क्या आप लंबे समय से चिंता और अवसाद से परेशान हैं? या नकारात्मक भावनाएं आपका पीछा नहीं छोड़ रही? हर व्यक्ति के तनावग्रस्त होने की अपनी व्यक्तिगत वजह हो सकती है, परंतु कुछ सामान्य कारण हैं जैसे कि जरूरत से ज्यादा नशा, देर रात जागने की आदत, नियमित धूम्रपान की वजह से लोग डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में समय रहते इनपर नियंत्रण पाना बेहद महत्वपूर्ण है, अन्यथा चिंता समग्र सेहत को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। सबसे पहले इसके व्यक्तिगत कारणों को समझें और उनमें सुधर करने का प्रयास करें, इसके अलावा आहार, और शरीक गतिविधियों में भाग लें। साथ ही साथ इसमें आयुर्वेद आपकी मदद कर सकता है।
कई ऐसे आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थ और नुस्खे हैं, जो चिंता और एंजाइटी की भावनाओं को नियंत्रित कर आपको एक सामान्य जीवन जीने में मदद करते हैं (ayurvedic tips for anxiety)। आयु शक्ति की को-फाउंडर और आयुर्वेद प्रैक्टिशनर स्मिता नरम ने ऐसे ही कुछ टिप्स दिए हैं, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
सिद्ध प्राचीन प्राकृतिक उपचार चिंता, तनाव और अवसाद को शांत करने का सबसे सुरक्षित तरीका हैं। यदि आपको अक्सर चिंता, आत्मविश्वास की कमी, भय, मूड में बदलाव, नकारात्मकता महसूस होती है, तो ये घरेलू उपचार उल्लेखनीय रूप से आपकी मदद कर सकते हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार खाली पेट सफेद कद्दू के रस का सेवन सेमस्तिष्क को प्रयाप्त पोषण प्रदान करता है, सतर्कता लाता है, याददाश्त बढ़ाता है, ऊर्जा को बढ़ावा देता है, शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन देता है। यह सभी फैक्टर चिंता और अवसाद की भावनाओं पर नियंत्रण पाने में मददगार साबित हो सकते हैं। यदि आप भी इस प्रकार की मानसिक स्थिति से जूझ रही हैं, तो आयुर्वेद का सुझाया नुस्खा “सफेद कद्दू का रस ” जरूर पिएं।
कनपटी क्षेत्र और सिर पर एक चम्मच घी लगाकर रोजाना रात को 10 मिनट तक हल्की गोलाकार मालिश करें। इससे मन और भावनाओं को शांत करने में मदद मिलती है। इसका नियमित अभ्यास आपकी मानसिक स्थिति में सुधार करने में मदद करेगा।
एक चम्मच घी को नाभि पर लगाएं और 1 मिनट तक गोलाकार गति में धीरे-धीरे मालिश करें। वात दोष को शांत करना और मन, शरीर और भावनाओं को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
लैवेंडर में एक बेहद खास तरह की खुशबू होती है, जो डिप्रेशन और एंजायटी की स्थिति पर नियंत्रण पाने में आपकी मदद कर सकती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार लैवंडर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल चिंता की भावनाओं को नियंत्रित करते हुए नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
अश्वगंधा में एडेप्टोजेनिक कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो डिप्रैशन और एंजायटी में नजर आने वाले लक्षणों को नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा यह अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित रखने में मदद करता है। वहीं यह ब्रेन कैंसर सेल्स को बढ़ाने से रोकता है, इसे अपने नियमित डाइट में शामिल करें।
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रोज मेरी आपके खाद्य पदार्थों में फ्लेवर और स्वाद जोड़ता है। इसके साथ ही आयुर्वेद में इसके चिकित्सीय गुणों के लिए अलग अलग समस्याओं के उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद से मानसिक स्थिति जैसे की चिंता और अवसाद की स्थिति में एक बेहद प्रभावी घरेलू नुस्खा माना जाता है। आप इसके एसेंशियल ऑयल को सूंघ सकती हैं, या रोजमेरी टी का सेवन कर सकती हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार डिप्रेशन और एंग्जाइटी की स्थिति में कैमोमाइल एक प्रभावी हर्ब के रूप में काम करती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2012 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार यह आपके नर्व को आराम पहुंचती है, साथ ही तनाव और चिंता के लक्षणों पर नियंत्रण पाने में मदद करती है।
नोट: यदि आप बहुत पुरानी चिंता स्थितियों, तनावग्रस्त और अवसाद से पीड़ित हैं, तो आपको जड़ से लंबे समय तक राहत के लिए एक विशिष्ट संतुलन आहार, कुछ घरेलू उपचार और हर्बल सप्लीमेंट और डिटॉक्स थेरेपी का पालन करना पड़ सकता है।
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