आज भी महिलाएं फीमेल ऑर्गेज्म के बारे में खुलकर बात नहीं करती, बात जब भी सेटिस्फेक्शन की आती है, तो हम सभी मेल ऑर्गेज्म तक ही सीमित रह जाते हैं। परंतु इस पर बात करना बेहद जरूरी है। सेक्सुअल रिलेशनशिप में फीमेल ऑर्गेज्म का एक बहुत बड़ा महत्व है। आमतौर पर कई ऐसे सेक्सुअल पार्टनर्स हैं, जिन्हें फीमेल ऑर्गेज्म के बारे में बहुत कम जानकारी होती है। हालांकि, फीमेल ऑर्गेज्म (Female Orgasm) तक पहुंचना ज्यादा मुश्किल नहीं है, केवल तीन सीक्रेट्स को फॉलो कर आसानी से फीमेल ऑर्गन को अचीव किया जा सकता है।
हेल्थ शॉर्ट्स ने इस बारे में सी के बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर अस्था दयाल से बात की। डॉक्टर ने फीमेल ऑर्गेज्म (Female Orgasm) तक पहुंचाने के कुछ महत्वपूर्ण सीक्रेट शेयर किए हैं। चाहे आप अपने पार्टनर के साथ सेक्स कर रही हों, या आप सोलो सेक्स इंजॉय करना चाहती हैं, यह तीन टिप्स इन दोनों स्थिति में आपको हेल्दी ऑर्जेज्म (Female Orgasm) प्राप्त करने में मदद करेंगे।
फीमेल क्लिटोरिस और जी स्पॉट फीमेल ऑर्गेज्म को बेहद आसान और प्लेजरेबल बना देते हैं। क्लीटोरिस बेहद संवेदनशील होती है और ज्यादातर महिलाओं को आर्गनिज्म तक पहुंचाने के लिए इसे स्टिम्युलेट करने की आवश्यकता पड़ती है।
क्लीटोरिस: क्लिटोरिस फीमेल रिप्रोडक्टिव पार्ट में मौजूद एक बेहद छोटा सा अंग है, परंतु क्लीटरी लगभग 15 सेंटीमीटर यानी के 6 इंच के डायमीटर इतनी इरेक्ट हो सकती है। अब आप सोच रही होगी ऐसा कैसे होता है! तो आपको बताएं कि क्लीटरी का जो भाग आप देख पाते हैं उसे क्लीटोरल हेड के नाम से जाना जाता है। वहीं जब आप उत्तेजित होते हैं, तो क्लीटरी अंदर की ओर इरेक्ट होती है, जिसे क्लीटोरल हुड कहते हैं। क्लिटोरिस कई सारे नर्वस की एंडिंग है, इसलिए यह इतनी संवेदनशील और प्लेजरेबल होती है।
G-स्पॉट: G-स्पॉट जिसे आर्गेजमिक एरिया के नाम से भी जाना जाता है। यह वेजाइना के अंदर लोकेटेड होती है, वहीं इसपर ढेर सारी संवेदनशील नर्व की एंडिंग भी होती है। हालांकि, G-स्पॉट को सभी लोग एक्सप्लोर नहीं कर पाते, इसे एक्सप्लोर करने के लिए आराम से अपनी उंगली को वेजाइना के अंदर डालें और उसे कर्ल करें। जिस भी एरिया में आपको अधिक सेंसेशन महसूस हो, उस एरिया को स्टिम्युलेट करें। आपके लिए ऑर्गेज्म तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा।
हेल्दी ऑर्गेज्म तक पहुंचना है, तो सेक्सुअल एक्टिविटी परफॉर्म करने से पहले फोरप्ले को समय देना जरूरी है। फोरप्ले केवल बेड पर ही नहीं बल्कि आप एक दूसरे को एक्साइटेड करने के लिए ऑफिस ब्रेक में नॉटी टेक्स्ट भी कर सकती हैं। वहीं इंटरकोर्स को अधिक मजेदार बनाना है, तो ओरल सेक्स, मसाज, सेंसिटिव पार्ट्स को छूना आदि जैसी गतिविधियों में भाग लें। वहीं फोरप्ले में किसिंग का एक बेहद महत्वपूर्ण रोल होता है।
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कस्टमाइज़ करेंवहीं फोरप्ले के लिए अपने पार्टनर से सलाह लें, कि फोरप्ले के किस मूव से वे अधिक उत्तेजित होते हैं। वहीं इस बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद, सेक्सुअल एक्टिविटी शुरू करने से पहले, पार्टनर की पसंदीदा चीजों को दोहराएं। सेक्स लाइफ को बेहतर बनाना है तो एक दूसरे के बॉडी को एक्सप्लोर करना बेहद महत्वपूर्ण है, आवश्यकता पड़ने पर सेक्स टॉय और अन्य प्लेजरेबल टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। परंतु हाइजीन और सेफ्टी का पूरा ध्यान रखें।
ऑर्गेज्म प्राप्त करने के लिए महिलाओं के अनुसार सेक्सुअल पोजीशन का ध्यान रखना भी जरूरी है। आमतौर पर महिलाएं सेक्सुअल पोजीशन के बारे में खुलकर बात नहीं करती, परंतु आपको इस बारे में बात करनी चाहिए। आपके पार्टनर से ज्यादा आप अपनी बॉडी को समझती हैं, तो एक बेहतर ऑर्गेज्म प्राप्त करने के लिए आपको अपने पार्टनर से अपने कंफर्ट के बारे में बात करना पड़ेगा। हालांकि, कुछ सामान्य सेक्स पोजीशन हैं, जिससे महिलाओं को ऑर्गेज्म तक पहुंचने में आसानी होती है।
हेल्दी ऑर्गेज्म प्राप्त करने के लिए वीमेन ऑन टॉप, सिटिंग, मिशनरी विथ ट्विस्ट (कमर के नीचे तकिया लगा लें), स्पूनिंग, वहीं ओरल सेक्स भी एक बेहद प्रभावी तरीका है। यह सभी पोजीशन महिलाओं को ऑर्गेज्म तक पहुंचने में मदद करते हैं। इन पोजीशंस में G- स्पॉट तक पहुंचना आसान होता है, साथ ही साथ क्लिटोरिस स्टिम्युलेट होती है, इसलिए महिलाएं आराम से ऑर्गेज्म प्राप्त कर सकती हैं।
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