scorecardresearch

चेहरे पर उम्र से पहले दिखने लगी हैं फ्रोन लाइन्स, तो इस तरह से करें उनका उपचार

चेहरे पर दिखने वाले एजिंग साइंस हमारी परेशानी बढ़ा देते हैं। जानते हैं त्वचा पर बनने वाली फ्रोन लाइन्स का कारण और इससे बचने के उपाय भी।
Published On: 25 Apr 2023, 07:42 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
frone lines kya hota hai
चेहरे पर दिखने वाली महीन रेखाओं को फ्रोन लाइंस कहा जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, हमारी स्किन कई समस्याओं से घिरने लगती है। चेहरे के ग्लो से लेकर इलास्टिसिटी (Elasticity) तक सब कुछ कम होने लगता है। पूर्ण रूप से देखभाल न मिल पाने के कारण स्किन बेजान नज़र आने लगती है। इसके अलावा चेहरे पर अनचाही लाइंस भी दिखने लगती है। इससे हमारे चेहरे ही बनावट में भी बदलाव आ जाता है। चेहरे पर दिखने वाली महील रेखाओं को फ्रोन लाइंस कहा जाता है। जानते हैं, फ्रोन लाइंस क्या है इससे कैसे मुक्ति पाई (how to get rid of frown lines) जा सकती है।

एनसीबीआई के मुताबिक उम्र बढ़ने की प्रक्रिया जन्म से शुरू हो जाती है। त्वचा की उम्र बढ़ने से कई स्किन प्रोब्लम्स का खतरा बना रहता है। इससे त्वचा की परतों में डर्मिस, एपिडर्मिस, पिगमेंट सेल और बालों के रोम आना इसी का परिणाम है।

इसके चलते एपिडर्मिस (Epidermis) की थिकनेस यानि उस परत की मोटाई जो त्वचा की सबसे बाहरी लेयर है, कम होने लगती है। इस समस्या को दूर करने में हाइड्रॉक्सी एसिड (Hydroxy acid) का अहम रोल है। दरअसल, इस एसिड को फ्रूट एसिड (Fruit acid) भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल बढ़ती उम्र के विकारों के उपचार के लिए किया गया है। ये एंटी.एजिंग स्किनकेयर (Anti ageing skin care) तत्वों में से कुछ हैं।

क्या होती हैं फ्रोन लाइंस

ये वो रेखाएं होती हैं, जो आंखों के नज़दीक बनती हुई नज़र आती है। 11 के आकार की बनी इन रेखाओं को आइब्रोज़ के नीचे देखा जा सकता है। इस अलावा ये रेखाएं माथे पर भी दिखती हैं और हंसते वक्त मुंह के दोनों कोनों पर एक घुमावदार यानि सी के आकार में नज़र आने लगती है। दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ त्वचा में इलास्टिसिटी की कमी और कोलेजन का अत्यधिक नुकसान फ्रोन रेखाओं का कारण बन सकता है।

Mature skin ke liye inn tips ka prayog karein
फाइन लाइंस को हटाकर फ्लालेस स्किन पाना चाहती हैं, तो इन टिप्स को ज़रूर आज़माएं। चित्र अडोबी स्टॉक

जानते हैं, वो उपाय, जिनकी मदद से आप फ्रोन रेखाओं से बच सकते हैं

1. क्लींजिंग, एक्सफोलिएटिंग और मॉइस्चराइजिंग

ये एक ऐसा मूलमंत्र है, जिसकी मदद से आप स्किन संबधी समस्याओं को आसानी से दूर भगा सकते है। इन्हें क्लीन करने से नाक और होठों के पास दिखने वाली रेखाएं कम होने लगती है। बाहर से आने के बाद चेहरे की क्लीजिंग बेहद ज़रूरी है।

दरअसल, चेहरे को क्लीन करने से त्वचा पर मौजूद विषाक्त पदार्थों को आसानी से हटाया जा सकता है। उसके बाद एक्सफोलिएशन प्रोसेस स्क्रब या लैक्टिक से त्वचा की परत ग्लोई बनने लगती है। इसके अलावा सूखी और बेजान त्वचा के लिए मॉइस्चराइजिंग सबसे ज़रूरी स्टेप है। इससे क्रेपी त्वचा दूर होती है और हम एजिंग साइंस जैसे झुर्रियों की समस्या से बच सकते है।

2. मसाज है ज़रूरी

चेहरे की मसाज हमें कई फायदे प्रदान करती है। इसे करने के लिए फोरहेड की मांसपेशियों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। दरअसल, फोरहेड की मांसपेशियों में खि्ांचाव आने से पूरे चेहरे पर उसका प्रभाव दिखने लगता है। माथे को ग्लोई बनाने के लिए अपनी बाईं हथेली को अपने माथे के बाईं ओर और अपनी दाहिनी हथेली को अपने माथे के दाईं ओर रखें।

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

अब दोनों हाथों से माथे की त्वचा को सर्कुलर मोशन में घुमाएं। इसे 4 से 5 मिनट तक घुमाएं। ऐसा नियमित करने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है। साथ ही स्किन के अंदर कोलेजन की मात्रा में वृद्धि होने लगती है।

massage ke fayde
मसाज के ज़रिए शरीर के अंगों में होने वाले दर्द से राहत मिल जाती है। चित्र अडोबी स्टॉक

3. रेटिनॉल करें इस्तेमाल

रेटिनॉलस के प्रयोग से उम्र के साथ पतली होने वाली स्किन की समस्या से बचा जा सकता है। त्वचा को पतला होने से रोकने में कोलेजन बेहद लाभदायक साबित होता है। रोज़ाना रेटिनॉल सीरम लगाने से स्किन में कोलेजन की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे त्वचा में लवीलापन बना रहता है और फ्रोन लाइंस खुद ब खुद कम होने लगती हैं। दरअसल, रेटिनॉल स्किन सेल्स के अंदर रेटिनोइड रिसेप्टर्स को बाइंड करने का काम करता है। इससे कोलेजन उत्पादन बढ़ने लगता है।

4. सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें

धूप में घर से बाहर निकलने से पहले सवस्क्रीन अवश्य लगाएं। इससे चेहरे पर बनने वाली फाइन लाइंस और आंखों के नज़दीक दिखाई देने वाली क्रो फीट से आप बच सकते हैं। अपनी स्किन के हिसाब से सनस्क्रीन दिन में दो बार अवश्य अप्लाई करें। इससे स्किन सेल्स रिपेयर होने लगते हैं। साथ ही स्किन नरिश रहती है।

ये भी पढ़ें- Malaria in Pregnancy : 10 हजार से ज्यादा प्रेगनेंट महिलाओं की मौत का कारण बनता है मलेरिया, जानिए कैसे बचना है

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख