वर्कप्रेशर(Work pressure) और स्ट्रेस(Stress) के कारण लो लीबिडो (Low Libido) यानी कामेच्छा में कमी आम है। कई बार यह इंटिमेट हेल्थ के लिए चिंता का कारण बन जाता है। पर कुछ मामलों में इसका उल्टा भी हो सकता है। कुछ महिलाओं में हाई लीबिडो (High Libido) यानी कामेच्छा बहुत अधिक हो जाती है। इसे हॉर्नी बिहेवियर (Why I am so horny) भी कहा जाता है। विशेषज्ञ इसे बहुत बड़ी बीमारी नहीं मानते हैं। इसे व्यक्तिगत भावना माना जाता है। कुछ उपायों से इसे नियन्त्रण में किया जा सकता है। आइये जानते हैं हाई लिबिडो या हॉर्नी होना क्या है और इससे कैसे निपटा (How to deal with horny Behavior) जा सकता है।
आर्काइव ऑफ़ सेक्सुअल बिहेवियर जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, हार्मोन सेक्स ड्राइव (Sex Drive) में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। इनमे बदलाव या कमी और अधिकता से शरीर में परिवर्तन हो सकते हैं। सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन सभी में पाया जाता है। जब टेस्टोस्टेरोन का स्तर (Testosterone Level) बढ़ता है, तो यह सेक्स ड्राइव को भी बढ़ा देता है। इसके कारण ही आपमें हाई लीबिडो या अति कामुकता हो जाती है। स्टडी बताती है कि सबसे अधिक आप सुबह में हॉर्नी महसूस कर सकती हैं।
हॉर्नी महसूस होने के कई कारण हो सकते हैं। पीरियड शुरू होने के 14-15 दिन पहले से ओवुलेशन ((ovulation) स्टार्ट हो जाता है। इसमें ओवरी से अंडा निकलने लगता है। इस दौरान टेस्टोस्टेरोन लेवल काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके कारण आप हॉर्नी महसूस कर सकती हैं। इसके अलावा, प्रेगनेंसी, स्ट्रेस, अल्कोहल, साउंड स्लीप नहीं होने के कारण भी कुछ महिलाएं हॉर्नी (Horny) महसूस करने लगती हैं। रिलेशनशिप में बहुत अधिक प्यार होने पर भी सेक्स ड्राइव (Sex Drive) अधिक हो जाता है। मेंटल स्ट्रेस के अलावा यदि आपको फिजिकल हेल्थ संबंधी भी आपको तनाव है, तो आप हॉर्नी महसूस कर सकती हैं।
जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल मेडिसिन के अनुसार, अगर आपको बार-बार सेक्स की इच्छा होती है या हमेशा उत्तेजित महसूस करती हैं। पार्टनर से सेक्स की सहमति बनाएं। इच्छा अनुरूप सेक्स करें। इंटिमेट रिलेशन रिश्ते में संतुष्टि बढ़ाती है। इससे तनाव कम होता है और संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली भी बढ़ती है। हर रोज या दूसरे दिन सेक्स किया जा सकता है।
जर्नल ऑफ़ सेक्स रिसर्च के अनुसार, यौन ऊर्जा को बाहर निकालने का सबसे आसान तरीका है हस्तमैथुन या मास्टुबरेशन। शरीर और दिमाग दोनों को सक्रिय कर संग्रहीत सेक्स एनर्जी को बाहर निकालने में यह प्रक्रिया मदद करती है। यदि पार्टनर तैयार नहीं हो या आपको किसी तरह की परेशानी हो, तो वर्चुअल सेक्स से भी अपनी यौन ऊर्जा को बाहर निकाल सकती हैं। पार्टनर के साथ या अकेले पोर्न देख कर इस क्रिया से मदद मिल सकती है।
किसी भी प्रकार की शरीर को स्ट्रेच करने वाली एक्टिविटी और एक्सरसाइज तनाव कम करते हैं।
इससे फील-गुड हार्मोन के सीक्रेशन में भी मदद मिल सकती है। इससे सेक्स ड्राइव के कारण जो तनाव होने वाला है, उससे रिलीफ मिल सकती है।
जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल मेडिसिन के अनुसार, हर मर्ज की दवा है मेडिटेशन। इस तकनीक का उपयोग अक्सर किसी भी प्रकार के नशे के इलाज में मदद लेने के लिए किया जाता है। सबसे पहले मेडिटेशन की अवस्था में बैठ जाएं। सांस लेने और सांस छोड़ने की प्रक्रिया पर ध्यान दें। ध्यान से वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
अगर हॉर्नी बिहेवियर के कारण आपका काम, रिलेशन या लाइफ के अन्य क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं, तो इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है। तुरंत किसी अनुभवी सेक्स थेरेपिस्ट से मिलें।
अपने खान-पान, व्यवहार, स्टडी मैटीरियल, टीवी, इंटरनेट पर देखी जाने वाली सामग्री पर भी ध्यान दें। कभी-कभी अत्यधिक तला-भुना भोजन भी आपके सेक्स ड्राइव को प्रभावित करता है। इसलिए खान पान पर ध्यान देना जरूरी है।
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