भारत में डायबिटीज के बढ़ते मामलो को देखते हुए इसे डायबिटीज का कैपिटल कहा जाता है। आमतौर पर एक बार डायबिटीज हो जाए तो इसे रिवर्स नहीं किया जा सकता है, और पूरी उम्र आप एक डायबेटिक की तरह गुजारती हैं। हालांकि, पहले डायबिटीज बढ़ती उम्र के साथ होने वाली एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर थी। पर आज के समय में बेहद कम उम्र के लोगों में यहां तक की बच्चों में भी डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए पहले से ही खुदको बचाव के लिए तैयार रखें।
जिन्हे डायबिटीज है, उन्हें अपनी सेहत के प्रति अधिक सचेत रहना चाहिए। क्युकी अनियंत्रित डायबिटीज क्रोनिक किडनी डिजीज (kidney disease) यहां तक की लिवर फेलियर (liver failure) का भी कारण बन सकती है। इसके साथ ही मोटापा (obesity), स्किन कंडीशन, संक्रमण जैसी समस्याएं भी डायबिटीज (diabetes) के मरीजों को परेशान करती रहती है (blood sugar monitoring device)।
डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, ब्लड शुगर लेवल की जानकारी होना। यदि आपको अपना ब्लड शुगर मालूम होता है, तो आप उसे खानपान में बदलाव, शारीरिक गतिविधि और दवाइयों के माध्यम से आवश्यकता अनुसार एडजस्ट कर सकती हैं। इस प्रकार आपके लिए ब्लड शुगर मैनेजमेंट आसान हो जाता है और आपकी डायबिटीज नियंत्रित रहती है। डायबिटीज मेजरमेंट के लिए कई डिवाइस इंट्रोड्यूस किये गए हैं। यदि आपको अभी तक ब्लड मॉनिटरिंग डिवाइस और टूल्स से जुडी जानकारी नहीं है, तो आपको इस लेख को जरूर पड़ना चाहिए (blood sugar monitoring device)।
14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे (world diabetes day 2024) के रूप में सेलिब्रेट किया जाएगा, इस दिन को मानाने का मकसद लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करना है, ताकि वे एक स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवन जी सकें। वर्ल्ड डायबिटीज डे (world diabetes day) के मौके पर हमने सोचा क्यों न इसमें हमारा भी योगदान हो, इसलिए हम आपके लिए लेकर आये हैं, ऐसे 5 टूल्स जो ब्लड शुगर मॉनिटर करने में आपकी मदद करेंगे (blood sugar monitoring device)।
ब्लड शुगर मेजर करने का एक आम तरीका है ब्लड ग्लूकोज मीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स। इस प्रकार ब्लड शुगर जांचना है, तो अपनी उंगली के सिरे पर पतली पिन को चुभाकर हल्का ब्लड निकालना होता है। अब एक बूंद ब्लड को मीटर में एक टेस्ट स्ट्रिप पर रखना है। मीटर स्क्रीन पर आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रदर्शित करता है।
फिंगर स्टिक चेक केवल एक बार रक्त शर्करा को मापता है। ऐसे में डायबिटीज वाले लोगों को, विशेष रूप से इंसुलिन लेने वाले लोगों को ब्लड शुगर लेवल को नियमित रखने के लिए इस टूल का उपयोग दिन में कई बार करना पड़ता है।
त्वचा के नीचे एक सेंसर लगाया जाता है, जो दिन में 24 घंटे आपके ग्लूकोज के स्तर को मापता है, इसे कॉन्टिनियस ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस (CGM) कहा जाता है। CGM उन लोगों के लिए अधिक उपयोगी है, जिनके ब्लड शुगर के स्तर में लगातार बदलाव होता रहता है। यह एक छोटा उपकरण जो त्वचा के नीचे डाला जाता है, आमतौर पर हाथ या पेट में। सेंसर सेल्स के बीच फ्लूइड में ग्लूकोज के मौजूदा स्तर को मापता है, जो आपके रक्त में स्तर के समान होता है। ये सेंसर डेटा को रिसीवर या मॉनिटर पर भेजता है। मॉनिटर एक स्मार्टफोन, घड़ी या इंसुलिन पंप हो सकता है।
स्मार्ट पेन को मरीजों के लिए उपयोग में आसान बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एक बार जब आप अपने स्मार्टफ़ोन पर ऐप डाउनलोड कर लेती हैं और इसे अपने पेन से जोड़ लेती हैं, तो आप उपयोग के लिए तैयार हैं। डिवाइस ब्लूटूथ कनेक्शन के माध्यम से ऐप को रीयल-टाइम डेटा भेजता है। इसे इस्तेमाल करना बेहद आसान है, पर यह हमेशा आपकी बॉडी से जुड़ा नहीं रहता। आवश्यकता अनुसार इसे बॉडी में इन्सर्ट करके आप अपने इन्सुलिन डोजेज और ब्लड शुगर लेवल संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।
इंसुलिन पंप डिवाइस बॉडी में इन्सर्ट किया जाता है, और इसके साथ एक मॉनिटर लगा होता है जो सही माप को स्क्रीन पर दिखता है। इंसुलिन पंप इंसुलिन को लगभग उसी तरह रिलीज़ करता है, जैसे आपका शरीर इसे स्वाभाविक रूप से रिलीज करता है। दिन और रात में एक स्थिर प्रवाह, जिसे बेसल इंसुलिन कहा जाता है, और भोजन के समय एक अतिरिक्त खुराक, जिसे बोलस कहा जाता है, जो आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से बढ़ते रक्त शर्करा को संभालने में मदद करती है।
आप पंप को बेसल और बोलस दोनों खुराक के लिए प्रोग्राम करते हैं। यदि आप सामान्य से अधिक खाते हैं, तो आप अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट को कवर करने के लिए एक बड़ा बोलस प्रोग्राम कर सकते हैं। बोलस अन्य समय में भी हाई ब्लड शुगर को कम करता है।
पंप स्मार्टफ़ोन के आकार का होता है। इसे एक इन्फ्यूजन सेट का उपयोग करके शरीर से जोड़ा जाता है। पतली प्लास्टिक ट्यूबिंग या तो एक सुई या एक छोटी पतली ट्यूब जिसे कैनुला कहा जाता है, जिसे आप त्वचा के नीचे डालते हैं। इसे आमतौर पर पेट, नितंब या कभी-कभी जांघ, में डाला जाता है, इन जगहों को इन्फ्यूजन साइट कहा जाता है।
इससे पहले कि हम किसी मॉडलों पर चर्चा करें, यह समझना महत्वपूर्ण है कि 2024 तक कोई भी स्मार्टवॉच ब्लड शुगर का करेक्ट लेवल नहीं माप सकती है। कई स्मार्टवॉच ऐसे हैं जिन्हे निरंतर ग्लूकोज मॉनिटर (CGM) और अन्य स्वास्थ्य-ट्रैकिंग सुविधाओं के साथ जॉइंट कर के डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
पर यदि आप केवल वॉच के माध्यम से ब्लड शुगर मॉनिटर कर रही हैं, तो इसका माप पूरी तरह सही नहीं होता। अगर आप प्री डायबिटिक हैं, या कभी जल्दी में हैं, अन्य उपकरणों का इस्तेमाल नहीं कर सकती तो उस स्थिति में स्मार्ट वॉच का प्रयोग किया जा सकता है। यह आपको ब्लड शुगर लेवल का एक अनुमानित माप पता करने में मदद कर सकता है।
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