महिलाएं अपनी त्वचा के प्रति बेहद सावधान रहती हैं, परंतु आप में से ज्यादतर महिलाएं केवल चेहरे की त्वचा पर ध्यान देती हैं। वहीं कभी-कभार हाथ एवं गर्दन को भी स्किन केयर में शामिल कर लेती हैं। जबकि आपके पैरों की त्वचा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उसे भी सही देखभाल और उपचार की जरूरत होती है। यही वह हिस्सा है, जहां की त्वचा पर सबसे पहले रूखापन महसूस होता है। सिर्फ यही नहीं, और भी बहुत सारी त्वचा संबंधी समस्याएं हैं, जाे आपके पैरों की त्वचा पर हो सकती हैं। ऐसी ही एक समस्या है क्रेपी स्किन (Crepey skin) यानी रूखापन लिए हुए पतली त्वचा। क्या है इसका कारण (Causes of crepey skin) और आप इसे कैसे ठीक (How to deal with crepey skin) कर सकते हैं, आइए जानते हैं विस्तार से।
शरीर के कुछ हिस्सों में पतली एवं रूखी स्किन का कारण कोलेजन लॉस हो सकता है। इसके साथ ही डर्मिस दिन प्रतिदिन पतले होते जाते हैं। इन दोनो के कॉम्बिनेशन की वजह से त्वचा पर उम्र के निशान नजर आना शुरू हो जाते हैं। क्रेपी स्किन भी एक एजिंग साइन है। परंतु आपकी लाइफ स्टाइल की गलत आदतें और त्वचा के प्रति लापरवाही भी कोलेजन लॉस का कारण बन सकती है। जिसकी वजह से त्वचा क्रेपी नजर आ सकती है।
वास्तव में जब पैरों की त्वचा पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता है, तो वहां की स्किन पतली हो जाती है और उन पर झुर्रियां एवं महीन रेखाएं आने लगती हैं। त्वचा बिल्कुल क्रेप किए हुए पेपर की तरह दिखाई देती है। यदि आप भी अपने पैरों पर ध्यान नहीं देती हैं, तो अपने घुटने की त्वचा को देखें आप क्रेपी स्किन का मतलब समझ जायेंगी।
जब बात क्रेपी स्किन की आती है, तो सबसे पहले त्वचा को मॉइश्चराइज रखना बहुत जरूरी हो जाता है। ऐसे इंग्रेडिएंट्स का चयन करें जो आपकी त्वचा में मॉइश्चर लॉक कर दे। इसका एक बेहतरीन उपाय है “कोकोनट ऑयल”। नारियल का तेल त्वचा को पर्याप्त नमी प्रदान करता है, और इसे स्मूद एवं खूबसूरत बनाता है।
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार जब त्वचा में मॉइश्चर लेवल बढ़ता है, तो स्किन बैरियर भी इंप्रूव होते हैं। इसके अलावा कोकोनट ऑयल कोलेजन प्रोडक्शन को भी बूस्ट कर देता है, जिससे क्रेपी स्किन का खतरा कम हो जाता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार रेटिनोल कॉलेजन प्रोडक्शन को स्टिम्युलेट करता है। जिससे कि एजिंग के निशान जैसे कि रिंकल्स, फाइन लाइंस आदि कम होते हैं। ठीक इसी प्रकार जब आप क्रेपी स्किन पर रेटिनोल अप्लाई करती हैं, तो यह कोलेजन को बढ़ावा देता है और स्किन को रिपेयर होने में मदद करता है।
एलोवेरा में मौजूद पानी की मात्रा इसे एक बेहद हाइड्रेटिंग सामग्री बनाती है। इस प्रकार त्वचा पर इसे अप्लाई करने से स्किन मॉइश्चर मेंटेन रहता है, और आपकी त्वचा को कई फायदे मिलते हैं। एलोवेरा में कई अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी स्किन अपीयरेंस को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। त्वचा पर एलोवेरा को टॉपिकली अप्लाई करें, इससे स्किन इलास्टिसिटी बरकरार रहती है और फाइन लाइंस जैसे एजिंग के निशान कम होते हैं।
यदि आप अपने पैरों की क्रेपी स्किन से परेशान हैं, तो इन्हें बेहतर करने के लिए नियमित रूप से मसाज करें। जिस प्रकार चेहरे की त्वचा पर मसाज करने की सलाह दी जाती है, ठीक उसी प्रकार पैरों की त्वचा पर मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इससे कोलेजन प्रोडक्शन और इलास्टिन दोनों इंप्रूव होते हैं। इसके साथ ही आप मसाज के लिए एंटी एजिंग किसी भी तेल या प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकती हैं, इस प्रकार आपको डबल फायदे मिलेंगे।
आप आसानी से अपवर्ड डायरेक्शन यानी कि ऊपर की ओर हाथ घुमाते हुए अपने पैरों की त्वचा को विशेष रूप से घुटने के आसपास के स्किन को मसाज दे सकती हैं। यदि आपके पास रोलर है, तो इसका इस्तेमाल करें।
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