वातावरण में बढ़ता प्रदूषण, सिगरेट का धुआं और अन्य कई प्रकार के इरिटेंट हैं, जो आपके लंग्स को डैमेज कर रहे हैं। लंग्स शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो सांस लेने में आपकी मदद करता है। लंग से जुड़ी समस्याएं रेस्पिरेटरी समस्याएं (Respiratory issues) पैदा करती हैं, जिनकी वजह से लोग सांस (Breathing problems) लेने में परेशानी महसूस करते हैं। अगर फेफड़ों के स्वास्थ्य पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो उपरोक्त कोई भी समस्या जानलेवा साबित हो सकती है। विश्व लंग्स डे एक अवसर है जब आप अपने फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में और बहुत कुछ जान सकते हैं। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में हम फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने और लंग्स को डिटॉक्स (lungs detox) करने के बारे में बता रहे हैं।
हर साल 25 सितंबर को वर्ल्ड लंग डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद लोगों के बीच लंग की सेहत के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस दिन लोगों को फेफड़ों की देखभाल से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त करने में मदद की जाती है। ताकि एक बेहतर भविष्य और स्वस्थ जीवन का निर्माण किया जा सके।
इस दिन अलग-अलग संस्था, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल में लंग्स को लेकर कई प्रोग्राम चलाए जाते हैं। जिसमें लंग्स की देखभाल सहित फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों और बुरी आदतों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है (lungs detox)।
धूम्रपान फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। सिगरेट में कई हानिकारक केमिकल्स होते हैं, जो फेफड़ों के टिश्यू को नुकसान पहुंचाते हैं और फेफड़ों की बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यदि आप लंग्स डिटॉक्स (lungs detox) करना चाहती हैं, तो फेफड़ों को साफ करने के लिए सबसे पहले धूम्रपान से पूरी तरह से परहेज रखें। यह स्वस्थ लंग्स के निर्माण के प्रति आपका पहला कदम होगा।
पौष्टिक भोजन फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। ताजे फल, हरी सब्जियां और पोषक तत्वों से भरपूर अनाज जैसे एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन फ्री रेडिकल्स से लड़ने और फेफड़ों में सूजन को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। इसके साथ ही फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड को डाइट से बाहर करें।
लंग्स को डिटॉक्स (lungs detox) करने और उनकी क्षमता बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना। खासकर उन व्यक्तियों के लिए जो वर्तमान में धूम्रपान करते हैं, जिन्होंने पहले धूम्रपान किया है, या जिन्हें फेफड़ों से जुड़ी कोई पुरानी बीमारी रही है। ब्रीदिंग एक्सरसाइज को बाहर हरियाली के बीच खुले वातावरण में करने का प्रयास करें।
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ग्रीन टी में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो फेफड़ों के सूजन को कम करने में मदद करते हैं। ये कंपाउंड फेफड़ों के टिश्यू को सांस लेने से अंदर आने वाली गंदगी के हानिकारक प्रभावों से बचा सकते हैं। रोजाना एक बार ग्रीन टी का सेवन जरूर करें, यह लंग्स डिटॉक्स में आपकी मदद करेगा।
अदरक और लहसुन के साथ काले चने का सूप, या कटी हुई मीट, लहसुन और काली मिर्च के साथ नॉन वेज सूप आपके फेफड़ों को डिटॉक्स करने में मदद कर सकती है। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी फेफड़ों के स्वास्थ्य को लंबे समय तक बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।
अगर आपको बार-बार खांसी आ रही है या आपको सूखी खांसी आती है, तो आप सोने से पहले इस प्राकृतिक तरीके को आजमा सकती हैं। वहीं लंबे समय तक धूल गंदगी से भरे बाहरी वातावरण में वक्त बिताने के बाद, आप उबलते पानी में कपूर के तेल की 3-4 बूंदें डालकर सोने से पहले भाप लेने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। यह छाती की जकड़न से राहत दिलाने में मदद करता है और कफ दोष के संचय को भी रोकता है। साथ ही साथ सूजन से भी राहत दिलाने में मदद करता है।
गोल्डन मिल्क कोई बहुत बड़ी रॉकेट साइंस नहीं है, बल्कि “हल्दी दूध” है। हल्दी में कई खास गुण होते हैं, जैसे कि इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव होता है, यह दर्द से राहत प्राप्त करने में मदद करता है, पूरे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर के सभी सिस्टम को डिटॉक्स करता है।