अमेरिकी इंस्पिरेशनल लेखक स्वेट मार्डन ने अपनी किताब पीस ऑफ माइंड में कहा है, “यह कहना बहुत आसान है कि गुस्से को काबू करना सीखो। शांत बने रहो। दूसरों की बातों पर ध्यान न दो। अपना काम करते जाओ। इन सभी बातों को अपने जीवन में उतारना, इस लाइन को फॉलो करना बहुत मुश्किल है। क्योंकि किसी की बात पर जब हम अपमानित महसूस करते हैं या निराश हो जाते हैं, तो बहुत तेज गुस्सा आता है। फिर टूटे हुए बांध की तरह अंदर का गुस्सा एकाएक बाहर निकल जाता है। इसे ही ओवररिएक्ट करना कहा जाता है।” हममें से ज्यादातर लोग यह जानते ही नहीं हैं कि हमें किस तरह प्रतिक्रिया देनी है।
हम यह जान ही नहीं पाते हैं कि क्रोध के क्षणों में खुद को कैसे शांत करें। हम में से अधिकांश जब नकारात्मक भावनाओं वाली प्रतिक्रिया का अनुभव करते हैं, तो इस पर हमारी पहली प्रतिक्रिया अक्सर बेहद रिएक्टिव होती है। स्वेट मार्डन ने कहा है कि हमारा दिमाग नकारात्मक भावनाओं को खतरे के रूप में व्याख्यायित करता है। इसलिए हमें लगता है कि सामने वाले की बात हमारे स्वाभिमान पर चोट कर रही है। इसलिए हम गलत तरीके से रिएक्ट कर देते हैं।
वास्तव में हमें सफलता तभी मिलती है, जब हम ओवररिएक्ट करना छोड़ देते हैं। खुद को शांत करना सीख जाते हैं। इसलिए हमें खुद को शांत व संयत रखना सीखना होगा।
आप नोटिस करती हैं कि जब आपको गुस्सा आता है, तो आप इसे रोक नहीं पातीं। खुद को विचारों में गड्डमड्ड करने की बजाय कुछ ऐसा करें, जो तुरंत आपके मन को नकारात्मक भावनाओं से दूर ले जाए। जब सामने वाला व्यक्ति कुछ अनर्गल बोल रहा हो, तो सांस लें। पानी का एक घूंट पीयें। यदि उस स्थान से हटना संभव हो तो हट जाएं। कुछ देर वॉक कर लें। जब आप दोबारा उस जगह पर आएंगी, तब तक वह बात आपके दिमाग से निकल चुकी होगी। अपनी भावनाओं को शब्द देकर भी खुद को शांत और संयत कर सकती हैं।
आपको अपने बॉस की बात भी गलत लग सकती है। उनकी गलती बताने की बजाय आप कुछ न बोलें। शांत रह जाएं। इसके फायदे आपको मिल सकते हैं। यदि आप शांत नहीं रहेंगी, तो बॉस से मिलने वाले पर्क या पदोन्नति से हाथ धो बैठ सकती हैं। इस उपाय को अप्रेजल के महीने में तो जरूर अपनाएं। यदि आपकी इच्छा उन्हें जवाब देने की हो रही है, तो इस इच्छा को दबाने में ही फायदा है। क्योंकि सामने मुनाफा मिलने की भी संभावना हो सकती है।
जिस तरह आप अपने मित्रों, परिवार वालों के जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी याद रखती हैं, उसी तरह यह पाठ भी याद रखें कि आपको खुद को शांत व संयत बनाये रखना है। किसी की बात का बेवजह जवाब देकर अपना आपा नहीं खोना है।
इससे आपका मन शांत व संयमित रह सकता है। इसके लिए आप अपनी नोटबुक या लैपटॉप की स्क्रीन पर खुद को शांत रखने का नोट लिख लें। जब भी आपकी नजर उस पर जाएगी, आप दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ उसे फॉलो करने लगेंगी।
ज्यादातर इंसान बेहद भावुक होते हैं। छोटी से छोटी बात पर उनकी भावनाएं बाहर आने लगती हैं। यह सोचना बंद करें कि दूसरों की बातों से आपकी इज्जत चली जाएगी। संभव है कि यदि आप किसी को तीखा जवाब नहीं देती हैं, तो वह आपको कमजोर समझ सकता है। पर ऐसा नहीं है।
आपका जो व्यक्तित्व है किसी और की बातों से प्रभावित नहीं हो सकता है।
अपनी भावनाओं को शक्ति के रूप में इस्तेमाल करना बंद करें। इसलिए अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें। ओवर रिएक्ट करने की बजाय हमेशा अपनी क्षमता और उसके प्रदर्शन पर ध्यान दें।
जब आप पहली बार इन तरीकों का अभ्यास करना शुरू करेंगी, तो यह कठिन लग सकता है। कठिन लगने के बावजूद आप इन विधियों का अभ्यास करना जारी रखें। फिर यह अभ्यास आपकी आदत में शामिल हो जाएगा।
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