लाल-सफेद और मरून कलर का करौंदा बारिश के मौसम में खूब मिलता है। एंटीऑक्सीडेंट, एनालजेसिक, एंटी इन्फ्लेमेटरी, लिवर प्रोटेक्टिंग, ब्लड शुगर लेवल घटाने वाले एंटी हाइपरग्लाइसेमिक और कोलेस्ट्रॉल घटाने वाले हाइपोलिपिडेमिक और वुंड हीलिंग प्रोपर्टी वाले करौंदे (how to use karonda) का सेवन बारिश के मौसम में जरूर करना चाहिए।
इसमें विटामिन सी,आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस भरपूर होता है। इसके साथ ही अल्केलॉयड्स, फ्लेवोनॉयड्स, सेपोनिन्स, ग्लाइकोसाइड्स, फीनॉलिक कंपाउंड्स, टेनिन्स, सेलिसाइलिक एसिड पाया जाता है। करौंदे के बीज में 10 प्रतिशत प्रोटीन, 22.4 प्रतिशत ऑयल और 72.7 प्रतिशत ओलिक एसिड भी पाया जाता है।
आयुर्वेद और नेचुरोपैथ के अनुसार करौंदे का पत्ता, जड़ और फल सभी बहुत फायदेमंद होते हैं। करौंदे के नियमित प्रयोग से कई स्वास्थ्य समस्याएं ठीक होने में मदद मिलती है।
बरसात के दिनों में पैर फटने या फंगस लगने की समस्या सबसे अधिक होती है। इसमें करौंदा राहत दिलाता है।
नियमित रूप से करौंदे के बीजों को पीसकर पैरों में लगाने से फायदा मिलता है। कुछ दिनों में पैर फटने के कारण जो घाव बन जाते हैं, उसमें भी आराम मिलता है।
करौंदे के बीज को पीसकर तेल में पकाकर मलने से हाथ-पैर को मुलायम बनाता है।
बारिश के दिनों में संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। इसमें करौंदा की पत्ती लाभ पहुंचाती है।
एक मुद्ठी करौंदा की पत्तियों को डेढ़ गिलास पानी के साथ उबालें।
आंच धीमी ही रखें।
उबालने पर जब आधा गिलास पानी जल जाए, तो छानकर काढ़ा पियें, राहत मिलेगी।
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कस्टमाइज़ करेंबारिश के मौसम में स्किन पर फुंसी, खुजली की समस्याएं होती हैं। करौंदे में मौजूद विटामिन सी किसी भी प्रकार की स्किन प्रॉब्लम को ठीक कर देता है।
करौंदे के पके फल को मिक्सी में पीस लें।
इसे फुंसी या खुजली के स्थान पर लगाएं। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्व राहत दिलाते हैं।
यदि आप वेट लॉस की योजना बना रही हैं, तो अपने आहार में करौंदे को शामिल करें। इसमें फाइबर होता है, जिससे पेट काफी देर तक भरा महसूस होता है।
एक मुट्ठी करौंदे को अपने ब्रेकफास्ट या फ्रूट टाइम में शामिल करें।
करौंदे के पत्ते को उबालकर पीने से भी वजन कम होता है।
नागपुर यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के अनुसार, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुणों वाला करौंदा टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है।
डायबिटीज पेशेंट करौंदे के फल को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करें।
करौंदा का कच्चा फल खा सकते हैं।
आप इसकी चटनी भी बना सकती हैं।
कम तेल-मसाले वाली करौंदे की सब्जी भी खा सकती हैं।
करौंदे का इस्तेमाल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है।
कच्चा फल खाएं।
करौंदे की चटनी खाएं।
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