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ट्रोलिंग आपकी प्रोडक्टिविटी और मेंटल हेल्थ को पहुंचा रही है नुकसान, तो जानिए इससे कैसे बचना है

इस वक्त जब दुनिया का कोई भी इंसान जिस पर आप अपनी भड़ास निकाल सकते हैं, आपसे एक क्लिक दूर है। डिजिटल दुनिया में इसे ट्रोलिंग कहा जाता है, जो बहुत आम हो चली है।कुछ तरीके (tips to prevent trolling) अपना कर हम इससे बच सकते हैं।
कुछ तरीके अपना कर ट्रोलिंग से होने वाले असर से बचा जा सकता है। चित्र – अडोबीस्टॉक
Published On: 3 Feb 2025, 06:30 pm IST

अंदर क्या है

  • क्या है ट्रोलिंग 
  • ट्रोलिंग का हमारे स्वास्थ्य पर असर 
  • सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग से कैसे बचें?

सारे आविष्कारों की तरह सोशल मीडिया का आविष्कार भी अपने साथ कुछ खामियां लेकर आया है। वक्त की बर्बादी और शरीर पर बुरे असर जैसे इसके नुकसान तो हैं ही, लेकिन इसके साथ ही एक और शब्द जुड़ गया है – वो है ट्रोलिंग। इस वक्त जब दुनिया का कोई भी बड़ा आदमी जिसपर आप अपनी भड़ास निकाल सकते हैं, आपसे एक क्लिक दूर है। फिर तो ये बढ़ेगी ही। लेकिन जो ट्रोल हो रहा है, उस के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका बहुत बुरा असर हो सकता है। आज हम ट्रोलिंग से जन्मी मानसिक समस्याओं के बारे में ही जाननेवाले हैं, एक्सपर्ट की मदद से और ये भी जानेंगे कि उन नुकसानो से कैसे बचा (tips to prevent trolling) जा सकता है जो ट्रोलिंग हमें देकर जाती है।

यहां जानिए किसी के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे नुकसान पहुंचाती है ट्रोलिंग (Impact of trolling)

1. नकारात्मक बनाती है ( Harmful effects of trolling)

अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट कहती है कि ट्रोलिंग (tips to prevent trolling) की वजह से सबसे पहला असर हमारे आत्मविश्वास पर पड़ता है। जब लोग हमें बिना समझे, बिना वजह खराब शब्दों में संबोधित करते हैं, तो हमें लगता है कि हम किसी भी मानक में फिट नहीं हो पा रहे। नतीजा ये होता है कि हम नकारात्मक सोचते हैं। इसी से एंजाइटी और तनाव जन्म लेता है जो कई बार परमानेंट हो जाता है।

2. डिप्रेशन तक ले जा सकती है ट्रोलिंग

अहमदाबाद विश्वविद्यालय में साइकोलॉजी पढ़ाने वाली प्रोफेसर सुचिस्मिता दास के अनुसार अगर ट्रोलिंग का असर (tips to prevent trolling) लंबे समय तक पड़े, तो यह डिप्रेशन जैसी गंभीर मानसिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। जब किसी व्यक्ति को सोशल मीडिया पर गालियाँ मिलती हैं तो वो अकेलापन महसूस करने लगता है और फिर उसकी मेंटल हेल्थ धीरे धीरे कमजोर होने लगती है। यही असर उसे सेल्फ डाउट से भर देता है और पीड़ित व्यक्ति अवसाद की ओर बढ़ने लगता है।

3. नींद पर असर ( trolling affects our sleep)

अगर हमें हर समय यह डर रहता है कि अगले पल किसने क्या ट्रोल कर दिया, तो इससे मेंटल पीस जाती रहती है। हम हर समय यही सोचते रहते हैं कि लोग हमारे बारे में क्या सोच रहे हैं या क्या कह रहे हैं। इस मानसिक दबाव के कारण हमारी नींद भी प्रभावित हो सकती है। जब हम घबराए हुए होते हैं या तनाव में होते हैं, तो रात को ठीक से सो नहीं पाते। इससे सुबह उठने के बाद भी थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होता है।

4. आपसी संबंधों पर असर

प्रोफेसर सुचिस्मिता दास बताती हैं कि ट्रोलिंग का ये असर (tips to prevent trolling) भी होगा, ये कम लोग सोचते हैं। लेकिन ट्रोलिंग से पीड़ित व्यक्ति के रिश्ते भी प्रभावित होते हैं। ऐसे लोग जो उन्हें बहुत प्रिय हैं वो उनसे भी कटने लगता है। इसका कारण ये है कि जब हम ट्रोल से जूझ रहे होते हैं। ऐसे वक्त में हममें कमतरी का एहसास घर करने लगता है। अब ये एहसास ऐसा है कि फिर हम ये मानते हैं कि हम किसी काम के नहीं और किसी भी रिश्ते के लायक नहीं। ठीक है, कि ऐसा गंभीर मामलों में ही होता है लेकिन यह हो सकता है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।

ट्रोलिंग का असर आपके रिश्तों पर भी पड़ सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

ट्रोलिंग से सिर्फ व्यक्तिगत मानसिक सेहत ही नहीं, बल्कि रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है। अगर हमें ट्रोल किया जा रहा है, तो हम चाहकर भी अपने दोस्तों, परिवार और करीबी लोगों से खुलकर बात नहीं कर पाते। इससे अंदर ही अंदर हम अकेलेपन और असुरक्षा महसूस करते हैं, जो हमारे रिश्तों में भी तनाव पैदा कर सकता है। इसके अलावा, अगर ट्रोलिंग से हम मानसिक दबाव में होते हैं, तो हम अपने आस-पास के लोगों से भी सही तरीके से जुड़ नहीं पाते, और रिश्तों में खटास आ सकती है।

5. आत्महत्या का खतरा

कई मामलों में ट्रोलिंग का असर आत्महत्या के विचारों तक भी पहुंच सकता है। इस दौर में जब मोबाइल बच्चों की पहुँच से दूर नहीं, यह मुमकिन है। एक ऐसी ही खबर भी आई थी जब एक 16 साल के बच्चे ने ट्रोलिंग से आजिज आ कर अपनी जान दे दी थी।

ट्रोलिंग के नतीजे कई बार पीड़ित के आत्महत्या के तौर पर भी सामने आए हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक

प्रोफेसर सुचिस्मिता दास इस बारे में कहती हैं कि लोग अगर आत्महत्या के निष्कर्ष पर पहुँच जा रहे हैं तो इसकी दो वजहें हैं। पहली तो ये कि उन्हें लगता है कि ऑनलाइन होने वाला ये दुर्व्यवहार उनके घर तक आ सकता है और इससे उनको खतरा है और दूसरा जो किसी भी आत्महत्या की वजह बन सकता है कि अगर लोग उन्हें नफरत करते हैं, तो जीवन जीने का क्या मतलब? इसलिए यह जरूरी है कि (tips to prevent trolling) हम ट्रोलिंग को हल्के में न लें और अगर हमें खुद या किसी करीबी को इस तरह के विचार आ रहे हों तो तुरंत प्रोफेशनल्स की मदद (tips to prevent trolling) लें।

क्या हो सकते हैं ट्रोलिंग से बचने के तरीके (tips to prevent trolling)

अब सवाल यह उठता है कि हम ट्रोलिंग से कैसे (tips to prevent trolling)बच सकते हैं. कुछ तरीके हैं जिनकी मदद से ट्रोलिंग से बचा जा सकता है। जैसे –

1. खुद पर भरोसा रखें (tips to prevent trolling)

सबसे पहले आपको खुद पर विश्वास रखना जरूरी है। जो लोग ट्रोल करते हैं, वो अक्सर अपनी नाखुशी या असुरक्षा को बाहर निकालने के लिए दूसरों को नीचा दिखाते हैं। इसका मतलब ये नहीं कि आप वैसा ही महसूस करें। अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें (tips to prevent trolling) और समझें कि आप जितने भी योग्य हैं, वो किसी और के कमेंट्स से कम नहीं हो सकते।

2. सोशल मीडिया से दूरी बनाएं (tips to prevent trolling)

अगर ट्रोलिंग बहुत ज्यादा हो रही हो और आपको मानसिक शांति की जरूरत हो, तो सोशल मीडिया से कुछ समय के लिए ब्रेक लेना अच्छा हो सकता है। इससे आपके दिमाग को आराम मिलेगा और आप शांत महसूस करेंगे। कभी-कभी कुछ दिनों तक सोशल मीडिया से दूरी बनाना बहुत फायदेमंद (tips to prevent trolling) हो सकता है।

3. प्रोफेशनल हेल्प लें (tips to prevent trolling)

अगर ट्रोलिंग के कारण आपको मानसिक तौर पर समस्या हो रही है, तो मदद लेना बहुत जरूरी है। आप अपने दोस्तों या परिवार से बात कर सकते हैं, या फिर किसी प्रोफेशनल से मिल सकते हैं। डॉक्टर या काउंसलर से बात करने से आपको सही राय (tips to prevent trolling) मिलेगी और आपकी समस्या का हल भी।

4. ट्रोलर्स को ब्लॉक और रिपोर्ट करिए

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अधिकतर ट्रोलिंग के लिए रिपोर्टिंग और ब्लॉक करने का ऑप्शन हमेशा होता है। अगर कोई व्यक्ति आपको परेशान कर रहा है, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दें (tips to prevent trolling) और उसे रिपोर्ट करें। इससे ना सिर्फ आपको राहत मिलेगी, बल्कि वह ट्रोलर भी अन्य लोगों को परेशान नहीं कर पाएगा। खुद को मानसिक मजबूत मानने के चक्कर में ये नहीं करना ( tips to prevent trolling) है कि आप किसी की गालियां झेलकर अपनी सेहत खराब करें।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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