एक चोट कितने दिन तक रहती है? कुछ दिन तक? कुछ और दिन तक? लेकिन कई बार बहुत दिन तक। और कई बार ताउम्र। बस फर्क ये होता है कि किसी एक मौसम में ही वो उभर कर सामने आती है। जैसे सर्दी। सर्दी और चोट (Old injuries ache in winter) का यह जो कनेक्शन है वो क्या और क्यों है? क्यों ‘पछुआ’ बयार बहते ही हड्डियों की चोट (Old injuries ache in winter) रौद्र रूप धारण कर लेती है? क्या आपने इस बारे में सोचा है? इसका जवाब हमारे पास है।
सर्दियों में हवा की नमी कम होना इसका सबसे बड़ा कारण है। जया हॉस्पिटल,गोरखपुर में काम कर रहे डॉक्टर अविनाश राय कहते हैं, “तापमान में कमी इसका प्रमुख कारण है। तापमान में गिरावट की वजह से ही मांसपेशियों और हड्डियों में फैलाव होने लगता है। इसके कारण उन जगहों पर जहां पहले से चोट या फ्रैक्चर है, वहां तनाव बनता है और वही तनाव दर्द (Old injuries ache in winter) का कारण बनता है। इसके लिए इलाज़ बहुत है। लेकिन यह सब परिस्थितियों और व्यक्तियों पर निर्भर करता है।”
इसके अलावा, हवा का दबाव जब जब कम होगा हड्डियों के लिए खासकर पुरानी चोटों के लिए ये मुश्किल का सबब बनेगा ही बनेगा। इन्हीं दो परिस्थितियों के कारण हड्डियों के जोड़ ढीले पड़ जाते हैं और फैलने लगते हैं। इनके फैलने से ही उन जगहों पर दबाव बढ़ जाता है, जहां कोई चोट लगी हो और यहीं से उभरता है उस जगह पर दोबारा दर्द।
कई मामलों में यह भी हुआ है कि चोट बहुत पुरानी नहीं थी, सर्दियों से पहले फ्रैक्चर हुआ था। सर्दियां आई और दर्द शुरू हो गया।
फ़र्ज़ कीजिये एक फुला हुआ गुब्बारा है। जिसमें अंदर की हवा बाहर की ओर दबाव बना रही है और बाहर की हवा अंदर की ओर। ठीक इसी तरह से वायुमंडल का दबाव हमारे शरीर पर भी दबाव डालता है। सर्दियों में यह कम होता है। जब शरीर के बाहर का दबाव कम हो जाएगा तो शरीर के अंदर की गैसें फैलने लगती हैं और हड्डियां ढीली पड़ने लगती हैं। ख़ास कर जोड़ों की या वहां जहां पहले से ही चोट लग चुकी है। यही वजह है कि सर्दियों के मौसम में जोड़ों में ज्यादा दर्द (Old injuries ache in winter) होने लगता है।
हड्डियों में कहीं चोट भी लगे तो भी डॉक्टर्स मालिश की सलाह देते हैं। पुरानी चोट के उभरने पर भी यही इलाज़ अपनाना चाहिए। गर्म तेल की मालिश हड्डियों में ऊष्मा का संचार दुरुस्त कर देती हैं और मालिश से खून का संचार भी सुचारू हो जाता है जिससे हड्डियों को राहत मिलती है।
सर्दियों में पुरानी चोटों के ज्यादा दुखने (Old injuries ache in winter) से बचाव करना है, तो चोट वाली जगह तक गर्माहट पहुंचाने के लिए गर्म पानी की सिंकाई का भी सहारा लिया जा सकता है। जहां भी चोट लगी हो,उस हिस्से को गर्म पानी में भिगोकर रखने से दर्द से राहत मिल सकती है।
अब यह कहने की भी बात नहीं लेकिन अगर आप पुरानी चोट लिए हुए घूम रहे हैं तो ध्यान रखें कि तनिक सी लापरवाही होने पर आप भुगतेंगे। यानी गर्म कपड़े पहनें। आग का सहारा लें। कमरा गर्म रखें और बाहर निकलें भी तो मौसम के अनुरूप कपड़े ज़रूर पहन लें नहीं तो सर्दी का सबसे पहला असर हड्डियों (Old injuries ache in winter) पर ही होता है।
दुनिया के जितने भी डॉक्टर्स हैं, सबने ये कहा और बताया है कि विटामिन सी हड्डियों के लिए कितना जरूरी है। बिना विटामिन सी ना तो हड्डियां मज़बूत रह सकती हैं,ना ही टूटी हड्डी जुड़ सकती है और ना ही पुरानी चोटों में दर्द (Old injuries ache in winter) से निजात मिलेगी। इसके लिए आपको अपनी डाइट में दूध,दही,पनीर, ब्रोकली और सोयाबीन जैसी चीजों को पर्याप्त मात्रा में शामिल करना होगा।
सर्दियों में मांसपेशियों और हड्डियों के जोड़ ड्रायनेस की ओर बढ़ने लगते हैं। वही ड्रायनेस हड्डियों को जाम कर देती है। ऐसे में बेहतर ये है कि व्यायाम की मदद ली जाए और हड्डियों को लचीला बनाया जाए। व्यायाम से ही हड्डियां नरम भी रहेंगी और मजबूत भी।
दरअसल, सर्दियों में पुरानी चोटों के ज्यादा दुखने (Old injuries ache in winter) का कारण हड्डियों का सूखापन है, जो उन्हें और जटिल और दबावग्रस्त बनाता है। व्यायाम से इससे निजात मिलेगी और हड्डियां दबाव मुक्त होकर अपना वो काम करेंगी जो दिमाग उनसे कहेगा और जैसा वो सालों से करती भी आई हैं।
यह बहुत प्राकृतिक बात है कि सर्दियों में पुरानी चोट उभरती है और दर्द देती है लेकिन अगर वह दर्द बढ़ जाए तो उसे प्राकृतिक ना मानें। हर चोट और हर दर्द (Old injuries ache in winter) को समुचित इलाज़ की ज़रूरत होती है। इसलिए डॉक्टर के पास तुरन्त जाएं अगर आपको यह लगे कि दर्द या चोट तकलीफदेह बल्कि ज़्यादा तकलीफदेह होते जा रहे हैं।
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