ब्रेन शार्प रखती हैं दैनिक जीवन की ये 6 आदतें, 40 के बाद भी रहेगी युवाओं जैसी हाजिर जवाबी
रोज़मर्रा के जीवन में छोटी छोटी बातें तनाव का कारण बनने लगती है। फिर चाहे ट्रैफिक की समस्या हो, घर की जिम्मेदारियां या ऑफिस में वर्क लोड। ये सभी चीजें मेंटल हेल्थ (mental health) को प्रभावित करती है, जिसके चलते बातें भूलना और मन को एकाग्र कर पाने से परेशानी बढ़ने लगती है। ऐसे में मेमोरी लॉस (memory loss) और न्यूरालॉजिकल इलनेस का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर शरीर की तंदरूस्ती के लिए खान पान से लेकर व्यायाम तक जीवनशैली में कई बदलाव किए जाते है। उसी तरह से ब्रेन को तेज़ करने के लिए कुछ आसान टिप्स (How to sharpen your brain) की मदद ली जा सकती है।
इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ आरती आनंद बताती हैं कि शरीर की तरह ब्रेन के लिए भी वर्कआउट सेशन आवश्यक है, जो केवल ब्रेन गेम्स (Brain games benefits) तक सीमित नहीं रहता है। इसके लिए मेडिटेशन और व्यायाम के लिए भी समय निकालें और तनाव से दूर रहें। साथ ही ब्रेन को शार्प रखने के लिए कुछ नया सीखने के लिए हमेशा प्रयासरत रहें। इसके अलावा किताबें पढ़ना और ब्रेन को नई चुनौतियां देने से भी मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल (tips to boost mental health) रखा जा सकता है। साथ ही भरपूर नींद की मदद से मेंटल हेल्थ को बूस्ट किया जा सकता है।
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार हर शारीरिक गतिविधि में ब्रेन का इनवॉल्वमेंट आवश्यक होता है। ऐसे में किसी भी कार्य को करने के लिए सभी इंद्रियों का इस्तेमाल करें। इससे ब्रेन सेल्स एक्टिव हो जाते है, जिससे किसी भी मेमोरी को देर तक याद रखने में मदद मिलती है।
इन टिप्स की मदद से करें मेमोरी को शार्प (Tips to sharp the memory)
1. कुछ न कुछ नया सीखते रहें
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार लर्निंग प्रोसेस जारी रहने से मस्तिष्क का संचालन उचित बना रहता है। वे लोग जो कुछ नया सीखने और पढ़ने की कोशिश में जुटे रहते हैं, उनमें चीजों को भूलने की समस्या कम पाई जाती है। इसके अलावा ब्रेन सेल्स की ग्रोथ बढ़ती है, जो कम्यूनिकेशन स्किल को भी डेवलप करते हैं। इसके लिए कोई नई भाष सीखना, कोई हॉबी से संबधित कोर्स करना या रीडिंग करना शामिल होता है। कुछ नया सीखने की आदत मानसिक स्वास्थ्य को हेल्दी बनाए रखने का काम करती है।इससे ब्रेन दिनों दिन एक्टिव और शार्प होने लगता है।
2. ब्रेन को रोज़ाना दें नए चैलेंज
चाहे कोई गेम हो, सवाल हो या किसी रास्ते की खोज, दिमाग को शार्प करने के लिए उसे कोई न कोई चैलेंज अवश्य दें। इससे ब्रेन सेल्स की बढ़ोतरी होती है, जो मेमोरी को बूस्ट करते हैं। खाली समय मोबाइल या डिजीटल गैजेट्स में बिताने की जगह कॉग्नीटिव एक्सरसाइज़ आवश्यक है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार वे लोग जो टैक्सी ड्राइवर है, उनका हिप्पोकैम्पस काफी विस्तृत होता है। दरअसल हिप्पोकैम्पस ब्रेन की उस संरचना को कहा जाता है, जो चीजों को सीखने में मददगार साबित होती है। रोज़ाना नए रास्तों की तलाश में रहने से उनका हिप्पोकैम्पस बढ़ जाता है, जो मेमोरी को भी बढ़ाता है।
3. नियमित व्यायाम से बनाएं ब्रेन को एक्टिव
तन और मन एक दूसरे से संबधित है। अक्सर कहा जाता है जैसे तन वैसा मन। ऐसे में व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। दिनभर में 30 मिनट व्यायाम के लिए निकालें। एक्सरसाइज़ और मेडिटेशन से शरीर में एनर्जी बढ़ने लगती है और ब्रेन को ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में मेंटल डिसऑर्डर का खतरा कम हो जाता है। सक्रिय जीवनशैली को अपनाएं और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ब्रेन को एक्टिव बनाए रखने के लिए सप्ताह में 150 मिनट व्यायाम अवश्य करें। इससे तनाव के स्तर को कम करके ब्रेन सेल्स को बूस्ट करने में मदद मिलती है।
4. याद की हुई चीजों को रिपीट करें
अक्सर हमें बातें भूलने का डर सताने लगता है। ऐसे में मेमोरी को बूस्ट करने के लिए और चीजों को लंबे वक्त तक याद रखने के लिए उन्हें बार बार दोहराएं। इसके अलावा उन्हें किसी कागज़ पर लिख लें। इससे उन्हें याद रखना आसान होने लगता है। अगर किसी शख्स का नाम हर बार भूल जाते है, तो मुलाकात के वक्त उसके नाम को बार बार रिपीट करें। इससे बॉडिंग मज़बूत होती है और ब्रेन एक्टिव बना रहेगा।
5. रोज़ टू डू लिस्ट को फॉलो करें
वे लोग जो नियमानुसार अपने सारे कार्यों को एक एक कर पूरा करने लगते है, उन्हें मानसिक थकान का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके चलते उनकी याददाश्त तेज़ बनी रहती है और चीजों को आसानी से याद रख पाते है। एक दिन पहले अगले दिन का वर्क रूटीन सेट कर लें। इससे समय को कार्यों के लिए विभाजित करने में मदद मिल जाती है और मानसिक स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है।
6. पर्याप्त और गहरी नींद लें
एनआईएच की रिपोर्ट के अनुसार भरपूर नींद लेने वाले लोगों की स्मृति शक्ति यानि याद रखने की क्षमता में 40 फीसदी तक सुधार आने लगता है। इससे ब्रेन सुनी और देखी हुई चीजों को मेमोरी के रूप में ब्रेन में स्टोर करने लगता है। नींद की मदद से दिमाग में लंबे समय से मौजूद दुश्चिंताओं और परेशानियों को रिलीज़ करने में मदद मिलती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार भरपूर नींद की मदद से ब्रेन अल्जाइमर रोग में प्लाक बिल्ड करने वाले प्रोटीन को क्लीन है। इससे क्रिएटिव थिकिंग बढ़ने लगती है।
ये भी पढ़ें- 45 की उम्र पार करते एक तिहाई लोग हो जाते हैं अकेलेपन के शिकार, जानिए इससे कैसे बचना है
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।