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यूरीन लीकेज पर शर्मिंदा न हों, ये 4 योगासन कर सकते हैं आपकी समस्या का समाधान

योग की मदद से पेल्विक फ्लोर मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है, जिससे यूटरस और ब्लैडर को सपोर्ट मिलता है। वे महिलाएं, जिनके पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर हो गए हैं। उनमें यूरिन लीकेज बढ़ने लगती है।
Updated On: 12 Apr 2025, 04:28 pm IST
ब्लैडर और यूरेथरा को मिलने वाला कम सपोर्ट यूरिन लीकेज का कारण साबित होता है। चित्र:शटरस्टॉक

अधिकतर महिलाओं को उम्र बढ़ने के साथ यूरिन लीकेज का सामना करना पड़ता है। ब्लैडर पर कंट्रोल की कमी इस समस्या को बढ़ा देती है। जहां वृद्ध महिलाएं इस समस्या से दो चार होती हैं, तो वहीं युवा लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं में इस समस्या की शुरूआत होती है और मेनोपॉज के दौरान ये समस्या बढ़ जाती है। हांलाकि शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से यूरिन लीकेज को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए योग बेहद कारगर उपाय है। जानते हैं वो योगासन जिससे यूरिन लीकेज की समस्या होगी हल (Yoga for urine incontinence)।

यूरिन लीकेज योग से कैसे करें नियंत्रित (How to control urine leakage with yoga)

स्टेटपर्ल्स के शोध के अनुसारए दुनिया भर में 20 वर्ष या उससे अधिक आयु के लगभग 423 मिलियन लोगों को यूरिन लीकेज का सामना करना पड़ता है। एनल्स ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन जर्नल के अनुसार योग की मदद से लीकेज की आवृत्ति एक दिन में औसतन 2 से 3 एपिसोड कम पाई गई। योग की मदद से पेल्विक फ्लोर मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है, जिससे यूटरस और ब्लैडर को सपोर्ट मिलता है। वे महिलाएं, जिनके पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर हो गए हैं। उनमें यूरिन लीकेज (Yoga for urine incontinence) बढ़ने लगती है।

इन योगासनों की मदद से यूरिन लीकेज की समस्या होगी हल (Yoga poses to control urine leakage)

1. भद्रासन (Butterfly pose)

भद्रासन को बटरफ्लाई पोज़ भी कहा जाता है। इस मुद्रा में बैठने से पेल्विक मसल्स के अलावा कमर और घुटनों में खिंचाव बढ़ने लगता है, जिससे शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है और पेल्विक एरिया को फायदा मिलता है।

कैसे करें भद्रासन

  • इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और कमर को सीधा कर लें। अब गहरी सांस लें और दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़ लें।
  • अब दोनों हाथों से पंजों की उंगलियों को पकड़कर रखें और सांस छोड़ें। इस दौरान सांस पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
  • इसके बाद दोनों टांगों को उपर से नीचे की ओर लेकर आएं और शरीर की क्षमता के अनुसार इस मुद्रो में बैठें।
बटरफ्लाई आसन स्ट्रेस कम करने में करता है मदद । चित्र: शटरस्‍टॉक

2. वज्रासन (Diamond pose)

घुटनों के बल बैठकर किए जाने वाले इस योगासन को डायमंड पोज़ भी कहा जाता है। इससे टांगों की मज़बूती और लचीलापन बढ़ने लगता है। साथ ही शरीर दिनभर एक्टिव रहता है। इसे करने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते है।

कैसे करें वज्रासन

  • इसे करने के लिए सबसे पहले मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। अब कमर को एकदम सीधा कर लें और कंधों को सामने की ओर रखें।
  • गर्दन सीधी रखें और गहरी सांस लें। अब दोनों हथेलियों को घुटनों पर टिका लें और फिर धीरे धीरे सांस को छोड़ें।
  • शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें।

3. बद्धकोणासन (Bound angle pose)

इस योगासन को करने से पेल्विक मसल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है। इससे शरीर में खून का प्रवाह उचित बना रहता है, जिससे लचीलापन बढ़ने लगता है ओर येरिन लीकेज को नियंत्रित किया जा सकता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास शरीर को फायदा पहुंचाता है।

कैसे करें बद्धकोणासन

  • इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे लेट जाएं। अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए पंजों को आपस में जोड़कर रखें।
  • उसके बाद दोनों बाजूओं को फेला लें और गहरी सांस लें। .30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इसी मुद्रा मे बने रहें।
  • आंखें बंद कर लें और गहरी सांस लें व छोड़ें। इस दौरान सिर के नीचे तकिया रख सकते हैं।
इसे करने से मसल्स स्ट्रेच होते हैं, जिससे यूरिन लीकेज की समस्या हल होने लगती है।

4. कोणासन (Angle pose)

इस योगासन को करने के लिए मैट पर चाड़े हो जाएं और दोनों टांगों के मध्य दूरी बनाकर रखें।

शरीर को दाई ओर झुकाएं और दाई बाजू को जमीन की ओर लेकर जाएं और हथेली को जमीन पर रखें।

अब बाईं बाजू को आसमान की ओर लेकर जाएं और गहरी सांस लें। शरीर की क्षमता के अनुसार अभ्यास करें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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