चिलचिलाती गर्मी या उमस से भरे बरसात के मौसम में पसीने की दुर्गंध दिनभर हमें परेशान करती है। दरअसल, कुछ लोगों को ज्यादा स्वैटिंग होने से उन्हें अन्य लोगों के साथ उठने बैठने में भी दिक्कत का अनुभव होता है। पसीने से कपड़े भीगने के चलते वे लोगों से मिलना जुलना भी अवॉइड करने लगते है। कुछ लोग इससे बचने के लिए रोलऑन डियो या परफ्यूम का सहारा लेते हैं, तो कोई टैल्कम अप्लाई करता है। मगर फिर भी समस्या ज्यों की त्यो बनी रहती है। अगर आप भी तन की दुर्गंध और ज्यादा पसीना आने से परेशान रहते हैं, तो जानें इससे बचने के आसान उपाय (How to control excessive sweating)।
हाइपरहाइड्रोसिस यानि पसीना ज्यादा आने की समस्या, जो व्यक्ति के शरीर में दो कारणों से हो सकता है। पहला है प्राइमरी, जिसमें बिना किसी विशेष कारण के व्यक्ति को माथे और हथेलियों में पसीने का अनुभव होता है। वहीं सेकंडरी हाइपरहाइड्रोसिस यानि व्यक्ति को किसी शारीरिक समस्या के कारण अधिक स्वैटिंग होती है।
इस बारे में जानकारी देते हुए आरटिमिस अस्पताल गुरूग्राम में सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन का कहना है कि हाईपर थायराइड में एक्सेसिव स्वैटिंग की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा डायबिटीज में भी स्वैटिंग डिऑटोनोमिया होता है। इसमें भी आपको स्वैटिंग का अनुभव होता है। वहीं नर्व इंजरी के बाद भी मरीजों को खूब पसीना आने लगता है। ब्लड प्रेशर होने के कारण भी एक्सेसिव स्वैटिंग हो सकती है। साथ ही महिलाओं को प्रेगनेंसी में भी स्वैटिंग होती है।
इस बारे में मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि स्वैटिंग से बचने के लिए शरीर में लिक्विड इनटेक बढ़ाना ज़रूरी है। इसके अलाव फ्राइड खाने से बचें और उसे हेल्दी फूड से रिप्लेस करें। साथ ही अपनी डाइट में मौसमी फलों और सब्जियों को शामिल करें। खासतौर से खीरा, ककड़ी और बीटरूट को सैलेड की फार्म में लें। इसके अलावा आप हेल्दी स्मूदीज़ नियमित तौर पर पी सकते हैं।
अपनी मील में ज्यादा तीखा खाना शामिल करने से हमारी हृदय गति बढ़ने लगती है। इसके चलते शरीर का तापमान इनक्रीज़ होने लगता है। शरीर को दोबारा ठंडा करने के लिए बॉडी स्वैटिंग होने लगती है। इसके अलावा प्रोसेस्ड और फैटी फूड खाने से हमारे शरीर को डाइजेस्ट करने में ज्यादा समय लगता है, जो पसीने का कारण बनता है। इसके अलावा अगर आप सॉल्टी फूड का इनटेक बढ़ाते हैं, तो ये शरीर से यूरिन या फिर पसीने के ज़रिए निकलने लगता है।
गर्मी या उमस के मौसम में अगर आप टाइट कपड़ों को पहनते हैं, तो इससे अंडरआर्मस में आने वाला पसीना कपड़ों पर नज़र आने लगता है। इसके अलावा आप गर्मी के मौसम में ऐसे फैब्रिक पहनें, जो पसीने को सोख लें और शरीर को ठंडा रखें। इसके अलावा ऐसे मौसम के लिए हल्के रंग का चुनाव करें।
अक्सर गर्मी के मौसम में हम लेग आइसक्रीम का आंनद उठाते है। अगर आप बार बार आइसक्रीम खाते है, तो ये आपके लिए पसीने का कारण साबित हो सकती है। हाई लेवल फैट्स और स्वीटनर्स पाचनतंत्र को धीमा कर देते है। इससे शरीर में हीट जनरेट होती है।
खुद को हाइड्रेट रखने के लिए शरीर में पानी की कमी का पूरा होना ज़रूरी है। इसके लिए आप पानी, छाछ, डिटॉक्स वॉटर, नींबू पानी और ताजे़ फलों का रस ले सकते हैं। वहीं कैफीन, शराब और अन्य पेय पदार्थों का सेवन करने से बचें। दरअसल, ये कई बार डिहाइड्रेशन का कारण भी साबित हरो सकते है। साथ इन्हें ज्यादा मात्रा में पीने से ये आपकी हृदय गति को बढ़ाने का भी काम करते है।
एंटीपर्सपिरेंट के इस्तेमाल से भी आप स्वैटिंग और दुर्गध की समस्या से बच सकते हैं। इसे आप अंडरआमर्स में अप्लाई करें, ताकि पसीना कम आएं। ध्यान रखें कि इसे बहुत माइल्ड इस्तेमाल करें। दरअसल, ज्यादा प्रयोग करने से कई बार ये जलन का कारण भी बन सकता है। इसे आप डॉक्टरी सलाह के बाद हाथों और पैरों में आने वाले पसीने के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं।
एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर खीरे के स्लाइज़िज को अंडरआर्म्स में कुछ देर तक लगाकर रखें।
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कस्टमाइज़ करेंअंडरआर्म्स पर बेकिंग सोडा का घोल अप्लाई करें और 10 से 15 मिनट के बाद पोंछ दें।
इसके अलावा फुल आर्म वैक्सिंग करवाएं, ताकि बालतोड़ की परेशानी से बचा जा सके।
हाइजीन का ख्याल रखें। गीले और पहने हुए कपड़ों को दोबारा पहनने से बचें। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और दुर्गंध की समस्या बढ़ जाती है।
वर्कआउट के बाद ज़रूर नहाएं अन्यथा आप दिनभर उसी पसीने से जूझते रहेंगे। ये कई बार शरीर में बैक्टिरियल इंफे्क्शन का कारण भी बन सकता है।
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