पहले कोरोना (Covid-19) अब एच3एन2 वायरस (H3N2 Virus) ने लोगों को फिर से डराना शुरू कर दिया है। जिसके बाद लोग सहमे से नजर आने लगे हैं। देश में फैले इस वायरस से अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है। पहले लोगों ने इसके असर को नजरअंदाज किया। वहीं, अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश में ज्यादातर सरकारी अस्पतालों के आईसीयू वार्ड के सभी बेड फुल चल रहे हैं। पर डरने से ज्यादा जरूरी है बचाव के उपाय करना। एच3 एन2 वायरस से बचाव के लिए यहां कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों (Ayurvedic herbs to avoid H3N2 virus) के बारे में बताया जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आकड़ों पर नजर डालें, तो जनवरी से 15 मार्च तक एच3एन2 के 455 मामले आ चुके हैं। इस वायरस में पहले सांस की बीमारी और गले से संबंधित परेशानी होती है। वहीं कुछ मरीजों में ठंड लगना, शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी आना, नाक बहना और दस्त सहित अन्य लक्षण देखे जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो इस वायरस में चिंता विषय यह है कि यह कोरोना वायरस की तरह यह भी फैल रहा है। इसमें जब कोई एच3एन2 वायरस से संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है, तो सामने वालों को भी संक्रमित कर देता है। हालांकि अभी तक इसका कोई तय उपचार नहीं है। ज्यादातर लोग आयुर्वेदिक उपायों से ही अपनी इम्युनिटी मजबूत कर रहे हैं ताकि इस वायरस से बचा जा सके। एच3एन2 वायरस में मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी खांसी से होती है। इसलिए हमने एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से खांसी से छुटकारा पाने के उपायों के बारे में बात की। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ उत्कर्ष बाजपेई कानपुर के 65 श्याम नगर क्षेत्र में कई सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं।
वास्तव में गुडुची और गिलोय एक ही चीज हैं। कुछ लोग इसको गिलोय नाम से भी जानते हैं। इसका सेवन टॉन्सिलिटिस और कोल्ड से बचाव के लिए किया जाता है। यह खांसी और खराश को कम करने में मदद करता है। इसके गर्म पानी के साथ सुबह खाली पेट लेने से लाभ होता है।
आयुर्वेद में कई तरह की जड़ीबूटियां हैं, जिससे पुरानी से पुरानी बीमारी को दूर किया जा सकता है। उसी में एक नाम मुलेठी का है, जिसके सेवन से खांसी, कफ, खराश को भगाया जा सकता है। यदि कोई इसका सेवन करता है, तो एक सप्ताह के भीतर सांस के रास्ते में जमे कफ को पतला कर बाहर कर देने की क्षमता है इसमें। इसका सेवन करने के लिए चाय के पैन में एक स्पून मुलेठी का पाउडर लें और एक ग्लास गर्म पानी में मिलाएं। फिर इसको पिएं, ऐसा दिन में दो बार करें। खांसी के साथ कफ को बाहर करेगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि गुड़ में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी भी पूरी की जा सकती है। साथ ही शरीर में यदि कमजोरी है तो उसे भी इससे दूर किया जा सकता है। गुड़ की चाय बनाने के लिए इसमें अदरक का तुकड़ा और तुलसी की चार पत्तियों को डाल कर गुड़ के साथ एक कप पानी में उबाल लें। जब आधा कप पानी रहा जाए तो उसे गैस से हटा लें। चाय को ठंडा होने से पहले ही गरम-गरम पिएं। इससे गले में आराम मिलेगा। गुड की चाय चीनी की चाय से कई गुना शरीर के लिए लाभदायक है।
डॉ उत्कर्ष के अनुसार आयुर्वेद में तुलसी के कई फायदे हैं। इसमें खांसी, जुखाम, बुखार से लड़ने के प्रचुर गुण हैं। तुलसी में एंटीबॉडी बनाने की क्षमता होती है। इसका जितना अधिक सेवन किया जाएगा, शरीर में उतनी ज्यादा मात्रा में एंटीबॉउी बनेंगी। जो किसी भी रोग से लड़ने के लिए शरीर में सक्षम होगी। इसके अलावा शरीर में जमा कफ को पलता करने में तुलसी मददगार साबित हो सकती है।
इसका सेवन करने के लिए इसका काढ़ा बनाया जा सकता है। जिसमें पहले आपको तुलसी की छह से सात पत्तियां लेनी होंगी। इसके बाद चाय वाले पैन में इसे डाल कर पानी में पांच काली मिर्च और अदरक घिस कर अच्छे से आठ से नौ मिनट तक उबालें। इसके बाद स्वादानुसार नींबू निचोड़ कर कप में छान ले और इसका सेवन करें
आयुर्वेद में हर्बल सीरप के नाम से जानी जाने वाली सौंठ के कई फायदे हैं। सौंठ को अदरक और शहद के साथ मिलाकर खाने से सर्दी, जुखाम, खांसी में आराम मिलेगी। एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर सौंठ गले की खराश को कम करने में कारगर है। इसका सेवन शहद और अदरक के किया जा सकता है। इसके लिए 1/4 चम्मच सौंठ, एक चम्मच शहद,एक छोटा तुकड़ा अदरक को मिलाकर सेवन करें। एक सप्ताह में तीन बार अवश्य लें।
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