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सर्द मौसम में ज्यादा बढ़ सकती है यूरिन लीकेज की समस्या, जानिए कैसे करना है इसे मैनेज

सर्दियों में महिलाओं में बार- बार यूरिन पास करने की समस्या बढ़ जाती है। यूरिन लीकेज की समस्या महिलाओं में 30 से 35 की उम्र के बाद आमतौर पर देखने को मिलती है। इससे बचने के लिए कारण और उपाय जान लें।
Published On: 9 Dec 2024, 06:00 pm IST
चाय और कॉफी का अत्यधिक सेवन शरीर में फ्रीक्वेंट यूरिनेशन बढ़ाता है। चित्र : शटरस्टॉक

सर्द मौसम जहां मन को लुभाता हैं, वहीं यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ा देता है। मौसमी संक्रमण के अलावा एक समस्या ऐसी है, जिससे ठंड के दौरान अधिकतर महिलाएं दो चार होती है। यूरिन लीकेज की समस्या महिलाओं में 30 से 35 की उम्र के बाद आमतौर पर देखने को मिलती है। इसे यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस भी कहा जाता है।मोटापा और पुरानी खांसी समेत कई कारणों से इस समस्या का सामना करना पड़ता है। सर्दियों में यूरिन पास करने की समस्या बढ़ जाती है। अगर आप भी सर्दियों में यूरिन लीकेज (urine leakage in winter) से ग्रस्त हैं, तो जानते हैं इसके कारण और इससे राहत पाने के उपाय भी।

जामा नेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस महिलाओं में पूरी तरह से सामान्य है। 20 वर्ष से अधिक उम्र की 17 फीसदी महिलाओं में ये समस्या पाई जाती है। वहीं 60 वर्ष से अधिक आयु की 38 फीसदी महिलाएं इससे ग्रस्त है।

सर्दियों में यूरिन लीकेज क्यों बढ़ जाती है (Urine leakage in winter)

फिज़ीशियन डॉ प्रकाश चंद्र शेट्टी बताते हैं कि ब्लैडर और यूरेथरा को मिलने वाला कम सपोर्ट यूरिन लीकेज का कारण साबित होता है। दराअसल उम्र बढ़ने के साथ यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस का जोखिम बढ़ जाता है। कोई पुरानी स्वास्थ्य समस्या, मोटापा, डायबिटीज़, मेनोपॉज, पेल्विक मसल्स में बढ़ने वाली कमज़ोरी और प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी इसका मुख्य कारण साबित होते हैं।

ब्लैडर और यूरेथरा को मिलने वाला कम सपोर्ट यूरिन लीकेज का कारण साबित होता है। चित्र:शटरस्टॉक

इन कारणों से बढ़ जाती है यूरिन लीकेज की समस्या (Causes of urine leakage in winter)

1. प्रेगनेंसी

गर्भावस्था के चलते ब्लैडर पर बढ़ने वाला प्रेशर यूरिन लीकेज का कारण साबित होता हैं। ये समस्या डिलीवरी के कुछ सप्ताह के बाद ठीक होने लगती है।

2. यूरिन इंफेक्शन

महिलाओं में ब्लैडर और यूरेथरा में संक्रमण यूरिन इंफेक्शन का कारण साबित होता है। इससे बार.बार पेशाब करने की समस्या बनी रहती है।

3. डायबिटीज़

डायबिटीज़ के चलते ब्लैडर ओवर एक्टिव हो जाता है। इसके कारण कभी हंसते तो कभी खांसते हुए सूरिन लीक होने लगता है। साथ ही बार बार पेशाब आने की भी समस्या बनी रहती है।

डायबिटीज़ के चलते ब्लैडर ओवर एक्टिव हो जाता है

4. मोटापा

महिलाओं में बढ़ने वाला मोटापा यूरिन लीकेज का कारण साबित होता है। मोटापे से पेट पर प्रेशर बढ़ने लगता है। इससे ब्लैडर को सपेर्ट करने वाली मसल्स डैमेज होने लगती है, जो यूरीन लीकेज का कारण साबित होती हैं।

इन टिप्स की मदद से करें यूरिन लीकेज की समस्या हल (Tipos to deal urine leakage in winter)

1. पेल्विक एक्सरसाइज़ करें

कीगल एक्सरसाइज़ की मदद से योनि के मसल्स में टाइटनेस बढ़ने लगती है, जिससे यूरिन लीकेज से बचा जा सकता है। पेल्विक फ्लोर मसल्स की मज़बूती के लिए कीगल एक्सरसाइज़ का अभ्यास करने के अलावा योगाभ्यास भी कारगर साबित होता है। इसके लिए रूटीन में वज्रासन, पादहस्तासन, बद्धकोणासन और पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करें।

2. ब्लैडर को खाली रखें

सर्दियों में पसीना न आने के कारण ज्यादा यूरिन पास करने की समस्या बनी रहती है। ऐसे में यूरिन को होल्ड करने की जगह कहीं भी जाने से पहले ब्लैडर को खाली अवश्य कर लें। इससे यूरिन लीकेज की समस्या से बचा जा सकता है। साथ ही शरीर हेल्दी रहता है।

3. शरीर को हाइड्रेट रखना है ज़रूरी

शरीर को हाइड्रेट रखने का प्रयास करें। इससे शरीर में मौजूद ऑक्सिक पदार्थो को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इसके लिए आहार में डिटॉक्स वॉटर को शामिल करें। इसके अलावा कैफीन के सेवन को सीमित करें। दरअसल, चाय और कॉफी के सवेन से यूरिन पास करने की समस्या बनी रहती है। साथ ही रात को सोने से पहले कुछ भी पीने से बचना चाहिए।

शरीर को हाइड्रेट रखने का प्रयास करें। इससे शरीर में मौजूद ऑक्सिक पदार्थो को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।

4. शरीर को गर्म रखने का प्रयास करें

ठंड के चलते ब्लैडर के आसपास की मांसपेशियांं में कमज़ोरी बढ़ने लगती हैं, जिससे बार.बार यूरिन की इच्छा होती है। दरअसल, ठंड के महीनों में तरल पदार्थ का सेवन कम होने लगता है और जीवनशैली गतिहीन हो जाती है। ऐसे में गर्म कपड़ों की लेयर्स पहलें और शरीर को सर्दी की चपेट में आने से बचाएं ताकि शरीर को गर्म रखने में मद मिल सके।

5.शरीर के वज़न को रखें संतुलित

जर्नल ऑफ कम्यूनिकेशन मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार हाई बॉडी मास इंडैक्स और कमर पर जमा फैट्स ब्लैडर पर प्रेशर को बढ़ाने लगते हैं। इससे यूरिन लीकेज बढ़ जाती है। ऐसे में आहार में हेल्दी मील को शामिल करें। इसके अलावा मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करें। साथ ही अल्कोहल के सेवन से बचें

6. पैंटी लाइनर का इस्तेमाल करना

सेनिटरी पैड की तुलना में छोटा और पतला पैंटी लाइनर इस्तेमाल करने से यूरिन लीकेज से बचा जा सकता ी। इससे उठते बैठते वक्त होने वाली लीकेज से कपड़ों को बचाने में मदद मिलती है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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