उदासीनता रिश्ते और काम दोनों को बर्बाद कर सकती है, जानिए इससे कैसे पीछा छुड़ाना है

दिन भर में होने वाली छोटी-छोटी बातें मन को उदास कर देती हैं। इससे व्यक्ति धीरे-धीरे उदासीनता की ओर बढ़ता है और ऐपिथेटिक बन जाता है। इसलिए जरूरी है कि इसके बारे में जान जाए और बचने का प्रयास करें
Apathy se kaise bachein
जब आसपास की गतिविधियों, परिस्थितियों और लोगों के प्रति हमारा कोई भाव नहीं होता है और व्यक्ति भाव विहीन हो जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 19 May 2024, 06:30 pm IST
  • 141
मेडिकली रिव्यूड

हर व्यक्ति पूरे उत्साह और खुशी के साथ दिन की शुरूआत करता है। मगर दिन भर में होने वाली छोटी-छोटी बातें मन को उदास कर देती हैं। इससे व्यक्ति धीरे-धीरे उदासीनता की ओर बढ़ता है और ऐपिथेटिक बन जाता है। इससे व्यक्ति के मन में न तो कुछ करने की चाहत रहती है और न ही वह लोगों से घुलना-मिलना चाहता है। दरअसल, ऐसे हालात में व्यक्ति के इमोशंस शून्य होने लगते हैं। यह स्थिति किसी के भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इसके बारे में अधिक से अधिक जान जाए और बचने का प्रयास करें।

जीवन में कई ऐसे उतार-चढ़ाव आते हैं, जब व्यक्ति भाव विहीन हो जाता है। उस वक्त व्यक्ति के मस्तिष्क में कई प्रकार के विचार गोल गोल चक्कर काटते हैं। मगर जीवन में उत्साह की कमी के चलते न केवल सोशल सर्कल कम होने लगता है बल्कि हर ओर उदासीनता छाने लगती है। निराशा की इस घड़ी में मन हर पल उदास रहता है और अलग थलग रहने लगता है। 

ऐपेथी किसे कहा जाता है

ऐपेथी का तात्पर्य उदासीनता से है यानि जब आसपास की गतिविधियों, परिस्थितियों और लोगों के प्रति हमारा कोई भाव नहीं होता है और व्यक्ति भाव विहीन हो जाता है। इसमें व्यक्ति अपने आसपास के माहौल से डिस्कनेक्ट महसूस करने लगता है। साथ ही मूड स्विंग की समस्या का भी सामना करता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति किसी भी कार्य में अपनी रूचि नहीं दिखाता है और अपने विचारों में खोया रहता है।

Apathy ke kaaran
कई बार किसी बात को लेकर बार.बार सोचना हमारी मेंटल हेल्थ के लिए परेशानी का कारण भी बन सकता है। चित्र अडोबी स्टॉक

कैसे पहचानें की कोई व्यक्ति ऐपेथी का शिकार है

किसी भी कार्य में रूचि न लेना और खुद को अन्य लोगों से अलग रखना

पल भर में उदास हो जाना और व्यवहार में चिड़चिड़ापन बढ़ने लगना

सोशल सर्कल बिल्ड न करना और अंदर ही अंदर खुद को कोसना

अपनी इच्छाओं पर ध्यान देना और अकेले रहना पसंद करना

हर पल तनाव में रहना और पुरानी बातों को अपने जहन में रखना

ऐपेथी से डील करने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें

1. अपनी समस्या को खोजें

कई बार व्यक्ति बेवजह परेशान, चिंतित और उदास रहने लगता है। असल मायनों में देखा जाए, तो उदासीन व्यवहार का कोई बड़ा कारण नहीं निकल कर आता है। ऐसे में अपनी समस्याओं को इवेल्यूएट करें और फिर उसका समाधान खोजने का प्रयास करें। छोटी छोटी बातों से खुश को उदास होने से बचाएं।

2. स्वंय को खुश रखने का प्रयास करना

सेल्फ केयर हर समस्या को सुलझाने का प्राथमिक उपाय है। इसके लिए अपने आप को चिंता मुक्त रखकर खुश रखने की काशिश करें। अपने पंसदीदा कार्यों को करें और अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने का भी प्रयास करें। इससे अन्य लोग भी आपकी ओर आकर्षित होने लगेंगे।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
Khush rehne ki koshish karein
अपने पंसदीदा कार्यों को करें और अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने का भी प्रयास करें। चित्र : शटरस्टॉक

3. लोगों के करीब जाएं

अपने सोशल सर्कल को वासइड करने के लिए लोगों से मेलजोल बढ़ाएं और उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पैंड करें। इससे मन में बढ़ने वाली ऐपेथी की भावना दूर होने लगती है और मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है। वे लोग जो अक्सर उदासीन रहते है, उनके जीवन में नयापन आने लगता है।

4. फैमिली के साथ समय बिताएं

कुछ वक्त के लिए व्यक्ति को अकेलापन अच्छा लगने लगता है। मगर लंबे वक्त तक अगर कोई अकेला है, तो वो उसकी उदासी का मुख्य कारण बनने लगता है। ऐसे में परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं और अपनी खुशियों और परेशानियों को साझा करें। इसके अलावा परिवार के सदस्यों के साथ आउटिंग पर भी जाएं।

ये भी पढ़ें- इमोशनली हर्ट कर रहा है बॉसी पार्टनर, तो जानिए बिना आक्रामक हुए उनसे डील करने का तरीका

  • 141
लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख