट पेपर का उपयोग करें। धोते समय, गुदा के आस-पास के क्षेत्र को सादे पानी या हल्के साबुन और मुलायम वॉशक्लॉथ से साफ करें।
ऐसे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से परहेज रखें, जो एनस के आस-पास की त्वचा को परेशान कर सकते हैं, जैसे कॉफ़ी, कोला, शराब, खट्टे फल, चॉकलेट, मसालेदार भोजन और टमाटर। खाद्य पदार्थों और दवाओं में मौजूद कुछ तरह के केमिकल जलन या एलर्जी पैदा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ तरह के एंटीबायोटिक्स लेने से
खुजली ट्रिगर हो सकती है। डाई और परफ्यूम वाले टॉयलेट पेपर का उपयोग करने से बचें।
टाइट-फिटिंग कपड़े पहनने से पसीना ट्रैप हो जाता है, साथ ही स्किन में रगड़ होकर त्वचा छिल जाती है। वहीं सिंथेटिक पैंटी पहनती हैं, तो त्वचा इरिटेट हो सकती है। इन सभी कारणों से आपके ऐनल एरिया में जलन हो सकती है। अच्छी फिटिंग के सूती अंडरवियर पहनें, इस प्रकार आपकी त्वचा ड्राई और फ्रेश रहेगी और आपको किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
नियमित मल त्याग को बढ़ावा देने के लिए अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में फ्लूइड और फाइबर शामिल करें। फल और सब्जी खाएं, जो नियमित मल त्याग को बढ़ावा देते हैं, और कब्ज की स्थिति नहीं होने देते। कब्ज के कारण ऐनल एरिया में खुजली हो सकती है।
यदि आपको नियमित रूप से खुजली का अनुभव होता है, तो आप डॉक्टर से मिलें, और इनके द्वारा सुझाए गए मलहम या जेल को प्रभावित एरिया पर अप्लाई करें। हालांकि, बिना डॉक्टर के सुझाव के किसी भी मलहम का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती है।
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