गर्मी के मौसम में अधिकतर लोगो को शरीर में पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। निर्जलीकरण के चलते ढ़ीले और पानी जैसे मल की समस्या से दो चार होना पड़ता है। डायरिया से ग्रस्त होने पर पेट में दर्द, ब्लोटिंग और अपच की सामना करना पड़ता है। बढ़ती गर्मी में शरीर में माइक्रोऑरगेजिन्मस की ग्रोथ तेज़ी से बढ़ती है, जिसके चलते व्यक्ति शरीर में लूज मोशन के कारण्एा थकान और कमज़ोरी महसूस करने लगता है। जानते हैं लूज़ मोशन के बाद बढ़ने वाली कमज़ोरी को दूर करने की टिप्स।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज़ एंड डाइजेस्टिव किडनी डिज़ीज की रिपोर्ट के अनुसार गर्मी में डायरिया की समस्या कई कारणों से बढ़ जाती है। आमतौर पर एक्यूट डायरिया 4 दिनों तक रहता है, जो बैक्टीरियल इंफ्क्शन के कारण बढ़ जाता है। इसके अलावा परसिस्टेंट डायरिया 2 सप्ताह तक रहता है, जब कि क्रानिक डायरिया की समस्या 1 महीने तक बनी रहती है।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल ने बताया कि डायरिया की समस्या के बाद शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ने लगता है। ऐसे में पानी खूब पीएं और हल्का आहार लें। सॉल्यूबल फाइबर रिच फूड लेने से उसे पचाने में मदद मिलती है और उससे डायरिया के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है। इसके अलावा पेट दर्द और अपच से बचने के मांस, मछली, अंडा और फ्राइड फूड खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा मसालेदार भोजन भी पाचनतंत्र को उत्तेजित करने लगता है।
तेज़ी से गर्मी का स्तर बढ़ने से बार बार पसीना आने की समस्या बढ़ जाती है और हीट वेव से प्यास बढ़ने लगती है। ऐसे में शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस मेंटेन रखने के लिए दिन में भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इसके अलावा शरीर को विषैले पदार्थों से बचाने के लिए डिटॉक्स वॉटर का भी सेवन करें। पानी में हल्दी, अजवाइल, सौंफ या इलायची उबालकर पीने से पाचनतंत्र उचित बना रहता है। इसके अलावा मिंट लीव्स वॉटर या खीरे का पानी भी कारगर साबित होता है।
आहार में प्रोबायोटिक्स को शामिल करने से इंटेस्टाइन में गुड बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। इससे गट हेल्थ को मज़बूती मिलती है और डायरिया के बार बढ़ने वाली कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। दही का सेवन करने से डाइजेशन इंप्रूव होता है और इम्यून सिस्टम को भी मज़ूबती मिलती है। फर्मेटिंड फूड का सेवन करने से गट फ्रेंडली बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं।
अपने पाचनतंत्र को मज़बूत बनाने और कमज़ोरी से निपटने के लिए घर पर तैयार पौष्टिक आहार ही लें। इसके लिए सूप, खिचड़ी और दाल का सेवन करें। अंडा, दूध और मीट खाने से बचना चाहिए। सॉल्यूबल फाइबर रिच फूड्स का सेवन करना फायेदमंद साबित होता है। इस प्रकार का फाइबर प्री बायोटिक कहलाता है, जिससे पेट हेल्दी बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं।
कैमोमाइल चाय और लेमन ग्रास टी समेत अन्य प्रकार की ग्रीन टी को आहार में शामिल करने से शरीर एक्टिव हो जाता है और इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होने लगता है। इससे शरीर में मौजूद संक्रमण का प्रभाव अपने आप कम हो जाता है। इससे खाने के बाद होने वाली ब्लोटिंग को भी कम किया जा सकता है।
लूज मोशन के दौरान शरीर से फ्लूइड लॉस बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर को एक्टिव बनाए रखने के लिए हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज़ की जगह पर ध्यान और प्राणायाम की मदद लें। इससे तन और मन रिलैक्स रहता है। साथ ही शरीर में होने वाली थकान और कमज़ोरी से बचा जा सकता है।
डायरिया के बाद पाचनतंत्र को बेहद बनाए रखने के लिए तले और भुने हुए फैटी फूड्स को खाने से बचें।
ज्यादा मात्रा में दूध और पनीर का सेवन न करें अन्यथा इससे शरीर में गैस बनने लगती है, जो ब्लोटिंग की समस्या को बढ़ा देता है।
बार बार कॉफी और चाय के सेवन से बचे। इससे यूरिन की फ्रिक्वेंसी बढ़ने लगती है, जिससे शरीर में निर्जलीकरण का खतरा बना रहता है।
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