तेज़ धूप में निकलते ही स्वैटिंग का सामना करना पड़ता है, जो तन की दुर्गंध का कारण बनने लगता है। अधिकतर लोग डियो और परफ्यूम का इस्तेमाल करके इस समस्या को हल करने का प्रयास करते है। लेकिन अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है और आप नेचुरल तरीके से इस तन की दुर्गंध से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इासान उपाय इसमें मददगार साबित हो सकते है। इसके अलावा खानपान की आदतों से लेकर हाइजीन मेंटेन करने के तरीकों में मामूली बदलाव इस समस्या को हल कर सकते है। जानते हैं, तन की दुर्गंध (Body odour remedies) को दूर करने के आसान उपाय।
गर्मी के आगाज़ के साथ ही पसीना आना एक सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया है जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है। अधिकतर लोग तन की दुर्गंध (Body odour remedies) के कारण आसपास के लोगों से दूरी भी बनाकर रखते हैं, जिससे उनका सोशल सर्कल प्रभावित होने लगता है। ऐसे में प्राकृतिक विकल्प इसमें मददगार साबित हो सकते हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि शरीर की दुर्गंध (Body odour remedies) मानव शरीर में बढ़ने वाली वो गंध है, त्वचा की सतह पर पसीने और बैक्टीरिया के ब्रेक डाउन के के कारण बढ़ने लगती है। दरअसल, स्वैट ग्लैंड्स पानी, नमक और कार्बनिक पदार्थों का मिश्रण प्रोड्यूस करता हैं। जब ये कंपाउड बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं, तो वे गंध पैदा करने वाले पदार्थ बनाते हैं। बॉडी के वो अंग जहां स्वैट ग्लैंड्स की उच्च मात्रा होती है, वहीं पसीना अधित आने लगता है। इसके चलते अधिकतर लोगों को हाथों, पैरों और अंडरआर्मस पर पसीने की समस्या और दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। माइक्रोबायोम पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार नौजवानों में पसीने की ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं जिससे शरीर की दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार जब बैक्टीरिया पसीने के ऑर्गेनिक कॉम्पोनेंट को डीकंपोज़ करते हैं, तो वे वॉलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउड बनाते हैं जिनकी गंध बहुत तेज़ होती है। आहार, जेनेटिक्स और हार्मोन के स्तर जैसे कई कारण भी शरीर की गंध (Body odour remedies) की तीव्रता को प्रभावित कर सकते हैं।
रोज़ाना ग्रीन टी का सेवन करने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स की प्राप्ति होती है। ऐसे में तन की दुर्गंध की समस्या से राहत पाने के लिए टी बैग भी बेहद कारगर है। चाय बनाने के बाद बैग को ठंडा होने के छोड़ दें और फिर अंडरआर्म के नीचे कुछ मिनट 5 मिनट तक दबाकर रखें। इसके अलावा कॉटन की मदद से भी चाय को अप्लाई कर सकते है। कुछ देर बाद उसे गीले तौलिए से क्लीन कर लें।
मॉइश्चराइजिंग प्रॉपर्टीज़ से भरपूर नारियल के तेल में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया की मात्रा को कम करके स्वैटिंग से राहत दिलाने में मदद करता है। नारियल के तेल की कुछ बूंदो कों लैवेंडर के तेल में मिक्स करके पैरों, अंडरआर्मस और पसीना आने वाली अन्य जगहों पर अप्लाई कर सकते है। इससे शरी में ताज़गी बनी रहती है। रात को सोने से पहले इसका इस्तेमाल कारगर साबित होता है।
दुर्गंध (Body odour remedies) बढ़ाने वाले बैक्टीरिया को दूर करने के लिए पानी में बेकिंग सोडा को मिलाकर ब्रश की मदद से बलग में गर्दन और पैरों में लगाकर छोड़ दें। लेप सूखने के बाद पानी की मदद से धो लें। सप्ताह में दो बार इसका इस्तेमाल कारगर साबित होता है।
एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ से भरपूर नींबू के रस को पानी में घोलकर एक स्प्रे बॉटल में डालकर रख दें। अब नहाने के बाद आर्मपिट पर उससे स्प्रे करें। इससे दुर्गंध की समस्या (Body odour remedies) हल होने लगती है और त्वचा के रंग में भी निखार महसूस होता है।
टमाटर में लाइकोपीन की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो शरीर की दुर्गंध को दूर करने में मददगार है। इसके लिए टमाटर का पेस्ट बा लें और उसमें एलोवेरा जेल को मिलाएं। अब इस पेस्ट को बगल में लगाकर छोड़ दें और सूखने के बाद धो लें।
नीम के पत्तों में जीवाणुरोधी और एंटीफंगल गुण होते हैं। ये गुण दुर्गंध (Body odour remedies) पैदा करने वाले बैक्टीरिया के विकास को रोककर शरीर की दुर्गंध को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें और आवश्यकतानुसार पानी मिलाएं। अब इसे आर्मपिट पर लगाएं। इससे खराश और पसीने की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
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