पेट की जमा जिद्दी चर्बी को बर्न करने के लिए अक्सर लोग कई प्रकार के व्यायाम और वर्कआउट सेशन लेते हैं। मगर पेट के आस पास जमा अतिरिक्त इंच कम नहीं हो पाते हैं। अधिकतर लोग सुबह उठते ही पार्क में वॉक के लिए निकल जाते है, जिससे शरीर एक्टिव रहता है और वेटलॉस (weight loss) में भी मदद मिलती है। ऐसे में अतिरिक्त फैट्स को बर्न करने के लिए पैदल चलना फायदेमंद साबित होता है। फिर चाहे उम्र या फ़िटनेस का स्तर कुछ भी हो। ये कैलोरी बर्न करने के अलावा मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने में भी मदद करता है।
वज़न कम करने के लिए दोनों ही बेहद आवश्यक हैं। इसके अलावा मांसपेशियों को भी मज़बूती मिलती है और तनाव कम हो जाता है। खास बात ये है कि आपको चलना शुरू करने के लिए किसी विशेष उपकरण या जिम की आवश्यकता नहीं है। जानते हैं पैदल चलने से पेट की चर्बी (walking to reduce belly fat) को कैसे कम किया जा सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार पैदल चलने से शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ने लगता है। इससे जमा कैलोरीज़ का इस्तेमाल ऊर्जा के रूप में किया जाता है। इससे मेटाबॉलिज़्म बूस्ट होता है और कैलोरी को बर्न करने में मदद मिलती है। रोज़ाना चलना पेट पर जमा चर्बी को दूर करने में मदद करता है और लोअर बॉडी के मसल्स को मज़बूती मिलती है।
फिटनेस एक्सपर्ट महेश घनेकर कहते हैं, पेट की चर्बी कम करने के लिए सबसे आसान और हेल्दी तरीका है पैदल चलना। अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से टहलना शामिल करके कैलोरी को बर्न किया जा सकता है और वेटलॉस जर्नी आगे बढ़ने लगती है।इससे शरीर को कई लाभ मिलते हैं।
सुबह की सैर आपको कैलोरी बर्न करने में मदद करती है। वेस्टर्न जर्नल ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार पैदल चलने पर शरीर में जमा कैलोरीज़ का इस्तेमाल ऊर्जा के रूप में होने लगता है। इससे वेटलॉस (weight loss) में मदद मिलती है। कोई व्यक्ति जितना ज्यादा चलता हैं, उतनी ही अधिक कैलोरी बर्न होने लगती हैं। इसमें जिद्दी पेट की चर्बी बर्न हो जाती है।
नियमित रूप से टहलना आपके मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। फिटनेस एक्सपर्ट महेश घनेकर कहते हैं, जब कोई व्यक्ति नियमित रूप से वॉकिंग और रनिंग समेत किसी भी शारीरिक गतिविधि में हिस्सा लेता हैं, तो शरीर अपनी चयापचय दर को बढ़ा देता है। इसका अर्थ ये है कि शरीर तब भी कैलोरी बर्न करने के लिए तैयार होगा, जब आप सक्रिय रूप से नहीं चल रहे हों। हाई मेटाबोलिज्म का मतलब है अधिक कैलोरी बर्न होना, जिससे वजन कम करने और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। दरअसल, टहलना मेटाबोलिज्म को बढ़ा सकता है और पेट की चर्बी कम करने में मदद कर सकता है।
चलना तनाव को दूर करने का एक बेहतरीन तरीका है। दरअसल, काम के बढ़ते बोझ के चलते जब आप तनाव महसूस करते हैं, तो शरीर कोर्टिसोल रिलीज़ करता है। इसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर पेट की चर्बी को बढ़ा सकता है। नियमित रूप से टहलने से तनाव को नियंत्रित करने, कोर्टिसोल के स्तर को कम करने और फैट बर्निंग में मदद मिलती है। करंट साइकोलॉजी जर्नल के रिसर्च के अनुसार जब शरीर तनावग्रस्त महसूस करें, तो जूते पहनें और तनाव को दूर करने और वजन कम करने के लिए टहलने जाएँ।
जर्नल ऑफ़ एप्लाइड साइकोलॉजी की रिसर्च के अनुसार चलने से आपके शरीर की इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता में काफ़ी सुधार हो सकता है। इससे डायबिटीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है। बेहतर इंसुलिन संवेदनशीलता से शरीर को ग्लूकोज को ऊर्जा स्रोत के रूप में बेहतर तरीके से उपयोग करने में मदद करता है। इसके चलते ग्लूकोज का फैट्स के रूप में परिवर्तित होने और संग्रहीत होने की संभावना कम हो जाती है।
नियमित रूप से टहलने से आपकी कोशिकाओं की इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया बेहतर होती है। इससे टाइप 2 डायबिटीज़ विकसित होने का जोखिम कम होता है। इस प्रकार पेट की चर्बी कम करने के लिए पैदल चलना कारगर होता है।
वॉकिंग वर्कआउट की मदद से कैलोरी बर्न करने के लिए तेज़ गति से चलने का लक्ष्य रखें। इससे हृदय गति में सुधार होता है। आवश्यकतानुसार तेज़ और धीमी गति दोनों प्रकार से चलने का प्रयास करें। इससे कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है और पेट की चर्बी कम हो जाती है।
सप्ताह में 30 मिनट तक तेज़ चलने का लक्ष्य रखें। धीरे धीरे अपनी वॉक की अवधि बढ़ाएँ। पेट की चर्बी कम करने के लिए चलना सबसे बेहतरीन विकल्प है। इसके अतिरिक्त तेज़ चलने से आपकी हृदय गति बढ़ती है, कैलोरी बर्न होती है और पेट की चर्बी कम होती है। साथ ही मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है।
अपने कंधों को पीछे की ओर और कोर को सक्रिय रखते हुए सीधे खड़े हों। इससे मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ने लगती हैए जिससे बॉडी टोन और मजबूत होती है। रोज़ाना पैदल चलना और कसरत से भी अधिक कैलोरी बर्न होती है।
अपने वर्कआउट की तीव्रता बढ़ाने के लिए टखने के वज़न या कलाई के वज़न का उपयोग करें। यदि आप पेट की चर्बी कम करने के लिए चल रहे हैं, तो इसके लिए बैकपैक ले जाएँ। टखने और कलाई के वज़न प्रतिरोध को बढ़ाने से मांसपेशियों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे कैलोरी बर्न होती है। बैकपैक वर्कआउट को भी तीव्र करता है और पीठ की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है।
फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज से भरपूर संतुलित आहार लें। संतुलित आहार आपके शरीर को ऊर्जा देता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम करने से कैलोरी का स्टोरेज कम होता है, जिससे वजन घटाने और पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है।
नेशनल वेट कंट्रोल रजिस्ट्री के अनुसार 94 फीसदी लोग जिन्होंने 1 वर्ष या उससे अधिक समय में कम से कम 30 पाउंड वजन कम करने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने शारीरिक गतिविधि को जारी रखा। खासतौर से पैदल चलना इसमें शामिल किया गया है।
पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले चलना एक बेहतरीन विकल्प है, जो एरोबिक व्यायाम का एक प्रकार है। दिनभर में 30 मिनट चलने से बॉडी को टोन रखा जा सकता है। इसके अलावा लो कैलोरी डाइट यानि फैट और शुगर के बाद आहार का सेवन करने से शरीर को फायदा मिलता है। इसके अलावा कुछ व्यायाम भी पेट की चर्बी कम करने में मदद कर सकते हैं
पैदल चलने से शरीर में जमा कैलोरीज़ एनर्जी के रूप में इस्तेमाल होने लगता है। इसके अलावा शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाकर मेटाबॉलिज्म को बूस्ट किया जा सकता है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है और अपने फिटनेस गोल को अचाव करने में भी मदद मिलती है।
सीडीसी के अनुसार 10 किलो तक वज़न को कम करनेके लिए प्रतिदिन 30 मिनट को सप्ताह में 150 मिनट वॉककरने से फायदा मिलता है। इससे शरीर में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और कोलेस्ट्रॉल के खतरे को भीकम किया जा सकता है। एनआईएच की अन्य रिसर्च के अनुसार दिनभर में10,000 कदम चलने से वेटलॉस में मदद मिलती है।