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उपवास में एसिडिटी से परेशान रहते हैं, तो आपके लिए हैं ये 6 जरूरी टिप्स, हेल्दी फास्टिंग के लिए हमेशा रखें ध्यान

व्रत के दौरान छोटी छोटी गलतियां एसिडिटी का कारण बनने लगती है। तला हुआ और अनियमित आहार इस समस्या को बढ़ा देता है। मगर कुछ आसान उपायों की मदद से इस समस्या को हल करने में मदद मिलती है। एसिडिटी से बचने के लिए इन टिप्स की लें मदद
Published On: 31 Mar 2025, 08:00 pm IST
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fasting mei acidity kaise control karein
उपवास चयापचय, आंत के स्वास्थ्य और वजन को संतुलित बनाए रखता है।चित्र : अडॉबीस्टॉक

नवरात्रि में उपवास करने से शरीर में सिरदर्द, चक्कर आना, निर्जलीकरण और कब्ज का सामना करना पड़ता है। दरअसल, खानपान में ही जाने छोटी छोटी गलतियां इन समस्याओं का कारण बनने लगती है। इस दौरान एक समस्या ऐसी भी है, जिससे हर कोई कभी न कभी अवश्य प्रभावित होता है और वो है एसिडिटी। इसमें कोई दोराय नहीं कि डेली डाइट प्लान में आने वाले बदलाव पाचनक्रिया को प्रभावित करने लगता है। मगर कुछ आसान टिप्स की मदद से एसिडिटी की समस्या को हल किया जा सकता है। जानते हैं उपवास में एसिडिटी के कारण और उससे राहत पाने के आसान उपाय (acidity during fasting) भी।

उपवास और एसिडिटी का क्या संबध है (acidity during fasting)

इसमें काई दोराय नहीं कि व्रत के दौरान अधिकतर लोग चाहे तले हुए स्नैक्स हों या अनियमित आहार का सेवन करते हैं, जो एसिडिटी का कारण साबित होता है। डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि उपवास के दौरान ऑयली फूड को हेल्दी फूड से रिप्लेस करने और आहार में विटामिन व मिनरल की उचित मात्रा को बनाए रखने से एसिडिटी की समस्या हल होने लगती है। ऐसे में शरीर को हाइड्रेटेड रखने का प्रयास करें और एक वक्त खाना खाने की जगह दिनभर में 3 से 4 छोटी मील्स लेने से फायदा मिलता है।

हांलाकि, उपवास चयापचय, आंत के स्वास्थ्य और वजन को संतुलित बनाए रखता है। मगर सेल्फ केयर न करने से इसका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव भी दिखने लगता है। एक्सपर्ट के अनुसार अल्पकालिक उपवास इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है और वेटलॉस में मदद करता है। वहीं लंबे समय तक या अत्यधिक उपवास करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी, एसिडिटी और मसल्स लॉस की समस्या बढ़ सकती है। ।

acidity se bachaw kren
उपवास के दौरान ऑयली फूड को हेल्दी फूड से रिप्लेस करने और विटामिन व मिनरल की उचित मात्रा को बनाए रखने से एसिडिटी की समस्या हल होने लगती है।चित्र शटरस्टॉक।

क्यों उपवास में बढ़ती है एसिडिटी की समस्या (Causes of acidity during fasting)

एक्सपर्ट के अनुसार उपवास के दौरान लंबे वक्त तक खाली पेट रहने से पेट में एसिड के उत्पादन में वृद्धि होने लगती है, जो हार्ट बर्न और एसिडिटी का कारण साबित होती है। वहीं व्रत में ऑयली, एसिडिक और मसालेदार आहार का सेवन करने से ये समस्या बढ़ने लगती है। दरअसल, उपवास में डाइट प्लान फॉलो न करने से पाचन क्रिया बाधित होने लगती है।

एसिडिटी से बचने के लिए इन टिप्स की लें मदद (Tips to deal with acidity during fasting)

1. शरीर में हाइड्रेशन मेंटेन रखें

बार बार प्यास लगती है, तो पानी पीएं और हेल्दी पेय पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं। इससे न केवल इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा किया जा सकता है बल्कि थकान और आलस्य से भी राहत मिल जाती है। आहार में छाछ, नींबू पानी और नारियल पानी को शामिल कर सकती है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और ब्लोटिंग की समस्या हल हो जाती है। हाइड्रेटेड रहने से एसिडिटी कम होने लगती है।

2. एसिडिक फूड से दूरी बनाकर रखें

आहार में फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज जैसे नॉन एसिडिक फूड्स का सेवन करें। आहार को संतुलित बनाए रखने के लिए केला, पपीता, अमरूद, अंगूर, तरबूज और खरबूजे व आम का सेवन कर सकते है। इससे शरीर में विटामिन और मिनरल की कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा वॉटर कंटेट से भरपूर ककड़ी, खीरा और टमाटर का सेवन कर सकते हैं।

Fasting ke fayde
आहार में फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज जैसे नॉन एसिडिक फूड्स का सेवन करें। चित्र- अडोबी स्टॉक

3. स्पाइसी खाने से बचें

मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ आहार में जहां स्वाद को जोड़ते हैं, तो वहीं से एसिडिटी को ट्रिगर करने का भी काम करते हैं। खाने के बाद अधिकतर लोगों को ब्लोटिंग, पेट में ऐंठन और जलन बढ़ जाती है। ऐसे में कम तेल और मिर्च के इस्तेमाल से बने साधारण आहार का सेवन करें। इससे पाचनक्रिया उचित बनी रहती है।

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4. स्मॉल मील्स लें

दिनभर में एक बार खाना खाने से ओवरइटिंग का खतरा बना रहता है। ऐसे में एक साथ मसालेदार, मीठा, खट्टा और पेय पदार्थो का सेवन करने से एक डाइट प्लसन तैयार कर लें और हर 4 से 5 घंटे में स्लॉल मील लें। इससे अधिक खाने और एसिडिटी को रोकने में मदद मिलती है।

5. फाइबर को करें आहार में शामिल

आहार में फाइबर को जोड़ने के लिए कुट्टू के आटे का डोसा बनाएं और समक के चावल को तैयार करके खाएं। इससे डाइटरी फाइबर की प्राप्ति होती है, जिससे डाइजेशन बूस्ट होता है और वेटलॉस में भी मदद मिलती है।

High fiber diet
आहार में फाइबर को जोड़ने के लिए कुट्टू के आटे का डोसा बनाएं और समक के चावल को तैयार करके खाएं।

6. कैफीन की मात्रा को सीमित करें

व्रत में अक्सर लोगों को सिरदर्द और आलस्य की शिकायत बनी रहती है। ऐसे में बार बार चाय या कॉफी का सेवन ब्लोटिंग आर एसिडिटी का कारण साबित होता है। शरीर को दिनभर एक्टिव रखने के लिए दूध, दही और अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें। अधिक कैफीन जहां एसिडिटी को बढ़ाती है, तो इससे कब्ज की भी शिकायत बनी रहती है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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