पीरियड्स की 4 सबसे कॉमन समस्याएं, आइए जानें क्या कहती हैं गाइनीकॉलोजिस्ट

पीरियड्स हर महीने आते हैं और उन खास दिनों में आपको जो परेशानी होती है, उसका अनुभव किसी और के लिए कर पाना संभव ही नहीं है। पर इन परेशानियों को कैसे हैंडल करना है, हम आपको बता रहे हैं।
माहवारी में कुछ सामान्य समस्याएं हैं, जिनका सभी को सामना करना पड़ता है। इन पर विशेषज्ञ क्या कहती हैं, आपको जानना चाहिए। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 11 Oct 2023, 16:45 pm IST
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पीरियड्स लाइफ को थोड़ा मुश्किल बना देते हैं। यह कुछ अलग नहीं, कॉमन है। पर उन पांच दिनों में वाकई आप परेशान हो जाती होंगी। यह परेशानी आपके अलावा कोई और महसूस नहीं कर सकता। क्योंकि एक्सपर्ट भी मानते हैं कि हर महिला का बॉडी टोन अलग-अलग होता है। और उनकी पीरियड्स की प्रोब्‍लम भी उसी के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है।

कुछ कॉमन पीरियड प्रोब्लम्‍स (Common period problems) हैं, जिनका सभी को सामना करना पड़ता है। यह तकलीफदेय जरूर है पर इन्हेंं हैंडल करना ज्यादा मुश्किल नहीं है।

जब आप मासिक धर्म से गुजर रही होती हैं तो आपको बहुत असहज अनुभव होता है। हर वक्त यह महसूस होता है कि जैसे कुछ बह रहा है आपके अंदर। हां ! जबकि एक एवरेज पीरियड 2 से लेकर 5 दिन का होता है। यह निर्भर करता है कि आपकी बॉडी टोन किस प्रकार की है, आपका नॉर्मल पीरियड कैसा है।

अपनी माहवारी का समय तो आपको पता ही होगा। वे कितने दिन रहेंगे यह भी। इस दौरान कुछ हार्मोनल बदलाव होते हैं। अगर आप इन सबके बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानती हैं तो हमारे साथ हैं गाइनीकॉलोजिस्टी डॉ. गंधाली देउरुखकर पिल्लई (Dr Gandhali Deorukhkar Pillai), जो कि मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।

डॉ. पिल्ल ई हमें बता रहीं हैं, वे 4 कॉमन पीरियड प्रॉब्लम्स, जिसका ज्यादातर महिलाओं को सामना करना पड़ता है। वे इससे जुड़े मिथ्स को भी दूर करने की कोशिश करेंगी।

सबसे पहले डॉ. गंधाली हमारा ध्यान उन गलतियों की ओर दिलाना चाह रहीं हैं, जिनके कारण हमें एब्नॉर्मल पीरियड का सामना करना पड़ता है। वे कहती हैं कि अगर आपको माहवारी 2 दिन से कम आती है या फिर 7 या 9 दिन तक चलती है तो इसका मतलब है कि कुछ गड़बड़ है।
देखिए !

पीरियड साइकिल या तो बहुत कम नहीं होना चाहिए या बहुत ही अधिक नहीं होना चाहिए। अथवा बिल्कुल ही रुक जाना तो और भी बुरी बात है।

वे कहती हैं, मैं यहां कुछ चीजें बता रही हूं जिन पर आपको ध्यान देने की जरूरत है। डॉक्टर पिल्लाई के अनुसार “पीएमएस 7 से 10 दिनों से ज्यादा नहीं हो सकता, इससे ज्यादा होता है तो वह ठीक नहीं है। अगर आपको इससे ज्यादा पीरियड होने का एहसास होता है, तो आप खतरे के निशान पर है।”

आइए जानते हैं उन 4 कॉमन समस्याओं (Common period problems) को और उनके कारण  भी –

1. हैवी पीरियड्स:

इस दौरान आपको इतनी ज्यादा ब्लीेडिंग होती है कि आपको हर घंटे में पैड बदलना पड़ता है। यह नॉर्मल पीरियड से ज्यादा देर तक चलते हैं- जैसे 7 दिन या उससे ज्यादा। वह कहती है कि बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना भी पूरी तरह से एब्नार्मल है।

5 या 7 दिन से ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होना, गड़बड़ी की ओर संकेत करता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

यू. एस. लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन में असंतुलन के कारण आपको हैवी ब्लीहडिंग का अनुभव होता है। योनि में संक्रमण, प्यूंबर्टी, गर्भाशय ग्रीवा की सूजन, अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्रंथि (हाइपोथायरायडिज्म), गर्भाशय के ट्यूमर (फाइब्रॉएड), या आहार या व्यायाम में अचानक बदलाव से भारी रक्तस्राव हो सकता है।

2. पीरियड्स के दौरान स्पॉटिंग :

जब रक्तप्रवाह ज्यादा होता है तब अकसर आपको स्पॉटिंग का अनुभव हुआ होगा। डॉक्टर कहती हैं भले ही आप नॉर्मल पीरियड से गुज़र रही हो, पर फिर भी स्पॉटिंग कभी भी नार्मल नहीं है।

इंटरमेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग या मेट्रोर्रहेजिया (metrorrhagia) गंभीर स्थितियों का संकेत दे सकता है। यदि आप स्पॉटिंग या भारी रक्तस्राव का अनुभव करती हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। इसके कुछ विशेष कारण हो सकते हैं, जैसे:- तनाव, गर्भाशय फाइब्रॉएड, दवा में बदलाव, हार्मोन असंतुलन, योनि का सूखापन या गर्भपात या कैंसर जैसे बड़े स्वास्थ्य प्रभाव।

3. मूड स्विंग्स :

हम सभी अपने पीरियड्स से पहले और पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग का अनुभव करते हैं। यदि आप गंभीर चिड़चिड़ापन, तनाव या अवसाद ग्रस्तता के लक्षणों का अनुभव करती हैं, तो आप प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD) से पीड़ित हो सकती हैं।

पीरियड में बार-बार मूड का चेंज होना सामान्‍य है। चित्र: शटरस्‍टॉक

पीएमडीडी के दौरान, आप रोने जैसा, चिड़चिड़ापन, चिंता, घबराहट, काम करने में कठिनाई, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या भूलने की बीमारी का अनुभव कर सकते हैं। डॉ. देवरुखकर के अनुसार: “सिर्फ रोगी ही नही, बल्कि उसके आसपास के लोग उसके अंदर होने वाले बदलावों में यही महसूस करते हैं। पर यह सामान्य नही है।”

वह बताती हैं, “मूड स्विंग की गंभीरता कभी-कभी महिलाओं को आत्मघाती होने का अनुभव कराती है।” यदि आप भी एहि अनुभव करती हैं, तो आपको किसी विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।

4. ऐसे पीरियड्स जिन्हें संभालना काफी तकलीफदेह होता है

पीरियड क्रैम्प्स के कारण हम सभी अपनी दर्द सहने की शक्ति पर सवाल उठाने लगते हैं, हममें से कुछ लोग दर्द को कम करने का प्रयास करते हैं।

यू.एस. लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, डिसमेनोरिया की स्थिति एक चिकित्सीय समस्या है जैसे- फाइब्रॉएड, सूजन की बीमारी और गर्भाशय (endometriosis) के बाहर असामान्य वृद्धि से जुड़ी है।

किसी भी असामान्यता का अनुभव करने पर आपको क्या करना चाहिए?

डॉ. देउरुखकर के अनुसार: “आपका डॉक्टर आपकी जांच करने में, आपकी समस्या का निदान करने में और उपचार शुरू करने के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति है।” आप अपनी हर समस्या उनसे सांझा कर सकती हैं। उनके द्वारा सुझाये उपचारों के ज़रिये आप विपरीत परिस्थिति को काफी हद तक हल सकती है।

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